निरीक्षण सिर्फ खानापूर्ति के लिए नही हो,बल्कि उसका सकारात्मक परिणाम नजर आनी चाहिये- : जिलाधिकारी।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने मुख्य सचिव, बिहार सरकार की अध्यक्षता में में आयोजित राज्य स्तरीय वर्चुअल बैठक के उपरांत पदाधिकारियो को कई आवश्यक दिशानिर्देश दिए है।गौरतलब हो कि उक्त बैठक के मुख्य एजेंडे में प्रत्येक बुधवार को होने वाले फील्ड इंस्पेक्शन, लॉ एंड ऑर्डर की समीक्षा, विभिन्न स्तरीय न्यायालयी आदेशों के अनुपालन तथा राजस्व से संबंधित मामलों की जांच आदि शामिल थे।
जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को किए जाने वाले निरीक्षण के उपरांत पाई गई कमियों को दुरुस्त करने को लेकर सरकार के निर्देश बड़े सख्त हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस निरीक्षण का मकसद सरकार द्वारा संचालित लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी योग्य लाभार्थियों को तक पंहुचाना सुनिश्चित करना है। ऐसे में निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को समय सीमा के अंदर दुरुस्त किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण सिर्फ खानापूर्ति के लिए नही हो,बल्कि उसका सकारात्मक परिणाम नजर आनी*चाहिये।
उन्होंने कहा कि कार्रवाई की जा रही है या कार्रवाई प्रक्रियाधीन है, जैसी टप्पणियों से काम नहीं चलेगा। सरकार से प्राप्त निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन, तत्पर होकर बुधवारीय निरीक्षण से प्राप्त प्रतिवेदन के आलोक में जन सरोकार से संबंधित कठिनाइयों/ कमियों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसी कड़ी में निरीक्षण उपरांत प्राप्त प्रतिवेदन के समुचित संधारण व चिन्हित समस्याओं के निराकरण हेतु एक डेडीकेटेड सेल के माध्यम से इनका अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले में कार्यसंस्कृति को बढ़ावा देना उनकी प्राथमिकता में है। ऐसे में न केवल निरीक्षण के दिन बल्कि सामान्य दिनों में भी सभी लोक सेवक अपनी भूमिका जिम्मेवारी पूर्वक निभाएं ताकि, निरीक्षण के क्रम में प्राप्त शिकायतों को दृष्टिगत रखते हुए किए गए निरीक्षण के क्रम में पाई गई कमियों के आधार पर होने वाली कड़ी कार्रवाई से बचा जा सके।
बिहार में शराब का व्यापार एवम सेवन पूर्ण रूप से अवैध है। इससे संबधित जानकारी टॉल फ्री नंबर 15545 या18003456268 एवम जिला नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर पर*06276-224445 *जरूर दे। आपकी पहचान गोपनीय रखी जायेगी।
चमकी से डरे नही,बल्कि सावधानी बरतें,लक्षण महसूस होते ही तुरंत बच्चे को नजदीकी सरकारी अस्पताल में ले जाए।**