शराब माफिया अरुण को आर्थिक अपराध इकाई और छपरा पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर धर-दबोचा,घर से मिले 36 लाख नगद…
बिहार के टॉप 10 में नम्बर 1 का शराब माफिया है अरूण सिंह।रुपए और मशीन को इसके घर पटना कंकड़बाग स्थित से बरामद किया है।इसके कई ठिकानों पर अब भी छापेमारी जारी है।बताया जाता है कि हाजीपुर और इसके आसपास के इलाके में शराब की जो भी कंटेनर पकड़ी जाती थी,सब इसी के होते थे।
छपरा बिहार में अवैध शराब के बढ़ते व्यापार से जूझ रही पुलिस को बहुत बड़ी कामयाबी मिली है।बिहार का सबसे बड़ा शराब माफिया अरुण सिंह छपरा में पकड़ा गया है।पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद पटना सहित पूरे बिहार में शराब के अवैध सिंडिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ी अरुण सिंह को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और छपरा पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया है।गिरफ्तारी के साथ ही उसके पटना स्थित घर से 36 लाख रुपये नगद के अलावा हीरे और सोने के जेवरात बरामद किए गए है।मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार शराब माफिया की निशानदेही पर पटना,छपरा और हाजीपुर में पुलिस की छापेमारी जारी है।
शराबबंदी के बाद अरुण के खिलाफ डेढ़ दर्जन से ज्यादा मामले पटना सहित चार जिलों में दर्ज किए गए थे।जिनमें से चार मामलों की जांच आर्थिक अपराध ईकाई कर रही थी।लेकिन शातिर शराब माफिया अरूण सिंह हर बार अपने राजनैतिक रसूख और पैसे के बल पर बच जाता था।मालूम हो कि बिहार के टॉप 10 में नम्बर 1 का शराब माफिया है अरूण सिंह।रुपए और मशीन को टीम ने इसके पटना में कंकड़बाग स्थित घर से बरामद किया है।जबकि इसके कई ठिकानों पर अब भी छापेमारी जारी है।बताया जाता है कि हाजीपुर और इसके आसपास के इलाके में शराब की जो भी कंटेनर पकड़ी जाती थी,सब इसी के होते थे।सूत्र बताते हैं कि शराबबंदी के शुरुआती दौर में ही ये मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में पकड़ा गया था।शराब की तस्करी करते पुलिस टीम ने इसे रंगे हाथ पकड़ा था।लेकिन बड़ी रकम देकर ये मौके से छूट गया था।शराब तस्करी का धंधा इसके लिए नया नहीं है।सूत्र की मानें तो बिहार से पहले इसने गुजरात को अपना अड्डा बनाया था।चूंकि वहां पहले से शराब पर पाबंदी लगी है।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर