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गया : मलेरिया माह में दवाओं के छिडकाव एवं जागरूकता पर बल, मलेरिया से बचाव हेतु स्वास्थ्य केन्द्रों को दिशा निर्देश जारी अभियान में आशा एवं आंगनवाड़ी का मिल रहा सहयोग…

गया बरसात की शुरुआत होते ही मच्छरों की संख्या में इजाफ़ा होने से मलेरिया से ग्रसित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगती है।इसको देखते हुए जिले मे मलेरिया की रोकथाम हेतु हर साल 1 जून से 30 जून तक मलेरिया माह मनाया जाता है।इस वर्ष भी जिले में मलेरिया माह मनाया जा रहा है।मलेरिया से बचाव के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों को मलेरिया की दवा का वितरण एवं इसके प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग द्वारा दिशा निर्देश भी जारी किया गया है।

पीएचसी कर्मियों को दिए गए निर्देश

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉo एम ई हक़ ने बताया मलेरिया माह के सफ़ल क्रियान्वयन के लिए सभी पीएएचसी को दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है।मलेरिया माह में दवाओं के वितरण को सुनिश्चित कराने के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों पर जरुरी दवा उपलब्ध करा दी गयी है।साथ ही मलेरिया की जाँच के लिए सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर किट भी उपलब्ध कराए गए हैं।अभियान को सफल बनाने के लिए आशा एवं आंगनवाड़ी की भी सहायता ली जा रही है।इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण प्रदान कर सामुदायिक स्तर पर मलेरिया के प्रति आम जागरूकता फ़ैलाने की ज़िम्मेदारी दी गयी है।

दवाओं का होगा छिडकाव

डॉ. हक़ ने बताया कि जिले के बाराचट्टी, परैयीया, टिकारी सदर प्रखण्ड में मलेरिया के सर्वाधिक प्रकोप को देखते हुए डीटीडीसी पाउडर का छिडकाव 20 जून से 10 नवम्बर तक नियमित रूप से किया जाएगा।छिडकाव दो फेज मे चलेगा।पहला फेज जून से अगस्त और दूसरा सितम्बर माह से नवम्बर माह तक चलाया जाएगा।इसके लिए पाँच सदस्यों की टीम बनाई गई है जो इस अभियान को मजबूती प्रदान करेंगे तथा आशा एवं आंगनवाड़ी भी जन-जागरूकता में सहयोग करेंगे।उन्होने ये भी बतया की इन प्रभावित इलाको मे दवायुक्त मछरदानी का वितरण निःशुल्क किया जा रहा है जो वियतनाम से बनकर आया है साथ ही आशा एवं आंगनवाड़ी को इसके लिए प्र्तोत्साहन राशि भी दी जाएगी।

मलेरिया को जानें

मलेरिया मादा एनोफलीज मच्छर के काटने से होता है। इसकी रोकथाम एवं उपचार दोनों संभव है।सर्दी व कंपन के साथ एक-दो दिन छोड़कर बुखार, तेज बुखार, उल्टियाँ एवं सिर दर्द, बुखार उतारने के बाद शरीर से तेज पसीना आने के साथ थकावट एवं कमजोरी होना मलेरिया के लक्ष्णों में शामिल है।

ऐसे करें मलेरिया से बचाव

  • मलेरिया के मच्छर रुके हुये साफ या धीरे बहते पानी में पैदा होते हैं।इसलिए हैंडपम्प के पास, बेकार पड़े टायर व बर्तनों में, फूलदान में जमे पानी से एवं बेकार पड़े टायर में जमे पानी से इसके मच्छर को पनपने से रोकें।इसके लिए इनकी नियमित सफ़ाई जरूर करें।
  • घर में हमेशा सोने से पहले मच्छर दानी का इस्तेमाल जरूर करें।
  • ठहरे हुये पानी में जैसे तालाब, कुएं आदि में गम्बोजिया मछ्ली पालें।

रिपोर्ट-मिथिलेश कुमार

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