सीडीपीओ शशिकला की प्रताड़ना नहीं झेल सकी पल्लवी,अपने जिंदगी से हिम्मत हारकर फांसी के फंदे में झूलकर मौत को गले लगा ली पल्लवी…
किशनगंज के ICDS विभाग में कार्यरत एक महिला पर्यवेक्षिका ने जिंदगी की जंग लड़ते लड़ते थक चुकी थी।न तो अपने जीवन साथी का साथ मिला और न ही अपने अधिकारी का…प्रताड़ना इतना था की आखिरकार अपने जिंदगी से हिम्मत हारकर,फांसी के फंदे में झूलकर मौत को गले लगा ली।आपको बताते चले की दिनांक-11.04.2018 सुबह उसका शव दुपट्टे के सहारे फांसी के फंदे से लटका मिला।घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने जांच के दौरान कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद की।जिसमें सीडीपीओ शशिकला सिंह द्वारा प्रताड़ित किए जाने का उल्लेख किया गया है।इसकी जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन करते हुए सीडीपीओ के विरूद्ध कार्रवाई की मांग करने लगे।आपको बताते चले की बादल के गरजने की आवाज सुनकर नींद से जगी नौ वर्षीय मासूम प्राची सिंह पास के कमरे में रोती हुई अपनी मां के पास गई।वहां जाकर देखा कि उसकी मम्मी पंखे से लटकी हुई है।वो भाग कर नानी के कमरे में गई और उसे
जगाया।वृद्ध नानी भागकर अपनी बेटी के कमरे में पहुंची तो देखा उसकी बेटी महिला पर्यवेक्षिका पल्लवी कुमारी (35) का शव पंखे से लटक रहा है।माजरा देखकर वो चीखते हुए वहीं बेहोश होकर गिर गई।तब तक घर के अन्य सदस्य जग गए।मृतका ने आत्महत्या के पूर्व सुसाइड नोट लिख छोड़ा है जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है।मृतक महिला के कमरे से मिला सुसाइड नोट में उल्लेख किया गया कि सीडीपीओ के प्रताड़ना से वो तंग आ चुकी थी।परिजनों ने कहा कि पल्लवी बताती थी कि वो जब-जब कुछ अच्छा करने की कोशिश करती थी तो प्रेशर डाला जाता था।इधर घटना के बाद से ही सीडीपीओ का मोबाइल स्विच ऑफ रहा।जानकारी के अनुसार पल्लवी पूर्व में ठाकुरगंज में तैनात थी।सीडीपीओ शशिकला सिंह के द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद उसने अपना तबादला दिघलबैंक करा लिया था।परंतु कुछ ही दिनों के बाद शशिकला सिंह को दिघलबैंक सीडीपीओ का भी प्रभार सौंप दिया गया।इसके बाद

एक बार फिर से प्रताड़ना का दौर शुरू हो गया।शशिकला सिंह द्वारा प्रताड़ित होने के कारण वह गत डेढ़ वर्षों से वरीय पदाधिकारियों के समक्ष न्याय की गुहार लगाती रही।लेकिन उसकी आवाज दबा दी गई।आखिरकार शशिकला के व्यवहार से तंग आकर पल्लवी ने छह माह पूर्व नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। इधर मृतका का पति के साथ भी विवाद चल रहा था।बिहार पुलिस में कार्यरत अजय कुमार सिंह की फिलहाल औरंगाबाद जिले में पदस्थापित है।पति के साथ विवाद की वजह से वह मायके में रहकर अपने दोनों बच्चों को पढ़ा रही थी तथा पति से तलाक को लेकर न्यायालय में मामला भी चल रहा है।मौके पर मौजूद एसडीएम मो. शफीक,एसडीपीओ कामिनी बाला, बीडीओ ओम प्रकाश,सीओ रमण कुमार सिंह,सर्किल इंस्पेक्टर पीके राय,थानाध्यक्ष आफताब अहमद परिजनों व आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास करते रहे।वहां पहुंचे जदयू विधायक मुजाहिद आलम ने इसे जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई मौत बताया।अंतत:दोषी पर विधिसम्मत कार्रवाई के आश्वासन के बाद लोग माने।आप गौर करे की ठाकुरगंज में पदस्थापित पल्लवी एवं अन्य कई महिला पर्यवेक्षिका ने डीएम को आवेदन

देकर अन्यत्र तबादले की गुहार लगाई थी।डीएम ने भी पल्लवी का तबादला दिघलबैंक कर दिया।संयोग ऐसा रहा कि दिघलबैंक के सीडीपीओ का तबादला हुआ और वहां का प्रभार भी ठाकुरगंज सीडीपीओ शशिकला को मिल गया।फिर पल्लवी पर प्रताड़ना का दौड़ शुरू हो गया।पल्लवी ने शिकायत की तो उसके ऊपर थाने में एससी/एसटी एक्ट का मामला दर्ज करवा दिया गया।डीएम पंकज दीक्षित ने कहा कि सारे प्रकरण की जांच का आदेश दे दिया गया है।पल्लवी की सीडीपीओ को लेकर की गई शिकायत की जांच जारी है।शशिकला के ऊपर लगे आरोप से संबंधित कागजात आईसीडीएस विभाग को भेज दिया गया है।19 मार्च 2018 को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक हुई।जिलांतर्गत पदस्थापित एवं कार्यरत महिला पर्यवेक्षिकाओं को पुन: अनुबंध बढाने पर मंथन किया गया था।इसी बैठक में महिला पर्यवेक्षिका पल्लवी के अतिरिक्त पूजा कुमारी, प्रतिभा कुमारी पर भी चर्चा हुई।प्रतिभा कुमारी पर आरोप था कि मातृत्व अवकाश के बाद भी योगदान नहीं किया।वहीं पूजा कुमारी
पर दो महीने तक योगदान नहीं करने का आरोप था।इतने के बावजूद इन पर कार्रवाई नहीं हुई और इन्हें बहाल कर दिया गया।लेकिन दिघलबैंक की सीडीपीओ शशिकला द्वारा किए गए अनुशंसा पर पल्लवी के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई।पूरे मामले में सीडीपीओ शशिकला सिंह से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई।बार-बार उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन हर बार उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला।पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है।सुसाइड नोट में दो तरह की बातें सामने आ रही है।जिसका खुलासा किन्हीं कारणों से हम अभी नहीं कर सकते।हम हर बिंदु पर जांच कर रहे हैं।एसएचओ को सभी बिंदुओं पर जांच कर विधिसम्मत कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।पल्लवी कुमारी के पास से पुलिस को तीन अलग-अलग सुसाइड नोट मिले हैं।जिनमें से केवल सच के पास उक्त सभी सुसाइड नोट की कॉपी है।सुसाइड नोट में पल्लवी ने लिखा है कि सीडीपीओ शशिकला के कारण मैं पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई थी।हर कोई मेरे चरित्र पर छींटाकशी कर रहा था।श्रीमान (एसपी) से निवेदन है कि जांच के नाम पर परेशान न किया जाए।मेरे परिवार
के लोगों के साथ,जो भी मेरा सहयोग दे रहे थे,उन्हें काफी परेशान किया जा चुका है।जदयू विधायक मुजाहिद आलम ने कहा कि सुसाइड नोट से सब साफ है।सीडीपीओ की करतूत की जानकारी सरकार को देंगे।अगर कार्रवाई होती तो महिला की जान नहीं जाती।इस घटना का जिम्मेवार जिला प्रशासन के अधिकारी हैं।
रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह
kewalsachlive.in । Updated Date: APRIL 13 2018 06:02PM
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