बिहार उपचुनाव में राजद की जीत से गदगद तेजप्रताप…
बिहार उपचुनाव की मतगणना जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है।उसी तरह से पॉलिटिकल रिएक्शन्स भी आने लगे हैं।राजद को जहानाबाद में जहां जीत मिल गई है।वहीं अररिया में भी भारी मतों से बढ़त बनाये हुए है।राजद के शानदार प्रदर्शन से पार्टी में जश्न का माहौल शुरू हो गया है।विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव,और राजद नेता तेजप्रताप बेहद खुश नजर आ रहे हैं।उन्होंने जश्न के माहौल में तेजप्रताप यादव ने सीएम नीतीश कुमार को भी संदेश दे दिया है।अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर तेज प्रताप यादव ने नीतीश कुमार की पार्टी जदयू की हार पर चुटकी ले ली है।उन्होंने नीतीश कुमार को चाचा संबोधित करते हुए कहा कि अब चाचा मिठाई खाएं।बतादें कि जहानाबाद में राजद प्रत्याशी की जीत के बाद से जश्न का माहौल बना हुआ है।आप को मालूम हो कि जहानाबाद सीट को लेकर बिहार में खूब माथा-पच्ची हुई थी। राजद के कैंडिडेट तो तैयार ही थे, लेकिन NDA में यह तय कर
पाना मुश्किल हो रहा था।बाद में काफी माथापच्ची के बाद बीजेपी ने जहानाबाद सीट पर कदम पीछे खींच लिए।बीजेपी ने जदयू से आग्रह किया था कि वे अपना प्रभावी उम्मीदवार मैदान में उतारे।जबकि जदयू ने पहले ही उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर लिया था।काफी दबाव के बाद जदयू ने अभिराम शर्मा को जहानाबाद से मैदान में उतारा था।लेकिन जहानाबाद में राजद के सुदय यादव ने
उन्हें कड़ी पटखनी दे दी है। बता दें कि जहानाबाद में राजद नेता मुंद्रिका सिंह यादव के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। कुल मिला कर आरजेडी की इस जीत को लोकसभा चुनाव के लिए भी काफी अहम माना जा रहा है। वहीं तेज प्रताप यादव अब खुल कर जश्न मना रहे हैं।बिहार उप-चुनाव में बेटा ने पिता की विरासत बचा कर अपनी राजनितिक साख कायम कर लिया है। अररिया में
जहां दिवंगत मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम मैदान में थे,तो जहानाबाद में सुदय यादव के सामने भी अपने वालिद दिवंगत मुंद्रिका यादव की विरासत बचाने की चुनौती थी।और दोनों लोग इस पर खरे उतरे हैं।सरफराज आलम पहले जेडीयू से विधायक थे।वे नीतीश कुमार का साथ छोड़कर अपने पिता की विरासत को संभालने के लिए आरजेडी से उतरे थे।इन सब के साथ-साथ तेजस्वी पर भी पिता के विरासत बचाने की जिम्मेदारी थी।जहानाबाद में आरजेडी उम्मीदवार कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव ने
जीत दर्ज कर ली है।उन्होंने जेडीयू के अभिराम शर्मा को 35036 वोटों से हराया है।ये सीट उनके पिता मुंद्रिका सिंह यादव के देहांत के बाद खाली हुई थी,जिसके बाद आरजेडी ने उन्हें टिकट दिया था।अररिया और जहानाबाद में बेटों ने पिता की विरासत को बचाने में कामयाबी पाई है।और यही बात तेजस्वी यादव के लिए भी सटीक बैठती है।बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ लालू यादव और नीतीश कुमार एक महागठबंधन की शक्ल में जनता के दरवाजे पर पहुंचे थे। जनता ने महागठबंधन के पक्ष फैसला देते
हुए आरजेडी-जदयू गठबंधन को शानदार बहुमत दिया,लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव को झटका देते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया। अररिया-जहानाबाद उपचुनाव परिणामों से यह भी माना जा सकता है कि जनता ने बीजेपी के साथ जाने के नीतीश कुमार के फैसले को स्वीकार नहीं किया है।यही नहीं इस चुनाव परिणाम ने लालू यादव के उत्तराधिकारी के रूप में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में अररिया और जहानाबाद की जनता ने भरोसा जताया है।जेल में बंद लालू और मैदान में बीजेपी-जदयू से
लड़ रहे तेजस्वी भविष्य में नीतीश और मोदी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं।वही अररिया लोक सभा उप चुनाव कि जीत पर किशनगंज राजद जिला अध्यक्ष इन्तखाब आलम (बब्लू) ने पूरे जिला वासीयो को जीत कि मुबारक देते हूऐ विजय जूलूस निकाला,
जो किशनगंज के गांधी चौक से चुरी पट्टी होते हूऐ फल चौक और डे मार्केट को क्रोस करते हूऐ पार्टी कार्यालय गये,जूलूस मे मूख्य रुप से इन्तखाब आलम,उसमान गनी,गुड्डू सरफराजी,देवेन यादव,नन्हे मूसताक अली साजिद हुसैन नगर अध्यक्ष नसीम और सारे राजद कार्य करता मौजूद रहे।
रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह