जिले के पटना, अरवल, बेगूसराय,भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, गोपालगंज, जमुई, वैशाली, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नालंदा, सीतामढ़ी, और पश्चिमी चंपारण,बाधित है हथियारों का डाटाबेस बनाने का काम…
बिहार में लाइसेंसी हथियारों का डाटाबेस तैयार करने का काम अभी भी अधर में है।गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने इस मामले में राज्य के जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की है।उन्होंने कहा कि 31 मार्च के बाद सॉफ्टवेयर में डाटा प्रविष्टि का काम बंद कर दिया जाएगा।बता दें कि विगत माह 27 जनवरी को एनआइसी के दिल्ली मुख्यालय से परियोजना समन्वयक ने राज्य के सभी जिलों के एडीएम (आर्म्स) व अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर एनडीएएल (नेशनल डाटाबेस ऑफ आर्म्स लाइसेंस) एवं एएलआइएस (आर्म्स लाइसेंस इश्यूइंग सिस्टम) के तहत प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया था।गृह सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि एनडीएएल सॉफ्टवेयर में आंकड़ों की प्रविष्टि दिनांक 31 मार्च तक ही की जा सकती है।उसके बाद प्रविष्टि नहीं ली जाएगी।लेकिन बिहार के जिलों में एएलआइएस सॉफ्टवेयर पर काम नहीं हो रहा है।यह चिंताजनक स्थिति है।भारत सरकार द्वारा अधिसूचित आयुध नियम,2016 में शस्त्र की अनुज्ञप्ति प्रदान करने,शस्त्र अनुज्ञप्तिधारी के उत्तराधिकारियों को शस्त्र लाइसेंस हस्तांतरण एवं शस्त्र अनुज्ञप्तियों के क्षेत्र विस्तार के संबंध में नए नियम बनाए हैं।बताया जाता है कि कई जिलों में कंप्यूटर ऑपरेटर की अनुपलब्धता के कारण एएलआइएस की प्रविष्टि का काम बाधित है।गृह विभाग के प्रधान सचिव ने जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर नाराजगी जताते हुए कहा की मार्च के बाद सॉफ्टवेयर में डाटा प्रविष्टि का काम कर दिया जाएगा बंद।मालूम हो की किन-किन जिलो में है एएलआइएस का काम….पटना, अरवल, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नालंदा, सीतामढ़ी, वैशाली और पश्चिमी चंपारण।