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समाज कल्याण विभाग ने आनन-फानन में बिना कोई शो कॉज के कमिश्नर की अनुशंसा पर सीडीपीओ को किया निलंबित…

मुंगेर-जमालपुर सी.डी.पी.ओ. श्रीमती कृष्णा सिंह, कमिश्नर की अनुशंसा पर निलंबित-आपको बताते चले कि श्रीमती कृष्णा सिंह का कहना है कि बिना कोई गलती के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आईसीडीएस, मुंगेर एवं अनुमंडल पदाधिकारी-सदर, मुंगेर की जांच जो फर्जी सबूत के आधार पर था, उसके आलोक में आयुक्त-मुंगेर प्रमंडल, मुंगेर के द्वारा कार्रवाई हेतु समाज कल्याण विभाग को प्रतिवेदन प्रेषित किया गया।जबकि इस संबंध में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी का कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगा गया।समाज कल्याण विभाग भी आनन-फानन में बिना कोई शो कॉज किए श्रीमती सिंह को निलंबित कर दिया।जानकारी के अनुसार श्रीमती कृष्णा सिंह के द्वारा उनके ही कार्यालय में कार्यरत महिला पर्यवेक्षिका श्रीमती प्रिया आनंद के द्वारा बार-बार श्रीमती कृष्णा सिंह के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया जाता था।विभागीय कार्यो की अनदेखी किए जाने के कारण महिला पर्यवेक्षिका प्रिया आनंद के खिलाफ जिला प्रोग्राम पदाधिकारी मुंगेर एवं जिला पदाधिकारी मुंगेर से शिकायत की गई परंतु महिला पर्यवेक्षिका श्रीमती प्रिया आनंद के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं किया गया।

उल्लेखनीय है कि 23 अगस्त को श्रीमती प्रिया आनंद के द्वारा अपने पति से श्रीमती कृष्णा सिंह को जान से मारने की धमकी दिलाई गई थी, जिसके आलोक में जमालपुर सीडीपीओ श्रीमती कृष्णा सिंह के द्वारा स्थानीय थाना में अज्ञात मोबाइल नंबर पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दर्शाए गए मोबाइल नंबर की जांच की गई तो पता चला की धमकी देने वाला कोई और नहीं बल्कि महिला पर्यवेक्षिका का पति विनोद कुमार है,

महिला पर्यवेक्षिका पति विनोद कुमार

परंतु विनोद कुमार की गिरफ्तारी होने के बजाय तथा महिला पर्यवेक्षिका श्रीमती प्रिया आनंद के खिलाफ कोई कार्रवाई होने के बजाय, श्रीमती सिंह के जैसे निर्दोष पदाधिकारी पर मनगढ़ंत आरोप लगाकर इन्हें निलंबित कराया गया।विदित हो कि महिला

पर्यवेक्षिका श्रीमती प्रिया आनंद के द्वारा जितने भी आरोप लगाए गए हैं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी श्रीमती कृष्णा सिंह के प्राथमिकी दर्ज करने के बाद की है।इससे स्पष्ट होता है कि पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर प्रिया आनंद के द्वारा मनगढ़ंत आरोप लगाकर वरीय पदाधिकारी को इसमें सम्मिलित किया गया।सुशासन की सरकार में ऐसे कई पदाधिकारी हैं जो बिना गलती किए ही दंड का भागी बन रहे हैं।मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के अभियुक्त समाज कल्याण मंत्री के पति जेल में है परंतु मंत्री श्रीमती मंजू वर्मा को 2 दिन पहले जदयू से निष्कासित किया गया।आखिर ऐसा कौन सा अपराध श्रीमती कृष्णा सिंह के द्वारा किया गया, जिस पर बिना कारण परीक्षा का ही इन्हें निलंबित कर दिया गया।यह प्रश्न जीवंत बना हुआ रहेगा।

रिपोर्ट-निर्मल आनंद

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