किशनगंज एवं पूर्णिया सिटी में फर्जी नर्सिंग होम का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर से ऐसे नर्सिंग होम,पैथोलॉजी व अल्ट्रासाउंड केंद्रों में लगाम लगाने की बात उठ रही है।पिछले महीने तीन दिनों तक चले छापेमारी में का अबतक कुछ परिणाम सामने नहीं आया है।जांच करने वाले अधिकारी सिविल सर्जन को रिपोर्ट सौंपने की बात कही है लेकिन अबतक सतह पर कोई कार्रवाई होती दिख नहीं रही हैं।इस पर सवाल उठना लाजिमी है कि कैसे सदर अस्पताल के आसपास इतने फर्जी नर्सिंग होम और जांच केंद्र फल-फूल रहे हैं।मालुम हो की फर्जीवाड़ा का यह खेल काफी पुराना है।इनके पकड़े जाने की कहानी भी पुरानी है।2013 से अबतक पांच बार ऐसे फर्जी केंद्रों को सील भी किया गया है और कई संचालक जेल तक की भी हवा खा चुके हैं।जानकारी के मुताबिक ऐसे अवैध प्रसूति गृह की संख्या दर्जनों में है जिसमें गरीब और अनपढ़ लोगों को दलाल चंगुल में फंसाकर केंद्र तक पहुंचाते हैं।इसमें एक पूरा गिरोह काम करता है।जानकारी के मुताबिक इनकी पहुंच उपर तक है।रविवार को पूर्णिया सिटी के फर्जी प्रसव केंद्र मामले में थाने में आवेदक नहीं मिलने से एफआईआर तक दर्ज नहीं हो पाई।नतीजा होता है ऐसे लोग कानून के शिकंजे से बच जाते हैं।ऐसे लोग कई बार कानून के चंगुल में फंसते भी हैं तो बाहर निकलने के बाद फिर यहीं धंधा शुरु कर देते हैं।ऐसे गिरोह के दलालों द्वारा अनपढ़ लोगों को बहला-फुसला ऐसे केंद्रों तक पहुंचाया जाता है।जाहिर है जब तक ऐसे केंद्रों पर ठोस कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक ऐसे फर्जी केंद्रों पर अंकुश लगाना आसान नहीं है।अभी भी ऐसे फर्जी कई केंद्र संचालित किये जा रहे हैं।इनके पास ना ही प्रशिक्षित डॉक्टर और ना ही नर्स ही होते हैं।यह मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ करते हैं।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक निबंधित पैथॉलोजी और नर्सिंग होम की संख्या से कई गुणा अधिक ऐसे केंद्र अस्तित्व में हैं जो अमानक और गैर निबंधित हैं। गौर करे तो किशनगंज में भी कई ऐसे फर्जी क्लिनिक,पैथॉलोजी और नर्सिंग होम है जो धरल्ले से बिना रोक टोक के फल-फूल रहे है,विभाग को इसपर उचित कदम उठाने की जरुरत है…..।
रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह
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