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किशनगंज: केन्द्रीयकृत लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर केंद्रीय टीम ने सदर अस्पताल का किया निरीक्षण।

केंद्रीय टीम ने सदर अस्पताल में उपलब्ध प्रसव संबंधी सेवाओं का लिया जायजा।

  • सीमित संसाधन व मानव बल की कमी के बावजूद बेहतर सेवा उपलब्ध कराने का प्रयास सराहनीय।
  • प्रसव सेवाओं का बेहतर बनाना लक्ष्य प्रमाणीकरण का उद्देश्य।
  • प्रसव सेवाओं की बेहतरी के लिये हुए हैं कई प्रयास।
  • औसतन हर माह अस्तपाल में होते हैं 550 डिलीवरी।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय मानकों के आधार पर सदर अस्पताल में प्रसव संबंधी सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रसव संबंधी सेवाओं की बेहतरी के लिये लक्ष्य प्रमाणीकरण को महत्वपूर्ण माना गया है। बिहार सरकार के राज्यस्तरीय क्वालिटी एश्योरेंस टीम द्वारा सदर अस्पताल को लक्ष्य प्रमाणीकरण पूर्व में प्राप्त हो चुका है। केंद्रीय स्तर पर प्रमाणीकरण हासिल करने का प्रयास जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को दो सदस्यीय केंद्रीय टीम ने सदर अस्पताल में उपलब्ध प्रसव संबंधी सेवाओं का निरीक्षण किया। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर की अगुआई में स्वास्थ्य अधिकारियों ने केंद्रीय टीम का स्वागत किया। मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों ने लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर विभागीय स्तर पर अब तक किये गये प्रयासों को केंद्रीय टीम के समक्ष रखा। राष्टीय गुणवता जांच के सदस्य डॉ आई के खोखर ने कहा कि कमियों की जगह वास्तविकता पता लगाना निरीक्षण का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रसव सेवाओं से जुड़े दस्तावेज, मरीजों की प्रतिक्रिया, संसाधन व कर्मियों की उपलब्धता व मरीजों के साथ उनका व्यवहार सहित अन्य तथ्यों का बारीकी से मुआयना किया जाना है। डॉ आई के खोखर ने कहा कि आम जनमानस को स्वास्थ्य संबंधी बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य है। हम जो कर रहे हैं वो जनसेवा से प्रभावित है। इसे कैसे बेहतर बनाया जाय। उपलब्ध सेवाएं कैसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जाये। इसके लिये हमें निरंतर अपनी कर्मियों में सुधार करना होगा। साथ ही सदश्यो ने निरीक्षण के महत्वपूर्ण पहलुओं से कर्मियों को अवगत कराया। साथ ही इसमें अपेक्षित सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रसव सेवाओं को बेहतर बनाना लक्ष्य प्रमाणीकरण का उद्देश्य है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर हमारा अब तक का सफर चुनौतियों से भरा रहा है। सघन आबादी, गरीबी व अशिक्षा के कारण जिला वर्षों से पिछड़ेपन का दंश झेल रहा है। बावजूद इसके अपने कर्मियों के हौसलों के दम पर हम आज यहां तक पहुंचे हैं। लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर प्रसव सेवाओं की बेहतरी के लिये हाल के दिनों में कई प्रयास किये गये हैं। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के सफल प्रयास से सदर अस्पताल में नए प्रसव कक्ष, मैटरनिटी सेंटर, ऑपरेशन थियेटर व प्रसूता के लिए बनाया गया है। प्रसव वार्ड व मेटरनिटी ओटी जरूरी संसाधन के साथ सुसज्जित किया गया है। प्रसव सेवाओं का 24 घंटे संचालन सुनिश्चित कराया गया है। कर्मियों के क्षमता संवर्द्धन को लेकर निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। जिला स्वास्थ्य समिति के जिला योजना समन्वयक विस्वजित कुमार ने कहा कि सीमित संसाधनों के साथ हमने लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर अपने सफर की शुरुआत की। इसे लेकर आज केंद्रीय टीम हमारे बीच है। जो हमारे लिये किसी उपलब्धि से कम नहीं। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में मरीजों का काफी दबाव है। पीएचसी स्तर पर सेवा उपलब्ध होने के बावजूद लोग प्रसव संबंधी सेवाओं के लिये सदर अस्पताल पर भरोसा करते हैं। एक माह में औसतन 550 डिलीवरी अस्पताल में होते हैं। इतना ही नहीं देर रात 10 डिलीवरी के मामले सुलझाये जा रहे हैं। संसाधन की कमी, मानव बल का अभाव सहित परिस्थिति जन्य चुनौतियों से निपटते हुए हमारे कर्मी प्रसव सेवाओं को बेहतर बनाने के प्रयास में लगे हैं। कर्मियों की सेवा व समर्पण का यही भाव हमें लक्ष्य प्रमाणीकरण के योग्य बनाता है। कार्यक्रम में महिला चिकित्सिका डॉ उर्मिला, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अनवर आलम, जिला योजना समन्वयक विस्वजित कुमार, अस्पताल प्रबंधक बसंत कुमार, सहित लेबर रूम की एएनएम मौजूद थे।

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