किशनगंज : रूईधाशा वार्ड 24 के पूर्व वार्ड पार्षद प्रतिनिधि को उत्पाद विभाग की टीम ने रामपुर मद्द निषेध चेकपोस्ट से किया गिरफ्तार, भेजा जेल।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, रुईधासा वार्ड नं 24 के पूर्व वार्ड पार्षद प्रतिनिधि शराब के साथ बुधवार की रात रामपुर मद्द निषेध चेकपोस्ट मे उत्पाद विभाग के टीम के द्वारा गिरफ्तार किया गया है। उत्पाद विभाग की टीम के द्वारा रामपुर चेक पोस्ट पर जांच अभियान चलाया जा रहा था इसी दौरान बंगाल के रामपुर से अंग्रेजी शराब लेकर बाइक से किशनगंज की तरफ आ रहा था। जिसे जांच के दौरान उत्पाद विभाग की टीम ने वार्ड नं 24 के पूर्व वार्ड पार्षद प्रतिनिधि श्यामल कुमार दास, पिता-कामेश्वर दास रुईधासा निवासी को गिरफ्तार कर लिया। वहीं टीम ने जांच के दौरान चेकपोस्ट से दो और तस्कर को देशी शराब के साथ गिरफ्तार किया है साथ ही दो पियक्कड़ को भी गिरफ्तार किया है। उत्पाद विभाग के टीम के द्वारा मद्द निषेध कानून को सख्ती से पालन को लेकर हर रोज बिहार-बंगाल सीमा पर बंगाल से आ रहे पियक्कड़ व शराब धंधेबाज के खिलाफ जांच अभियान चलाया जा रहा है। और हर रोज पियक्कड़ व तस्कर गिरफ्तार हो रहा है। इसके बावजूद ना तो किशनगंज के पियक्कड़ शराब के सेवन करने से वाज आ रहे है और ना ही शराब तस्कर शराब की तस्करी करने से बाज आ रहे है।
आये दिन उत्पाद विभाग के द्वारा चेकपोस्टो पर जांच के दौरान लोग पकड़े जाते है। वहीं किशनगंज मे अबतक कई सफेदपोश भी उत्पाद विभाग के हत्थे चढ़ चूके है। इसके बावजूद जनप्रतिनिधि भी शराब की सेवन के साथ अवैध शराब को अपने साथ बिहार लाने से नहीं कतराते है तो वहीं उत्पाद विभाग भी इन लोगों को सलाखों के पीछे भेजने में नहीं कतराते है। आये दिनों इन जनप्रतिनिधियों द्वारा शराब बंदी को लेकर अपने क्षेत्र में लोगों को जागरूक करते अक्सर देखा जाता हैं और खूद ही इस कानून की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं। गिरफ्तार पूर्व वार्ड पार्षद प्रतिनिधि श्यामल कुमार दास पिता कामेश्वर दास रुईधासा, राहुल कुमार यादव पिता-भोखारु लाल यादव, लालबाबू यादव पिता-पाण्डव लाल यादव मरुवाटोली महीनगांव के खिलाफ उत्पाद अधिनियम के सुसंगत धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कर गुरुवार को तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। वहीं वार्ड नं 24 के मौजूदा वार्ड पार्षद सह भाजपा जिलाध्यक्ष सुशांत गोप ने बताया की बिहार में शराब बंदी कानून लागू है और इस कानून का पालन सभी को करना चाहिए। कानून को तोड़ने वाले कोई भी हो उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए। बताया यदि लोगों का जनप्रतिनिधि इस कानून को नहीं मानेंगे तो वह दूसरे से कैसे उम्मीद कर सकते हैं।