स्वास्थ्य के प्रति रहे जागरूक :-डॉ अभिषेक

गोपालगंज:-ज्ञान,कर्म,तपस्या एवं बलिदान की धरती बिहार के गोपालगंज जिला शुरू से ही संघर्ष करते आ रहा है और इसी संघर्ष करने वाली धरती पर मांझागढ़ प्रखंड के कोयनी गाँव के युवा लोकप्रिय डॉ अभिषेक आमजनों को स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए लगातार प्रयासरत है।युवा जोश, बड़ी सोच एवं बुलन्द इरादे के साथ यह हर छोटी-बड़ी गावों के लोगो को जागरूकता स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से निःशुल्क जांचकर एवं भविष्य में कैसे रहे कि संक्रमण से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके,का पाठ पढ़ा रहे हैं।बातचीत के क्रम में डॉ अभिषेक रंजन ने बताया कि वह हृदय एवं क्षय रोग विशेषज्ञ के साथ-साथ मधुमेह रोग के भी स्पेशलिस्ट है,एवं उनकी पोस्टिंग पटना एम्स में थी।लेकिन इन्होंने समाज सेवा के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
इनका मानना है कि आज भी सुदूर देहात इलाको में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं है,यही वजह है कि भविष्य में लगभग संक्रमण से होने वाली बीमारियों इन इलाकों में बढ़ जाती है जो कभी-कभी मौत का कारण भी बन जाती है,इसलिए इन्होंने प्रण लिया कि वह सुदूर इलाको में “जागरूकता स्वास्थ्य शिविर” का आयोजन कर लोगो की मुफ्त की जांच एवं दवाइयां उपलब्ध कराते है।गौरतलब हो कि अभिषेक का यह जुनून न सिर्फ एम्स से ही उनको इस्तीफा दिलाया बल्कि इसके साथ साथ उन्होंने कई बड़ी-बड़ी नौकरियों तक को छोड़ दिया है,आईएएस की परीक्षा में सफलता मिलने के बावजूद भी इन्होंने शामिल नहीं हुए ताकि किये गए प्रण के आगे कुछ भी बड़ा नहीं है,ऐसा इनकी मानना हैं।अब आप सोच सकते है कि जिस शख्सियत ने देश की बड़ी परीक्षा में सफलता पाने के बावजूद भी सिर्फ लोगो की सेवा को ही सर्वोपरि माना उसके इरादे कितने बुलन्द होंगे।दिगरबात यह है कि डॉ अभिषेक रंजन द्वारा चलाये जा रहे इस मुहिम में न कोई एनजीओ या ट्रस्ट से सहायता ली जाती है बल्कि इस आयोजन का खर्चा वह खुद अपने पास से करते है।इनकी वाइफ सुकृति सिंह जमशेदपुर में एसबीआई के सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत है,जो अपने 2 साल के बच्चे के साथ वही रहती है एवं डॉo अभिषेक अपने गृह जिले गोपालगंज में लोगी के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर स्वस्थ्य क्रान्ति लाने में प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि महीने में एक दो बार जब भी वह फ्री हो अपने परिवार से मिलने वह जमशेदपुर जाया करते हैं।अभिषेक रंजन पिछले 6 महीनों से स्वस्थ्य क्रान्ति के लिए अपना अभियान छेड़ा।धीरे-धीरे इसका व्यापक रूप होता गया।शुरुआत इन्होंने पटना के ग्रामीण इलाकों से ही कि थी।स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से अबतक लगभग दस हजार मरीजो का निःशुल्क जांच एवं दवाइयों का प्रबंध करा चुके है जबकि सोशल नेटवर्किंग की बदौलत देश के अन्य हिस्सों से लगभग 1500 लोगो की इलाज के लिए सुझाव एवं दवाइयां बता दिए है,जिसका रिस्पॉन्स भी बहुत ही बेहतर रहा है।आज इनकी चर्चा अन्य जिलो में भी तेजी से फैल रही है,तथा अन्य जिलों से इस तरह के जागरूकता अभियान में आने के लिए लगातार निमंत्रण मिलने लगे है।
रिपोर्ट-श्रीधर पाण्डे