नए साल में जमुई जिलाधिकारी के तेवर सख्त…

जमुई नए साल में जमुई जिलाधिकारी के तेवर सख्त दिख रहे हैं।अनियमितता और भ्रष्टाचार के खिलाफ डीएम ने एक अभियान छेड़ रखा है जिसे हर सप्ताह जिले के किसी न किसी प्रखंड में अंजाम तक पहुंचा दिया जाता है।औचक निरीक्षण का अंदाज ऐसा है कि बेइमानों की नींदे हराम हो चुकी है।कईयों पर एफआईआर हो रहे हैं तो कईयों को शोकाउज देते हुए पूछा जा रहा है कि क्यूं नहीं उनकी संविदा रद्द कर दी जाए।यही नहीं भ्रष्टाचार पर डीएम की सख्ती ऐसी है कि प्रखंड के आलाधिकारियों तक के लिए प्रपत्र ‘क’ गठित करने की अनुशंसा की जा रही है।औचक निरीक्षण का अंदाज ऐसा है कि जिले भर में हड़कंप मचा है। शनिवार तथा गुरूवार की सुबह से ही विभिन्न प्रखंडों के कर्मी व अधिकारी मोबाइल के जरिए यह जानने की कवायद में लग जाते हैं कि अबकी किसकी बारी होगी।सप्ताह पूरा होते ही पूरा का पूरा कलेक्ट्रेट जिले के किसी प्रखंड क्षेत्र में आ धमकता है और वहां शुरू हो जाती है जांचोपरांत ऑन द स्पॉट कार्रवाई की प्रक्रिया।जानकारी मिल रही है कि जांच के लिए प्रखंड का चयन स्वयं डीएम कम्प्यूटर बाबा के माध्यम से करते हैं और अभियान पर निकलने से ठीक घंटे भर पहले अभियान में शामिल होने वाले अधिकारियों को इसकी जानकारी दी जाती है।गुरुवार को ऐसा ही नजारा लक्ष्मीपुर प्रखंड में देखने को मिला जब डीएम के काफिले की दर्जनों गाड़ियां दनदनाती हुई लक्ष्मीपुर प्रखंड के कई पंचायतों में प्रवेश कर गई।
जानकारी मिल रही है कि इस काफिले में 49 अधिकारियों की 25 टीम बनाई गई थी जबकि जिले के कई वरीय जिला स्तरीय पदाधिकारी उन टीमों का नेतृत्व कर रहे थे।इन टीमों में डीएम के अलावे एडीएम, एसडीओ, डीपीआरओ, डीएसओ, डीपीओ, एक्साइज सुपरीटेंडेंट, सीडीपीओ, सीओ, बीडियो और डीडब्ल्यूओ जैसे वरीय पदाधिकारी भी शामिल थे।डीएम की इन टीमों ने लक्ष्मीपुर प्रखंड के चार पंचायतों सहित प्रखंड कार्यालय, अस्पताल और गोदामों पर छापेमारी कर दी टीमों ने नल जल, गली नाली, मनरेगा, आंगनबाड़ी केंद्र, सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें, सरकारी स्कूल, राजस्व, कैश बुक, सरकारी अस्पताल, स्वच्छता, गोदाम और आरटीपीएस को टारगेट किया था जिसकी जांच सूक्ष्मता से की जा रही थी।जांच के उपरांत लक्ष्मीपुर प्रखंड कार्यालय स्थित सभागार में डीएम ने सभी जांच अधिकारियों की मीटिंग बुलाई और उनसे उनका फीडबैक लिया।रिपोर्ट मिल जाने के बाद डीएम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लक्ष्मीपुर के सीईओ पर प्रपत्र ‘क’ गठित करने की अनुशंसा की है।वहीं अनियमितताओं पर राशि रिकवरी से लेकर एफआईआर, शोकाउज, सस्पेंशन, सैलरी पर रोक और वितरण गड़बड़ी को लेकर लाइसेंस रद्द करने की भी अनुशंसा की गई है।डीएम की इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार को प्रश्रय देने वाले पदाधिकारियों में हड़कंप मच गया है।जबकि कई जनप्रतिनिधि डीएमके उस प्रखंड में पहुंचने के बाद इलाका छोड़ते नजर आते हैं।डीएम की कार्यशैली को अगर देखें तो पूरा का पूरा समाहरणालय ही 2 सप्ताह से प्रखंडों पर पहुंचा रहा है डीएम की यह कार्रवाई सिर्फ औचक निरीक्षण तक सीमित नहीं है।निरीक्षण के दौरान अनियमितता पाए जाने पर ऑन द स्पॉट कार्रवाई भी हो रही है।