औरंगाबाद : थानाध्यक्ष अम्बा समेत पुलिसकर्मियों ने जिलाधिकारी के आदेश को चढ़ाया भ्रष्टाचार की भेंट।

सोशल डीस्टेंसिंग का नजारा देखना हो तो श्रीमान आप भी बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले के अम्बा थाना क्षेत्र में आकर अपनें आँखों से देख लें।
औरंगाबाद/अनिल कुमार मिश्र, कोविड-19/कोरोना की महामारी तथा सोशल डीस्टेंसिंग के आड़ में थानाध्यक्ष अम्बा एवं संबंधित पुलिस पदादिकारियों तथा इनके चमचो के नगानृत्य का नजारा देखना है तो श्री मान आप भी बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले के अम्बा थाना क्षेत्र के अम्बा- देव पथ में आकर अपनें आँखों से देख सकते।सोसल डिस्टेंसिग का अनुपालन हेतू जिलाधिकारी औरंगाबाद के आदेश को थानाध्यक्ष अम्बा एवं संबंधित थानेदारों नें भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ा दिया है तथा कोवीड़-19 की महामारी के आड़ में थानाधयक्ष अम्बा अप्रत्यक्ष रूप से (अम्बा थाना द्वारा संरक्षित गुण्ड़े एवं मवाली के बदौलत) आम जनता को लूटते आ रहे है।फलस्वरुप कोरोना की महामारी रूकने के बजाये क्षेत्र मे भयंककर रूप धारण करेगा और जन जीवन त्रस्त हो जायेंगे।ज्ञात हो कि थानाध्यक्ष अम्बा के पदस्थापना से असमाजीक एवं आपराधी तत्व क्षेत्र में सक्रिय हो गये है और थानाध्यक्ष के संरक्षण में कई लोगों पर जान लेवा हमला भी हो चूक है।वहीं थाना के संरक्षण टेम्पू चालक सरेआम दो गुना से भी अधिक यात्रियो से भाड़ा की वसूल कर रहे हैं जिसमें थानेदार का भी फिफ्टी-फिफ्टी का शेयरदारी है।अम्बा देव पथ में जब तक एक टेम्पू पर नीचे से उपर 12 से अधीक सवारी बैठ नहीं जाते है तब तक दुसरे टेम्पू नहीं खुलता है।थाना द्वारा संरक्षित टेम्पू चालको की बात नहीं मानने पर थानाध्यक्ष अम्बा द्वारा दुसरे टेम्पू को थाना में खड़ा कर दिया जाता है तथा चालकों को बेरहमी से पिटाई भी किया जाता है तथा मनमानी तरीको से फाईन वसूला जाता है।जो टेम्पू चालक जनता को लुटकर थानाध्यक्ष को नहीं देते है उसका टेम्पू थाना में खड़ा रहता है और मुँह माँगी रिश्वत थाना को देते है उनका टेम्पू बिना कागजात व परमिट के रोड़ पर फराटे की दौड़ लगाते है और इनके लिए थाने के पुलिस किसी भी हद तक जाने को तैयार है।प्रत्यक्षदर्शियों की बात मान ली जाये तो विगत दिनों एक बेगुनाह टेम्पू चालक को थानाध्यक्ष समेत इनके सिपाहियों ने 60 लाठी मारा और मारकर रोड़ पर बिछा दिया, बचाव मे उतरे जनता को अश्लिलता भरी गालियों का बौछार लगा दिया गया।जन आक्रोश देख थानाध्यक्ष ने सबक सिखा देने तथा जेल भेज देने का धमकी दिया, सभी मीड़िया के कंधो पर खेल खेलते रहे किन्तू थानाध्यक्ष के आतंक का सामना करने की साहस किसी ने नहीं जुटा पाया।