विधानसभा चुनाव को लेकर भोजपुर जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमिता पांडेय ने मौजूदा परिस्थिति में चुनाव टालने का बात कही,एवं महिला सशक्तिकरण को बताया।

भोजपुर गुड्डू कुमार सिंह महिला सशक्तिकरण क्या है अमिता पांडेय कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने कहा की महिला सशक्तिकरण को बेहद आसान शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि इससे महिलाएं शक्तिशाली बनती है जिससे वह अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती है और परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती है। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना महिला सशक्तिकरण है। इसमें ऐसी ताकत है कि वह समाज और देश में बहुत कुछ बदल सके। वह समाज में किसी समस्या को पुरुषों से बेहतर ढंग से निपट सकती है। विकास की मुख्यधारा में महिलाओं को लाने के लिये भारतीय सरकार के द्वारा कई योजनाएं चलाई गई हैं।
आगामी विधानसभा चनाव को देखते हुए।उन्होंने ने कहा है कि चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है इसे होना ही चाहिए।मगर बिहार अभी बाढ़ और कोरोना की दोतरफा मार झेल रहा है। ऐसे हालात में जनता की जान जोखिम में डालकर चुनाव कराना उचित नहीं होगा।महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह बातें कही।उन्होंने ने कहा कि राज्य में करीब दस लाख कोरोना की जांच हुई हैं संक्रमितों का आंकड़ा अस्सी हजार पार कर चुका है।अक्टूबर-नवंबर तक संक्रमितों की संख्या तकरीबन 10 लाख तक पहुंचने की संभावना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबित भी उस वक्त कोरोना संक्रमण चरम पर होगा।उन्होंने आगे बताया कि पहले से ही बिहार में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं चुनाव घोषित होते ही पूरी सरकारी मशीनरी उसमें जुट जाएगी।ऐसे में कोरोना के खिलाफ लड़ाई और भी कमजोर हो जाएगी .उन्होंने कहा है कि बिहार में संक्रमण से मुख्यमंत्री कार्यालय, राजभवन, पुलिस मुख्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय से लेकर राजनैतिक दलों के दफ्तरों तक कोई जगह बची नहीं है।इन हालात में चुनाव आयोग सभी दलों और प्रत्याशियों को समान अवसर मुहैया कराते हुए हर मतदाता की संक्रमण से सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएगा यह संभव नहीं है।कांग्रेस चुनाव की विरोधी नहीं है लेकिन जनता की सुरक्षा को देखते हुए इसे कुछ समय के लिए टाला जाना चाहिए।अमिता पांडेय ने आगे कहा कि किसी भी समाज के विकास का सीधा सम्बन्ध उस समाज की महिलाओं के विकास से जुड़ा होता है।महिलाओं के विकास के बिना व्यक्ति,परिवार और समाज के विकास की कल्पना भी नही की जा सकती है।पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का भी सपना था कि महिलाओं को बराबरी का हक मिले और सत्ता में उनकी भागीदारी बढ़े .उनके प्रयासों से संविधान का 73वां एवं 74वां संशोधन हुआ और महिलाओं को गांव की सरपंच से लेकर पंचायत समिति प्रधान एवं जिला प्रमुख बनने का अवसर मिला।कांग्रेस पार्टी के ही दिखाए हुए रास्ते को कई राजनीतिक पार्टियां अपना रही हैं. भले ही चुनाव में अभी समय है लेकिन कांग्रेस पार्टी भी अपने स्तर से जमीनी कार्यकर्ताों तक पहुंच पार्टी को मजबूत करने और उनका हौसला बढ़ाने का काम कर रही है।देश में कांग्रेस पार्टी ही जो आम जनों का ख्याल रख सकती है।वहीं सत्ता की लालच में भारतीय जनता किसी भी हालत में गिर सकती है इसका उदाहरण लोगों ने राजस्थान, मध्यप्रदेश में देखा है।हमारे कार्यकर्ता हर समय जनता की सेवा के लिए तत्पर हैं हमें अपने लक्ष्य से कोई सांप्रदायिक शक्ति डिगा नहीं सकती है।