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हत्या के चार दिन बाद भी अपराधी पुनपुन थाने के गिरफ्त से बाहर, मृतक के परिजनों पर पुलिस द्वारा जबरन झूठी गवाही दिलवाने का लग रहा आरोप…

बिहार में एकबार फिर से अपराधियों का तांडव सिर चढ़ कर बोलने लगा है।आये दिन हत्या, बलात्कार, अपहरण, लूट और न जाने कितने ही जघन्य अपराध ने अपना पांव पसारते जा रहे है और वही राज्य एवं जिले का लॉ एन्ड आर्डर को संभाले बिहार पुलिस मूकदर्शक बनी देख रही है।गौरतलब है की बीते 22 जुलाई को पटना राजधानी अंतर्गत पुनपुन प्रखंड का डुमरी पंचायत में मदन यादव की हत्या से पूरा क्षेत्र गमगीन है और  पुलिस के प्रति आक्रोश।बताते चले की 65 वर्षीय मदन यादव डुमरी पंचायत की मुखिया रूबी देवी के चचेरे ससुर है और वह जमीन सम्बन्धी प्रोप्रटी डीलिंग का भी काम करते थे।उनके परिजनों द्वारा बताया गया की बीते रविवार 22 जुलाई को मदन यादव

रात का खाना खाने के बाद सोने जा रहे थे,इसी बीच उनके नंबर पर किसी अज्ञात का फ़ोन आया और मदन यादव बिना किसी को बताये घर से चले गए।रात  में काफी देर होने का बाद भी वह घर नहीं पहुंचे तो परिजनों को इस बात की चिंता हुई और उनकी खोजबीन शुरू कर दी।अगले सुबह मदन यादव का शव गांव के बगीचे में पाया गया।मदन को चाकू से गोदकर मारा गया था।इस सुचना के बाद मदन यादव के परिजनों में मातम छा गया।वही इस हत्या की घटना के बाद घटना स्थल पर पहुंची पुनपुन थाने की पुलिस ने तफ्तीश शुरू की।हालाँकि ढुलमुल रवैये से पुलिस द्वारा किये जा रहे जाँच को लेकर परिजन एवं ग्रामीण में काफी रोष देखा गया।ग्रामीणों की मांग थी की यथाशीघ्र  इस जाँच कार्य के लिए स्वान दस्ता को लाया जाये।किन्तु इस बात को पुलिस ने नजरअंदाज कर रखा था,फिर ग्रामीणों और परिजनों को अपनी बातों पर अडिग देखकर पुलिस ने स्वान दस्ता और बैज्ञानिक अनुसन्धान के लिए बुलाया।देर शाम तक आनन फानन में पुलिस ने शक के आधार पर दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया,लेकिन अभी भी मुख्य आरोपी पुलिस के गिरफ्त से दूर है।सूत्रों की माने तो यह भी कहा जा रहा है की पुलिस द्वारा पकड़े गए दोनों अभियुक्तों ने स्थानीय थाने को पैसा खिलाकर केश का रुख मोड़ रही है।दूसरी तरफ मृतक के बेटे और महिलाओ को पुलिस द्वारा जबरन गवाही दिलायी जा रही है की इस हत्या को उनके अपने रिश्तेदारों ने ही कराया है,ऐसा वह कबूल कर मामले को यही ख़त्म कर दें और अपराधी मुक्त हो जाये।हालाँकि परिजनों का कहना है की हम पुरे परिवार एक है और किसी भी तरह का हमलोगो के बीच कोई विवाद नहीं है किंतु पुलिस हमें ही गवाही देने को कह रही है की यह कबूल करो की आपसी विवाद के कारण परिवार ने ही हत्या की है,जो मिथ्या है।मृतक के पुत्र सुधीर यादव रोते बिलखते न्याय की गुहार लगा रहे है की स्थानीय पुनपुन थाने की पुलिस हमारी मदद करने के बजाये,हमे टॉर्चर कर रही है।आज हत्या के 4 दिन हो गए फिर भी मेरे पिता के हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में नहीं आये है।अगर जल्द से जल्द हत्यारे को गिरफ्तार नहीं किया गया तो इसके लिए हम सभी उग्र रूप अपनायेगे।सनद रहे की पिछले कई दिनों से बिहार पुलिस का नाम शर्मसार हुआ है क्योकि अधिकारी अपने ही कार्यरत्त पुलिस जवानो के विवादों में घिरी परी है।कभी दरोगा और थाना प्रभारी के बीच मारपीट का मामला आता है तो कभी खुद के सर्विस गन से आत्महत्या करने का,कभी शब्जी वाले पर जोर जबरदस्ती कर झूठे केश में फ़साने का मामला आता है और अब थाने की सांठगाँठ अपराधियों के साथ मिलकर पैसा कमाने का रहा है।बीते दिनों बिहार में ही एक आईपीएस पर आये से अधिक सम्पति सम्बंधित मामला चर्चा में रहा तो वही वरिय अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारी के साथ यौन शोषण का भी मामला रहा।बहरहाल,ऐसे में कैसे लगेगा अपराध पर अंकुश ? कैसे सुरक्षित रहेगी जनता ? अब मदन यादव के केश का सही जाँच हो पायेगा या फिर वरिय अधिकारी भी करेंगे टालमटोल ? फ़िलहाल थाने द्वारा मृतक के परिजनों पर किये जा रहे टॉर्चर पर क्या एक्शन लेंगे वरीय अधिकारी, ये भविष्य के गर्भ में है ?

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर     

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