पूर्णिया सरकारी मुआवजा न मिलने के खिलाफ पूरा गांव पीड़ित परिवार के साथ खड़ा

पूर्णियाँ रोड नही तो वोट नही का नारा तो आपने न जानें कितने बार सुनें होंगे, किंतु इस बार मतदान का बहिष्कार कुछ नए तरीके से हो रहा है।जहाँ एक परिवार को सरकारी मुआवजा न मिलने के खिलाफ पूरा गांव पीड़ित परिवार के साथ खड़ा होकर 18 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे।बतातें चलें कि पिछले साल 19 सितंबर को पूर्णिया स्तिथ बाल सुधार गृह में कार्यरत हाउस फादर कसबा के सर्रा गांव निवासी विजेंद्र कुमार सहित एक बाल बंदी की हत्या बाल बंदियों द्वारा ही बाल सुधार गृह में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।पूर्णिया पुलिस द्वारा इस गोलीकांड के साजिशकर्ता तथा फरार बाल बंदियों को गिरफ्तार कर लिया गया।गोलीकांड के शिकार हाउस फादर विजेंद्र कुमार की हत्या के बाद उनके घर पर नेताओं की भीड़ जुड़ गई।वर्तमान सांसद से लेकर महागठबंधन के प्रत्याशी द्वारा भी पीड़ित परिवार को सरकारी मुआवजा दिलवाने की घोषणा भी की गई थी।किंतु घटना के 8 माह बाद भी पीड़ित परिवार को अबतक एक रुपये का भी सरकारी लाभ नही मिल पाया है।मृतक विजेंद्र कुमार की माँ कलंकी देवी की मानें तो उन्हें नेताओं तथा सरकारी पदाधिकारियों द्वारा काफी आश्वासन दिया गया था किंतु न ही हमारे परिवार में किसी को सरकारी नौकरी दी गई है न ही पारिवारिक योजना का लाभ दिया गया है।यहां तक कि मुखिया द्वारा कबीर अंत्योष्टि योजना का भी लाभ नही दिया गया।नेताओं से लेकर पदाधिकारियो तक काफी चक्कर काटे पर लाभ नही मिला।वही इस दुख की घड़ी में सर्रा गांव वाले ने एक जुटता दिखाते हुए कहा कि नेताओं ने एक गरीब परिवार को मुवावजा दिलवाने के नाम ठगने का काम किया है।इसलिए हम सभी गांव वासी इस लोकसभा चुनाव में मतदाता का वहिष्कार करेंगे।