नवजात के मौत के बाद एक बार फिर रूपौली अस्पताल प्रबंधन सवालों के कटघरे में…

पूर्णिया रुपौली बताते चलें कि इस घटना से जनप्रतिनिधियों के साथ साथ आम लोगों के मन में भी आक्रोश व्याप्त है लोगों का कहना है कि इस तरह की घटना आम बात हो गई है।चाहे वह टीकापट्टी गांव की कल्पना देवी के बच्चे का शव अस्पताल से आवारा कुत्तों के द्वारा लेकर भागने का मामला हो क्योंकि एएनएम को पीड़िता के द्वारा मुंह मांगी चढ़ावा नहीं दी गई थी।
हरनाहा गांव की लता देवी की मौत लापरवाही से 6 सितंबर को हो गई थी।ठीक इसी तरह बिरौली बाजार की एक महिला के नवजात की मौत का भी आरोप एनएम के हाथ से छूट जाने के कारण हुआ था।ऐसी ही घटनाा झलारी गांव की सीता देवी के नवजात की मौत का भी आरोप नर्सों पर लगाया गया था।टिकापट्टी थानाक्षेत्र के धूसर गांव की 24 वर्षीय प्रसूता संजू देवी और उनके नवजात के मौत के बाद एक बार फिर रूपौली अस्पताल प्रबंधन सवालों के कटघरे में खड़े हो गए हैं।परिजनों का जहां तक आरोप है की अस्पताल प्रबंधन अपनी गलती छुपाने के लिए प्रसूता की मौत के बाद भी सदर अस्पताल पूर्णिया रेफर कर दिया गया।तो वहीं दूसरी तरफ मौके पर सरकारी एंबुलेंस का नहीं होना भी अव्यवस्था की ओर इशारा कर रहा है।इस संबंध में एक तरफ जहां अस्पताल प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी का ठीकरा दूसरे के सर पर फोड़ने में लगे हैं तो वहीं दूसरी तरफ लगातार इस तरह की घटनाएं आसपास के लोगों के मन में अस्पताल की व्यवस्था के प्रति आक्रोश पैदा कर रहा है।इस संबंध में धूसर की मुखिया शांति देवी ने कहा कि मैंने वरीय पदाधिकारियों को इस घटना की सूचना दे दी है।इस घटना का जांच करवा कर अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार डॉक्टरों और नर्सों पर कानूनी कार्रवाई करवा कर रहूंगी।समाजसेवी सह शिक्षाविद डॉक्टर राजेश कुमार रंजन ने कहा कि इस तरह की घटना रूपौली अस्पताल में पहली घटना नहीं है।बार-बार इस तरह की घटनाओं के बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन अपने कार्य शैली में सुधार नहीं करना चाहते हैं।घटना होने के बाद गलत तर्क देकर अपनी जिम्मेदारी से मुंह फेरते रहते हैं। आगे उन्होंने कहा कि दोषियों पर कानूनी कार्रवाई और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा मिलनी चाहिए।इसी क्रम में पूर्णिया जिला परिषद अध्यक्ष क्रांति देवी जांच में रूपौली अस्पताल पहुंची।उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और अव्यवस्था पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि दोषियों पर कार्रवाई होगी और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिलाया जाएगा।रेफरल अस्पताल में चिकित्सा प्रभारी डॉ नीरज कुमार के अलावे अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से मिलकर उन्होंने घटना की जानकारी ली।उन्होंने कहा कि बहुत से स्वास्थ्य कर्मी ऐसे हैं जो कई वर्षों से यहां पर जमे हुए हैं और स्वास्थ्य सेवा के बजाय राजनीति करना ज्यादा पसंद करते हैं।रूपौली में इस तरह की घटनाएं लगातार घटित हो रही है।यहाँ से निकल कर जिला परिषद अध्यक्षा पीड़ित परिवार से मिलने टिकापट्टी के धुसर गांव पहुंचे।उन्होंने पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिलाए जाने का आश्वासन दिया।लिहाजा रूपौली अस्पताल प्रबंधन लापरवाही कर कई मौतों का प्रत्यक्ष गवाह रहा है।परंतु कई जानों की भेंट चढ़ जाने के बावजूद भी स्थिति जस की तस है।स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्षों से जमे हुए स्वास्थ्य कर्मियों का तबादला होना चाहिए और आवश्यकता अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती भी होनी चाहिए।साथ ही वरीय पदाधिकारियों की अस्पताल पर सतत निगरानी बनी रहनी चाहिए।