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एक दारोगा ने अपने ही बेटे को शराब तस्करी के धंधे लिप्त को करवाया गरिफ्तार,पुत्रमोह से पड़े रहकर फर्ज निभाने की यह मिसाल आज चर्चा का सब्जेक्ट

कौन कहता है की ईमानदार पुलिस नहीं होता ? आज भी ऐसे पुलिस पदाधिकारी है जो अपना फ़र्ज़ निभाने में पीछे नहीं हटते, मै ऐसे पुलिस पदाधिकारी को तहों दिल से प्रणाम करता हूँ…आप को मालुम हो की बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद से पहली होली करीब आ रही है। होली के दिन होनेवाली मांग को पूरा करने के लिए तस्कर शराब की तस्करी में जुटे हैं। पुलिस रोज शराब कारोबारियों को पकड़ रही है, लेकिन शराब बरामद होने का सिलसिला नहीं थम रहा है। शराब के धंधेबाज अब अपने नेटवर्क में ऐसे लोगों को जोड़ने लगे हैं, जिनका संबंध पुलिस से हो। एक ऐसा ही मामला बिहार के दरभंगा में सामने आया है। जहां एक दारोगा का बेटा शराब सप्लाई कर रहा था। दारोगा अपने बेटे के इस धंधे से अनजान थे, लेकिन गुरुवार को उन्हें इसका यकीन हो गया। उन्होंने देखा कि बेटे ने शराब की बोतलें घर पर मंगाई हैं, जिन्हें वह ग्राहकों को सप्लाई करने वाला है। दरभंगा के एपीएम थाना में

पोस्टेड दारोगा प्रभात शंकर को यह मंजूर न था कि उनका बेटा इंद्रजीत कुमार शराब के काले कारोबार में लिप्त हो।उन्होंने बेटे द्वारा घर पर शराब की खेप मंगाने की सूचना दरभंगा के विश्वविद्यालय थाना और जिले के पुलिस अधिकारी को दे दी।सूचना मिलते ही पुलिस ने रेड मारा और दारोगा के बेटे को 25 बोतल शराब के साथ गिरफ्तार कर लिया।पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद इंद्रजीत ने बताया कि उसके पास समस्तीपुर से शराब आई थी।एक दारोगा द्वारा पुत्रमोह से पड़े रहकर फर्ज निभाने की यह मिसाल आज चर्चा का सब्जेक्ट बन गया है।

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

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