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सहरसा : ग्रामीण कार्य प्रमंडल कार्यालय में एक कार्यपालक अभियंता, चार सहायक अभियंता, पांच कनीय अभियंता पदस्थापित हैं, चोंकाने वाली खबर यह है की कोई भी पदाधिकारी अपने कार्यालय नही आते..

सहरसा (सूत्र): ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल सिमरी बख्तियारपुर में कार्यपालक अभियंता एवं सहायक अभियंता का कार्यालय है। इस कार्यालय के अधीन पांच प्रखंड सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ, बनमा ईटहरी, सोनवर्षाराज एवं पतरघट है। ग्रामीण कार्य प्रमंडल कार्यालय में एक कार्यपालक अभियंता, चार सहायक अभियंता, पांच कनीय अभियंता पदस्थापित हैं। चोंकाने वाली खबर यह है की कोई भी पदाधिकारी अपने कार्यालय नही आते हैं। हां, सिर्फ 26 जनवरी व 15 अगस्त को तिरंगा झंडा फहराकर चलते बनते है। यहां पदस्थापित पदाधिकारी जिला मुख्यालय सहरसा एवं अन्य स्थानों पर रहकर अपना कार्यालय का संचालन करते हैं। अनुमंडल मुख्यालय सिमरी बख्तियारपुर में कार्यपालक अभियंता का कार्यालय करीब एक  लाख रुपये सालाना की दर से भाड़े के छोटे से कमरे में वर्ष 2014 से संचालित है। वर्ष 2018 में तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी सुमन प्रसाद साह के निरीक्षण में खुलासा हुआ की सरकारी कार्यालय उपलब्ध रहने के बावजूद भाड़े के मकान में कार्यालय संचालित है। सरकार की राशि बेफिजूल खर्च हो रही है। उन्होंने पत्र निर्गत कर कार्यपालक अभियंता एवं सहायक अभियंता कार्यालय को चिन्हित खाली पड़े सरकारी कार्यालय में ले जाने का आदेश दिया था। उक्त आदेश पर कुंडली मारकर जिले में बैठे विभागीय पदाधिकारियों के बीच खलबली मच गई थी। आनन फानन में खाली पड़े पुराने अनुमंडल कार्यालय में कार्यपालक अभियंता कार्यालय तथा इसी के बगल में स्थित लोक शिकायत निवारण कार्यालय में सहायक अभियंता कार्यालय संचालित करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई थी। खाली पड़े पुराने अनुमंडल कार्यालय में कार्यपालक अभियंता कार्यालय संचालित करने की तैयारी पूरी कर ली गई थी। साफ सफाई कर कार्यालय का बोर्ड भी लगा दिया गया था। लेकिन कभी भी कार्यालय संचालित नही हो सका। जिस कारण आवारा जानवरों का पनाहगार बना रहा। उक्त खाली पड़े भवन पर कार्यक्रम पदाधिकारी अभिषेक आनंद की निगाह गई। डीडीसी साहिला के प्रथम निरीक्षण के दौरान कार्यक्रम पदाधिकारी अभिषेक आनंद द्वारा खाली पड़े अनुमंडल कार्यालय में मनरेगा कार्यालय संचालित करने का आग्रह किया गया था। डीडीसी के आदेश पर उक्त कार्यालय की मरम्मति के साथ रंग रोगन करा कर इसी वर्ष से मनरेगा कार्यालय संचालित किया जाने लगा। अब वही कार्यालय की सुंदरता देखने लायक है। इसी कार्यालय के बगल स्थित लोक निवारण कार्यालय में सहायक अभियंता कार्यालय को शिफ्ट कर दो चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी को बैठा दिया गया। जो पूरे दिन झाल बजाते रहते हैं। पदाधिकारीगण जिला मुख्यालय व अन्य स्थानों पर बैठकर संचालित योजनाओं के कागजी फर्जीवाड़ा करने में व्यस्त रहते हैं। ग्रामीण कार्य विभाग के पदाधिकारी भवन का रोना रो-कर भाड़े के मकान में फॉर्मलिटी कार्यालय संचालित कर रहे हैं। जिस पर सरकार की प्रतिवर्ष एक लाख रुपये फालतू खर्च हो रही है। यानि अब तक सरकार की करीब 10 लाख रुपये भाड़े के तौर पर खर्च हो चुकी है। इस कार्यालय में सिर्फ चार चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी ही रोजाना अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद रहकर सिर्फ कार्यालय का रखबारी कर रहे हैं। ग्रामीण कार्य प्रमंडल सिमरी बख्तियारपुर का कार्यालय जिला मुख्यालय स्थित कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता व कनीय अभियंता के आवास, बाइक की डिक्की व झोले में संचालित हो रहे हैं। जिला मुख्यालय से सिमरी बख्तियारपुर कार्यालय की दूरी करीब 20 किलोमीटर है। ग्रामीण कार्य प्रमंडल कार्यालय सिमरी बख़्तियारपुर से कार्यालय संचालित होता तो सभी योजनायें की देख रेख, निरीक्षण हमेशा होते रहता। जिसकी गुणवत्ता पर ख्याल रखा जाता। हालांकि इस क्षेत्र में ग्रामीण कार्य विभाग की करोड़ों की राशि से संचालित अधिकांश योजनाएं राम भरोसे ही चल रही है। जिसका कोई माई-बाप नही है। सहरसा में ही बैठकर प्राक्कलन तैयार कर मापीपुस्त भर कर राशि की निकासी कर ली जाती है। जबकि सर जमीनी हकीकत कुछ और ही रहती है। जिसकी उच्चस्तरीय जांच कर कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

उक्त समाचार सहरसा के एक पत्रकार के द्वारा केवल सच लाइव डॉट इन को उपलब्ध करवाया गया है।

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