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दुनिया का सबसे बड़ा जहाज आज 15 अप्रैल (1912) के दिन डूबा था, 1,500 से ज्यादा यात्री मारे गए थे…
ब्रिटेन के साउथ हैम्पटन से न्यूयॉर्क की यात्रा पर निकला टाइटैनिक जहाज 15 अप्रैल (1912) को समुद्र में डूबा था।व्हाइट स्टार लाइन कंपनी का यह 52, 310 टन वजनी जहाज 10 अप्रैल, 1912 को यात्रा पर निकला था।14-15 अप्रैल की दरमियानी रात 11 बजकर 40 मिनट पर टाइटैनिक बर्फ के विशाल टुकड़े से टकराया और 2 घंटे 40 मिनट बाद ही डूब गया था।इस हादसे में 1,500 से ज्यादा यात्री मारे गए थे।जहाज पर 2,224 यात्री सवार थे।टाइटैनिक से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य…आपको बताते चले की, फर्स्ट क्लास: करीब 2.60 लाख रुपए (4,350 डॉलर) सेकेंड क्लास:-करीब एक लाख रुपए (1750 डॉलर) थर्ड क्लास:-1800 रुपए (30 डॉलर)
- जहाज पर सवार 13 जोड़े हनीमून सेलिब्रेशन के लिए यात्रा पर निकले थे।
- टाइटैनिक की सीटी की आवाज 11 मील दूर से सुनी जा सकती थी।
- टाइटैनिक के इंजन को चलाने में हर दिन 825 टन कोयले की खपत होती थी।
- इसे बनाने में 30 लाख से ज्यादा कीलों का इस्तेमाल किया गया था।
- टाइटैनिक में चार एलिवेटर्स थे,जिनमें से तीन फर्स्ट क्लास में और एक सेकेंड क्लास में था।
20 नॉट्स (37 किलोमीटर) की रफ्तार से चल रहे टाइटैनिक को रोकने के लिए इसके इंजन को पूरी रफ्तार से उल्टा चलाने की जरूरत थी।इतनी रफ्तार पर भी यह आधे मील की दूरी में रुक सकता था।