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कड़ाके की ठंड को देखते हुए महिलाओं व दिव्यांगों के बीच कंबल वितरित…

पिंटू कुमार चौधरी ने कहा कि साथी ट्रस्ट एक सामाजिक संगठन है,जो समाज के गरीब,दबे कुचले लोगो के उत्थान के लिए काम कर रही है।इस संगठन का निवंधन 2008 में किया गया था।

ठण्ड गरीब लोगों की जिंदगी में बड़ी मुसीबत लेकर आती है।कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने तो यही लिखा था पूस की रात की कहानी में आज भी यह सच्चाई है।बिहार का सीमावर्ती जिला किशनगंज,जिसे बिहार का मिनी दार्जिलिंग के रूप में भी जाना जाता है।इन दिनों मौसम सर्द होने और घना कोहरा पड़ने से हाड़ कपाने वाली सर्द हवाएं चल रही है।कुहासे की वजह से बस और ट्रेने भी लेट चल रही है।जिले में ठंड का कहर जारी है,लेकिन जिला प्रशासन द्वारा चौक चौराहों पर किसी भी तरह के अलाव की व्यवस्था नही किया है,जिससे खासकर गरीब और मजदूरी करनेवाले लोग ठण्ड से ठिठुर रहें है।लोगों का कहना है की न तो जिला प्रशासन के द्वारा और न ही जनप्रतिनिधियों के द्वारा अलाव की व्यवस्था की गयी है।स्थानीय लोगों का कहना है की सार्वजनिक जगह पर अलाव जलाने की व्यस्था हो जाती तो ठण्ड से कुछ हद तक आम लोगों को राहत मिलती,मगर अलाव की व्यवस्था न होने से आम जन को इस ठण्ड में ठिठुरना पड़ रहा है।ठण्ड से बचने के लिए गरीब लोग किसी तरह प्लास्टिक,कूट कार्टून आदि जलाकर लोग ठण्ड से बचने का प्रयास कर रहें है।इस कड़ाके की ठंड को देखते हुए साथी ट्रस्ट बिशनपुर के बैनर तले वार्ड 02 के लगभग 50 गरीब असहाय विधवा महिलाओं एवं दिव्यांगों के बीच शनिवार को चावल हट्टी प्रांगण में ट्रस्ट के सदस्यों ने संयुक्त रूप से कम्बल का वितरण किया।वितरण के दौरान साथी ट्रस्ट के अध्यक्ष ललित कुमार,उपाध्यक्ष नवीन कुमार,सचिव पिंटू कुमार चौधरी,सह सचिव मुकेश सिंघल,जीतू मित्तल,जुगल अग्रवाल,आमिर आलम,गोविंद कुमार,बाबुल रसीद,अनिल यादव,विजय दास,राशिद आलम आदि मौजूद थे।वही सचिव पिंटू कुमार चौधरी ने कहा कि साथी ट्रस्ट एक सामाजिक संगठन है,जो समाज के गरीब,दबे कुचले लोगो के उत्थान के लिए काम कर रही है।इस संगठन का निवंधन 2008 में किया गया था।

रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह 

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