औरंगाबाद : खैरा थाना मुंशी एवं शराब माफिया के बीच 30 अप्रैल 2019 हो रही वार्ता का ऑडियो वायरल…
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शराबबंंदी के बावजूद इसके रोकथाम के लिए जितने भी प्रयास किये जा रहे है सारे प्रयास ऊंट के मुंह मे जीरा के फोरन ही साबित हो रहा था।क्योंकि शराब कारोबारी सिस्टम में बैठे निचले पदाधिकारी शराब माफियाओं से सांठ गांठ कर सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहे हैं।ऐसा ही मामला खैरा थाना क्षेत्र से आया जहां के मुंशी द्वारा शराब के साथ पकड़ी गई गाड़ी को छोड़ने के एवज में पांच लाख रुपये की डिमांड की गई और उसकी वायस रिकॉर्डिंग वायरल हो गई।ऑडियो के वायरल होने के बाद एसपी ने संज्ञान लेते हुए मामले की जांच की जिम्मेवारी एसडीपीओ अनूप कुमार को दी और जांच के दौराला मामले को सत्य पाते हुए उसकी पूरी रिपोर्ट एसपी को सौंपी।एसपी ने तत्काल प्रभाव से मुंशी रजनीश कुमार रंजन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और ओडी प्रभारी को निलंबित कर दिया।
यह रिकॉर्डिंग बिहार के औरंगाबाद जिला अंतर्गत बारुण नबीनगर एनटीपीसी मुख्य पथ पर पड़ने वाली खैरा थाना मुंशी एवं शराब माफिया के बीच मंगलवार यानी 30 अप्रैल 2019 हो रही वार्ता का है।मामला है कि एक शराब माफिया बड़ेम थाना क्षेत्र अंतर्गत महुआव (पंचायत) गांव निवासी मंगल सिंह एवं दूसरा शराब माफिया इसी थाना क्षेत्र के माधे गांव निवासी मंटू सिंह है।मंटू सिंह का महुआव हरखू बीघा मोड़ पर ईट भट्ठा, ओबीपुर गांव के पास अवैध बालू घाट भी है और महुआव पंचायत के पैक्स अध्यक्ष भी है।ज्ञात हो कि मंटू सिंह के ओबीपुर बालू घाट से छापेमारी के दौरान पूर्व में अवैध 50 बड़ी वाहन भी जप्त की गई थी।जानकारी मिल रही है कि शराब माफिया मंगल सिह सुदेश शुद्ध ही ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से खैरा थाना के मुंशी का रिकॉर्डिंग कर नवीनगर पुलिस इंस्पेक्टर के पास भेजा था।मकसद था कि 5 लाख के बजाए कम पैसा में ही मामला रफा-दफा हो जाए।लेकिन इंस्पेक्टर साहब का दिमाग खटक गया।इसके बाद उन्होंने मिल रही जानकारी अनुसार यह रिकॉर्डिंग सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी औरंगाबाद के पास फॉरवर्ड कर दिया।यह मामला औरंगाबाद एसoपीo दीपक वर्णवाल तक पहुंच गया।तब एसपी साहब ने खुद मामले को गंभीरता से लेते हुए सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी औरंगाबाद को फौरन जांच करने के लिए भेज दिया।इसके बाद पूरे मामले का पटाक्षेप हुआ।ज्ञात हो कि जानकारी अनुसार पूर्व में भी मंगल सिंह ने पूर्व बड़ेम थाना प्रभारी चंद्रमौली वर्मा का भी इसी प्रकार का रिकॉर्डिंग खेल खेल कर ब्लैकमेल करता रहा था।यह मंगल सिंह की पुरानी आदत रही है।इस खेल में माथे गांव निवासी मंटू सिंह भी इसका पाटनर बना रहा।
इसके अलावे मंटू सिंह पर किसानों द्वारा खरीदी गई धान की राशि गबन करने के मामले में भी विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।इन दोनों की मिली भगत से अवैध शराब व्यवसाय का धंधा काफी दिनों से की जा रही है।थाना स्तरीय पदाधिकारी से लेकर जिला स्तरीय के पूर्व वरीय पदाधिकारी को भी कई बार गोपनीय तरीके से फोन कर शिकायत की जा चुकी थी।इसके बावजूद भी पूर्व में किसी पदाधिकारियों द्वारा मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया था।इसके अलावे इस बार 30 अप्रैल 2019 को भी शराब माफिया एवं खैरा थाना स्टाफ के बीच किस प्रकार के मोबाइल पर गोपनीय वार्ता हो रही है जिसका किसी व्यक्ति ने रिकॉर्डिंग उठा लिया।इसके बाद यह मामला नवनिर्वाचित औरंगाबाद पुलिस कप्तान दीपक वर्णवाल तक पहुंच गई।तब उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए अविलंब जांच करने के लिए सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनूप कुमार को सौंप दी।इसके बाद स्थानीय प्रशासन की नींद उड़ी।यह रिकॉर्डिंग की जो आवाज है वह निश्चित तौर पर वर्णित नाम शराब माफिया का ही है।जो किसी भी एक्सपर्ट द्वारा ऑडियो रिकॉर्डिंग की जांच कराकर सामने लाया जा सकता है।
