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आईएचएम रांची (IHM Ranchi) के शिक्षाविदों की पाठ्य पुस्तक का नोएडा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हुआ विमोचन

आईएचएम रांची (IHM Ranchi) के द्वारा एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर छूने की कहानी


रांची : एचसीएचएमसीटी, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 26 से 27 अक्टूबर तक सोशल इकनॉमिक एंड जेंडर इनक्लूसिवनेस इन टूरिज्म थीम पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में पर्यावरण अध्ययन विषय पर आईएचएम रांची के शिक्षाविदों द्वारा लिखित नई पाठ्यपुस्तक का अनावरण हुआ। इस अवसर पर ज्ञान भूषण, आईईएस, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार एवं सीईओ एचसीएचएमसीटी, प्रोफेसर कार्तिक नमसिवायम, स्कूल ऑफ हॉस्पिटैलिटी बिजनेस, मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका, डॉ. कॉलीन टेलर सेन, भारतीय व्यंजन पर विशेषज्ञता रखने वाली इतिहासकार और मेविन सीबह, मैरिएट मॉरिशस होटल्स के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी, मॉरिशस समेत पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी उद्योग के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व, शिक्षाविदों, शोधार्थियों और प्रतिभागियों की मौजूदगी रही। डॉ. भूपेश कुमार, प्राचार्य, आईएचएम रांची और रवि कुमार, वरिष्ठ व्याख्याता, आईएचएम रांची के द्वारा लिखी गई यह पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और राष्ट्रीय होटल प्रबंधन और केटरिंग प्रौद्योगिकी परिषद (एनसीएचएमसीटी) के सिलेबस के अनुरूप है जो की अकादमिक सत्र 2023 में एनसीएचएमसीटी और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के बीच हुए समझौते का परिणाम है। लेखकों के अनुसार यह पाठ्य पुस्तक न केवल नवीनतम सिलेबस के अनुसार समग्र कवरेज करती है बल्कि वास्तविक दुनिया के उदाहरण, केस स्टडीज, प्रैक्टिकल गाइडलाइन्स, वैश्विक दृष्टिकोण, अन्तर्विज्ञानी पहलु और संवेदनशील प्रथाओं का विकास में योगदान हैं इसे विशेष तौर पर खास बनाता है। यह परिस्थितिकी अध्ययन में विश्वस्त ज्ञान प्रदान करने का वादा करती है, जो पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी उद्योग में शोधार्थियों, छात्रों, और भविष्य और वर्तमान के पेशेवरों के लिए एक अमूर्त्य संसाधन होगी, जो पर्यावरण अध्ययन की पूर्णता की समझ को प्रोत्साहित करेगी।

प्राचार्य आईएचएम रांची डॉ. भूपेश कुमार ने प्रकाशक के प्रति अपना आभार जताते हुए झारखंड सरकार के पर्यटन विभाग और एनसीएचएमसीटी के निरंतर समर्थन की सराहना की। उन्होंने लेखक के प्रयासों की प्रशंसा की, जिन्होंने एक ऐसी किताब तैयार की है जो भारत सरकार की नवीनतम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार वक्त की मांग है। उन्होंने कहा आईएचएम रांची भविष्य में भी शोध और विकास के क्षेत्र में अपना प्रयास एवं प्रयत्नशीलता जारी रखेगा।

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