किशनगंज : ABVP कार्यकर्ताओं ने संत जेवियर्स स्कूल के समीप RTE मामले में जांच को लेकर दिया धरना, DEO ने कार्रवाई का दिलाया भरोसा।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत अभिवंचित् समूह के 06 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा से लाभांवित करने तथा जिसका उद्देश्य 6-14 वर्ष के सभी बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना है। 06 वर्ष के सभी बच्चों का नामांकन करवाना। कक्षा 1-8 तक की शिक्षा को ‘प्राथमिक शिक्षा’ के रूप में परिभाषित करना। प्राथमिक शिक्षा पूरा होने से पहले किसी भी बच्चे को कक्षा में रोका नहीं जाना है।
उक्त योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक वर्ष अनुदान स्वरूप राशि मुहैया कराई जाती रही है परंतु किशनगंज जिले मे कतिपय निजी विद्यालयों द्वारा तत्संबंधी योजना से आच्छादित छात्रों एवं अभिभावकों के साथ धोखाधड़ी कर राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान के अतिरिक्त शुल्क वसूली का मामला संज्ञान मे आया है जिसका अखिल भारतीय विधार्थी घोर विरोध करता है एवं मांग करता है कि-शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय पदधिकारी जिनके कार्यकाल मे गड़बड़ी पाए गए है उन संबंधित पदाधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाय एवं हकमारी छात्रों को ब्याज सहित राशि उपलब्ध कराई जाय। मंगलवार को संत जेवियर्स स्कूल के समीप ABVP कार्यकर्ताओं ने स्कूल के मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन किया।
डीइओ सुभाष कुमार गुप्ता मौके पर पहुँच कार्रवाई का भरोसा दिलाया तब जाकर ABVP कार्यकर्ता हटे। वही भाजपा जिलाध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि आरटीई एक्ट 2009 के तहत अगर कोई भी व्यक्ति या फिर विद्यालय आरटीई एक्ट का पालन न करके उस बच्चे से फीस की मांग करता है तो उस विद्यालय को उस विद्यालय की फीस का 10 गुना भुगतान करना पड़ेगा और केवल यह ही नहीं सरकार द्वारा उस विद्यालय की मान्यता को भी रदद् किया जा सकता है।
गोप ने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत सभी निजी विद्यालयों को विद्यालय के कुल विद्यार्थियों के संख्या का 25 फीसदी विद्यार्थियों नामांकन करना होता है। इस अधिनियम के तहत बच्चा का कक्षा 01 में नामांकन के बाद सरकार द्वारा कक्षा 8 तक निशुल्क में शिक्षा दी जाती है। इस अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में नामांकित बच्चों का स्कूल फीस सरकार द्वारा दी जाती है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षा विभाग के राशि भेजने के बावजूद शहर के कुछ बहुचर्चित निजी विद्यालय उन बच्चों के अभिभावकों से प्रतिमाह स्कूल फीस भी वसूली करते आ रहा है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना, शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का इन विद्यालयों द्वारा खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।
जिसमें शिक्षा विभाग किशनगंज की भी भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे है। किशनगंज के 70 निजी विद्यालयों में वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में 1,45, 11,951 रुपये शिक्षा विभाग, पटना से भेजा गया है। राज्य सरकार द्वारा प्रति छात्र 08 से 12 हजार रुपये, प्रतिवर्ष प्रतिपूर्ति राशि दी जाती है। इसके बावजूद किशनगंज जिले के बहुचर्चित विद्यालय के द्वारा इन लाभुकों के अभिभावकों से स्कूल फीस वसूला गया। जिसकी भनक उन अभिभावकों तक को नहीं हुई।