सबसे बड़ी बात तो है कि एक तरफ बिहार के मुखिया नीतीश कुमार जी एवं उनके तमाम गुणगान करने वाले नेता पूरे देश में तीव्र गति से प्रचार करने में नहीं थकते कि बिहार ही इकलौता ऐसा प्रदेश है जो अपने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी कर दी।लेकिन हकीकत दिखा जाए तो लगभग कोई ऐसा दिन नहीं होता कि बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध शराब बरामद नहीं होती।जो कई मीडिया कर्मियों द्वारा लगातार प्रमुखता से आवाज को उठाता भी जाता रहा है।यह जो रिकॉर्डिंग उपलब्ध हो गई है, उससे स्पष्ट है कि बिहार में कितना सुशासन और कितना पूर्ण शराबबंदी कारगर है।इसलिए यदि बिहार सरकार के वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी और बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को साख बचानी है तो मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषी शराब माफिया और अवैध शराब माफिया को संरक्षण देने वाली भ्रष्ट स्थानीय पुलिस प्रशासन अपनी नियमानुकूल कार्रवाई करते हुए कठोर से कठोर कार्रवाई करने कार्य करें।हालाकि इस प्रकार के मामले में दोषियों के खिलाफ सबूत मिल जाने के बाद कठोर से कठोर कार्रवाई करने का भरोसा बिहार के माननीय पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने भी पत्रकार बंधुओं के माध्यम से वीडियो संदेश जारी किया था।संवाददाता ने जब इस संबंध में समाचार प्रेशन पूर्व पुलिस कप्तान के सरकारी मोबाइल नंबर पर वार्ता करना चाहा तो मोबाइल स्विच ऑफ बताते रहा।इसके बाद तुरंत जब संध्या के लगभग 4:15 बजे सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के मोबाइल पर फोन लगा कर पक्ष जानना चाहा तो कहा कि हम अभी अपने कार्यालय में ही बैठे हुए हैं।आइए न मिलकर बात कर लेंगे।जब संवाददाता ने कहा कि मैं अभी बाहर हूं।कार्यालय नहीं पहुंच सकता हूं।तब कहा कि सब कुछ फोन पर नहीं बता सकते।जानकारी अनुसार शराब माफिया का दो वाहन में एक अल्टो एवं दूसरा ब्रेजा वाहन जप्त करने की सूचना प्राप्त हो रही है।बताया जाता है कि खैरा थाना मुंशी रजनीश तिवारी पर कार्रवाई करते हुए जेल भी भेजें जाने की तैयारी चल रही थी।लेकिन जानकारी अनुसार थाना प्रभारी अमरेंद्र कुमार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।ऐसे में सवाल उठना तो लाजिमी है कि जिस प्रकार के रिकॉर्डिंग हाथ लगी है।उसके अनुसार क्या थाना प्रभारी की कोई भूमिका नहीं ? इसलिए किस गंभीर मामले में उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए।बताया जाता है कि थाना प्रभारी का पैतृक आवास भी रोहतास जिला अंतर्गत अमझोंर थाना क्षेत्र अंतर्गत करमा गांव है।यदि खैरा थाना के ठीक सामने सोन नदी गुजरते हुए पार की जाए तो लगभग 5 किलोमीटर की ही दूरी है।मालूम हो कि आज प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए एसडीपीओ अनूप कुमार ने बताया कि खैरा थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार को वाहन चेकिंग के दौरान यह जानकारी मिली की एक लाल रंग की अल्टो कार में झारखंड से काफी मात्रा में शराब लेकर कारोबारी आ रहे हैं।सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष ने वाहन चेकिंग अभियान को और तेज कर दिया।इसी क्रम में उक्त गाड़ी पुलिस को देख कर भागने लगे और आगे जाकर कार को आगे जाकर रोक दिया और चालक कार छोड़कर भाग निकला।थानाध्यक्ष ने वाहनों को जप्त करते हुए उसमें से दो हजार शराब की पाउच बरामद किया और लाइजनर की भूमिका निभा रहे बड़ेम थाना के माधे गांव निवासी मंटू कुमार सिंह एवं महुआव गांव के मंगल सिंह को हिरासत में लेते हुए हाजत में बंद कर दिया और उसकी जिम्मेवारी मुंशी को सौंपकर डेरा चले आये।लेकिन थाने की मुंशी ने पैसे के लालच में लाइजनर के भूमिका निभा रहे मंटू कुमार सिंह,मंगल सिंह को न सिर्फ थाने से छोड़ दिया बल्कि फोन कर पैसे की मांग की और इसी बात ने तूल पकड़ लिया और मामला एसपी तक पहुंच गया और शराब के नाम पर चल रहे खेल का भंडाफोड़ हुआ।
रिपोर्ट-अजय कुमार पांडे