महिलाओं की सुरक्षा में गठित “पिंक पैट्रोलिंग” की परिकल्पना साकार हुई…

“पिंक पैट्रोलिंग” दस्ते की शुरुआत कैसे हुई ? किशनगंज आज भले ही “पिंक पैट्रोलिंग” की शुरुआत की गयी लेकिन बहुत कम लोग ही जानते है कि एसपी कुमार आशीष ने किशनगंज जिला जॉइन करने के बाद ही इस दस्ते की अवधारणा को धरातल पर उतारने की ठान ली थी।उनके द्वारा मधेपुरा और नालंदा जिलों में भी ऐसी शुरुआत की गयी थी जिसका व्यापक असर देखने को मिला था।किशनगंज पुलिस सीमाँचल इलाके में लगातार महिलाओं के प्रति अत्याचार के मामलो को लेकर संजिदा रही हैं।लगातार कारवाई भी होती रही है।पिछ्ले महीने महिला-उत्पीड़न, अपहरण-छेड़खानी को लेकर भी कुछ शिकायतें भी आए।अच्छी बरामदगी-कारवाई भी हुई।एसपी कुमार आशीष ने
बताया की शिकायतों पर त्वरित कारवाई के साथ-साथ महिलाओं से पुलिस के प्रति डर को निकालना ज़रूरी है। महिलाओं के लिए अलग से कुछ करना होगा। तभी उन्होंने एक पुलिस का स्पेशल दस्ता बनाने की सोची जिसका नाम रखा “पिंक पैट्रोलिंग”-किशनगंज पुलिस का विशेष महिला सुरक्षा दस्ता आपको बताते चले की इस विशेष दस्ते में 01 एसआई, 02 एएसआई एवं 12 महिला कांस्टेबल को लगाया गया है।ये टीम लगातार गश्ती के अलावा कॉलेज-स्कूल एवं सम्बंधित संस्थानो मे women-empowerment, motivation, Self Defence Techniques तथा संभावित अप्रिय स्थितियो से निबटने के गुर भी सिखायेगी।इस विशेष टीम को पर्याप्त सह्योग के लिये SHO/CI किशनगंज एवं यातायात प्रभारी किशनगंज को भी निर्देशित किया गया है। दस्ते की मॉनिटरिंग अनुमंडल पुलिस पदधिकारी डॉ अखिलेश कुमार करेंगे। वही जिलाधिकारी श्री महेंद्र कुमार का
कहना है की छेड़खानी घर घर की समस्या-किशनगंज पुलिस का यह कदम सराहनीय है।पिंक ब्रिगेड के गठन से महिलाओं व लड़कियों के मन में विश्वास की भावना जागृत होगी।छेड़खानी घर घर की समस्या बनती जा रही है जो समाज के लिए चिंता का विषय है।लोगों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी।वही एसपी किशनगंज का कहना है की सोच बदलने की दरकार-छेड़खानी को जड़ से ख़त्म करने के लिए समाज को अपनी सोच बदलने की ज़रूरत है।हमें समझना होगा कि सड़क पर चलने वाली महिलाएं व लड़कियां किसी न किसी की माँ या बहन हो सकती है।जिस तरह हम अपने घर में माँ या बहन की इज़्ज़त करते हैं, उसी तरह सभी की इज़्ज़त करनी होगी। इसमें कोई शक नहीं कि किशनगंज पुलिस के द्वारा गठित “पिंक पैट्रोलिंग” मनचलों पर लगाम लगाएगी।
उन्होंने कहा कि इस महती कार्य हेतु लिये युवाओं को आगे आना होगा, छेड़खानी डर या खौफ से ख़त्म नहीं किया जा सकता।इसके लिए सामाजिक चेतना जागृत करने की ज़रूरत है।संस्कारों की कमज़ोर पड़ती पौधे को मज़बूत करने की ज़रूरत है।पुलिस कप्तान कुमार आशीष ने कहा कि छेड़खानी किसी एक घर की समस्या नहीं है।इस विकृत सोच को बदलना होगा।महिलाओं का सम्मान करे नहीं तो पुलिस को अपना काम करना आता है।छेड़खानी और महिलओं के प्रति आपराधिक प्रवृति किसी हाल में बर्दास्त नहीं की जायेगी।“पिंक पैट्रोलिंग” के गठन के पीछे हमारी यही सोच है कि महिलाओं व लड़कियों की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित करना है।
इसके लिए व्हाट्सअप/हेल्पलाइन नंबर 8544428162 जारी किया गया हैं,जो इस दस्ते की प्रभारी महाश्वेता सिन्हा के पास होगी।महिलाऐं एवं छात्राये निसंकोच होकर अपनी शिकायत या सुझाव दर्ज करवा सकती है,इसके लिये उन्हें थाना आने कि आवश्यकता नहीं होगी।वही एसडीपीओ किशनगंज डॉ अखिलेश कुमार ने कहा की महिलाओं का सम्मान करें,यह काफी अच्छी मुहिम है।पिंक पेट्रोलिंग के गठन से महिलाओं को सुरक्षा का अहसास होगा।मैं यही गुजारिश करुँगा कि घर से बाहर निकलने वाली लड़कियों व महिलाओं का सम्मान करें।वही महिला थाना प्रभारी किशनगंज ने कहा की सुधर जाओ नही तो “पिंक पैट्रोलिंग” पुलिस सुधार देगी उन्होंने कहा की इन पॉइंट पर रहेगी विशेष नज़र मेडिकल कॉलेज, महिला छात्रावास, सुभाष पल्ली, मारवाड़ी कॉलेज, भट्टा ओवर ब्रिज, नेशनल स्कूल, बाल मंदिर एवं अन्य चौक बाज़ारों पर विशेष निगाह रहेगी, ये सारे वो इलाके है जहाँ छेड़खानी की समस्या अधिक रहता है।अब “पिंक पैट्रोलिंग” गठन के बाद इस समस्या पर काफी हद तक नकेल कसा जा सकता है।वर्तमान में दो पालियो में ये दस्ता उपरोक्त सभी इलाकों मे गश्ती करेगा।आमजनों से सह्योग की अपील की जाती हैं।
रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह