नोटबंदी के बाद पुराने 500 और 1000 रुपये के अधिकांश नोट बैंकों में जमा होने के बाद सरकार अब काला धन पकड़ने में जुट गयी है।केंद्र का अनुमान है कि आठ नवंबर के बाद बैंकों में पुराने नोट के रूप में जितनी राशि जमा हुई, उसमें से लगभग तीन से चार लाख करोड़ रुपये काला धन हो सकता है।इसका मतलब यह है कि इस राशि पर लोगों ने टैक्स नहीं चुकाया है और उसे किसी तरह बैंक में जमा कर दिया है।सरकार पहले साफ कर चुकी है कि काला धन बैंक में जमा करने से ही सफेद नहीं हो जाएगा।इसलिए अब आयकर विभाग ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है जिन्होंने टैक्स चोरी कर भारी भरकम धनराशि बैंकों में जमा करायी है।वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार की नजर ऐसे खाताधारकों के साथ-साथ सहकारी बैंकों,मालुम हो की पूवरेत्तर के राज्यों और सीमावर्ती जिलों की बैंक शाखाओं में पुराने नोट जमा करानेवाले लोगों पर भी है।सूत्रों के अनुसार आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद देशभर में महज 50 दिन में ही 60 लाख से अधिक बैंक खातों में प्रत्येक खाते में दो लाख रुपये से अधिक जमा हुए हैं।इस तरह इन खातों में करीब 7.34 लाख करोड़ रुपये जमा हुए हैं।सहकारी बैकों में भी नोटबंदी के बाद 16000 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा हुए हैं।सरकार और रिजर्व बैंक सहकारी बैंकों को लेकर शुरू से ही सतर्क थे,इसके बावजूद इनके दुरुपयोग होने की आशंका है।ऐसे में आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय अब इनके खाते खंगाल रहे हैं।सरकार ने बैंकों से जमा राशि के संबंध में ब्यौरा भी मांगा था।आयकर विभाग ने बैंकों से मिले आंकड़ों का विश्लेषण किया और उसी के आधार पर कर चोरी की शंका वाले मामलों में नोटिस जारी किए जा रहे हैं।साथ ही प्रवर्तन निदेशालय को भी सूचना दी गयी है।पूवरेत्तर पर विशेष नजर सूत्रों ने कहा कि 9 नवबंर 2016 के बाद पूवरेत्तर में 10,700 करोड़ रुपये जमा हुए हैं।इसके अलावा आतंकवाद से प्रभावित राज्यों में भी जमा हुए पुराने नोट के संबंध में जानकारी संबंधित प्रवर्तनकारी एजेंसियों को दे दी गयी है।इन क्षेत्रों पर सरकार की विशेष नजर है।सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग उन सभी खातों पर ध्यान दे रहा है जिनमें खाताधारकों ने दो से ढाई लाख रुपये जमा किए हैं लेकिन इनमें से कई खातों में पैन नंबर,मोबाइल नंबर और पता एक ही है।ऐसे खातों में लगभग 42,000 करोड़ रुपये जमा होने का अनुमान है।सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खुले खातों में भी भारी भरकम राशि पुराने नोट के रूप में जमा होने के मामले भी जांच के दायरे में हैं।अगर किसी जनधन खाते में एक लाख रुपये से अधिक कैश जमा हुआ है तो खुफिया जानकारी के आधार पर उसकी जांच की जाएगी।इसके अलावा बंद पड़े खातों में भारी भरकम 25,000 करोड़ रुपये जमा होने का अनुमान है।सूत्रों ने कहा कि नोटबंदी के बाद जमा हुई धनराशि से जुड़े मामलों की जांच आयकर विभाग के साथ-साथ ईडी और सीबीआई भी कर रही है।आयकर विभाग व्यापक स्तर पर आंकड़ों का विश्लेषण भी कर रहा है।