जिलाधिकारी, पटना द्वारा लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के 10 अपीलीय मामलों की सुनवाई की गई तथा परिवादों का निवारण किया गया।
डीएम द्वारा लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के 10 मामलों की सुनवाई की गई तथा परिवादों का निवारण किया गया

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/ सेवा शिकायत के निष्पादन में शिथिलता बरतने के आरोप में एक लोक प्राधिकार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा, स्थापना) से कारण-पृच्छा की गई।
सेवा शिकायत निवारण में अरूचि एवं संवेदनहीनता, भ्रामक प्रतिवेदन तथा कार्यों में शिथिलता के आरोप में एक लोक प्राधिकार से स्पष्टीकरण किया गया
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहेंः डीएम
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पटना, शुक्रवार, दिनांक 07.02.2025: जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में तथा बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 के तहत प्रथम अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। सेवा शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में एक लोक प्राधिकार से स्पष्टीकरण किया गया।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के कुल 10 मामलों की सुनवाई की गई तथा परिवादों का निवारण किया गया। सेवा शिकायत के निराकरण में अरूचि तथा संवेदनहीनता, भ्रामक प्रतिवेदन तथा कार्यों में शिथिलता के आरोप में लोक प्राधिकार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना, शिक्षा) से स्पष्टीकरण किया गया।
दरअसल अपीलार्थी श्री अनिल कुमार सिंह, सेवानिवृत्त परिचारी, श्रीकृष्ण रुद्रवती प्लस टू उच्च माध्यमिक विद्यालय, मोकामा, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष सेवा शिकायत निवारण हेतु प्रथम अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी की शिकायत मॉडिफाइड एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेसन यानी एमएसीपी स्कीम के तहत बकाया अंतर वेतनादि के भुगतान के संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि लोक प्राधिकार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना, शिक्षा) द्वारा इस मामले में कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की गई है। उनका प्रतिवेदन भी अस्पष्ट एवं असंतोषजनक है। आज की सुनवाई में उनके द्वारा कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया। परिवादी श्री अनिल कुमार सिंह 31 दिसंबर, 2021 को ही अवकाश ग्रहण कर चुके हैं। चार साल से अधिक समय बाद भी अवकाश-प्राप्त कर्मी के वेतनादि भुगतान का मामला लंबित है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। लोक प्राधिकार का यह व्यवहार सेवा शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। उनकी इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का इतने दिनों में भी समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। अस्पष्ट प्रतिवेदन देने तथा सेवा शिकायत के मामलों में असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने के कारण जिलाधिकारी द्वारा लोक प्राधिकार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना, शिक्षा) से कारण-पृच्छा की गई। साथ ही उन्हें निदेशित किया गया कि सुनवाई की अगली तिथि से पूर्व परिवाद का नियमानुसार निवारण करते हुए कृत कार्रवाई प्रतिवेदन के साथ सुनवाई में उपस्थित रहेंगे।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों एवं सेवा शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।