बिहार में मुंगेर जिले के दियारा क्षेत्रों में फसल लूट को लेकर लगभग हर साल बंदूकें गरजती हैं। इसकी वजह भी बड़ी दिलचस्प है।दरअसल, इन इलाकों में हर साल गंगा नदी अपना रास्ता बदल लेती है,जिन इलाकों से गंगा गुजरती है, वे काफी उपजाऊ हो जाते हैं।इसके बाद इन जमीनों पर मालिकाना हक को लेकर हिंसक जंग की शुरुआत होती है।इस दौरान अपराधी पुलिस टीम पर गोलीबारी से भी नहीं हिचकते हैं।26 फरवरी को भी मोहली दियारा में अपराधियों के जमावड़े की सूचना पर पहुंची पुलिस पर अपराधी गिरोह ने जमकर गोलीबारी की थी।पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग कर अपराधियों को पीछे धकेल दिया।इस दौरान एक पूर्व सरपंच सहित 9 अपराधी पुलिस की गिरफ्त में आए।पुलिस ने एक सेमी ऑटोमैटिक राइफल के साथ 11 राइफल भी बरामद किए।एसपी आशीष भारती ने मुफसिल थाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि मोहली दियारा में 25-30 की संख्या में अवैध हथियार से लैस अपराधी किसी घटना को अंजाम देने के लिए जमा हुए हैं।इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने टीम गठित की,इसमें अपर पुलिस अधीक्षक, सदर अनुमंडल एएसपी सहित कई एसटीएफ के जवान और सशस्त्र बल पुलिस ने छापेमारी की।जब पुलिस उनके नजदीक पहुंची तो अपराधियों ने पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी,जवाब में पुलिस ने भी 61 राउंड फायरिंग की।एसपी ने बताया कि पुलिस टीम की फायरिंग और घेराबंदी को देखकर अपराधी भागने लगे, इस बीच पुलिस ने नौ अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।उनके पास से दस रायफल, दो नाली बंदूक 215 राउंड कारतूस छह मोबाइल मिले।गिरफ्तार अपराधी शिवनंदन प्रसाद यादव, गिरिधर कुमार, गुड्डू कुमार, अशोक यादव, प्रकाश यादव, पांडव यादव और मनोज यादव खगड़िया जिले के मंथार गांव का निवासी है।राकेश कुमार मुफसिल थाना क्षेत्र के टीकारामपुर पंचायत का रहने वाला है।इस छापेमारी में तीन अन्य लोग भागने में सफल रहे।एसपी ने कहा कि गिरफ्तार शिवनंद प्रसाद यादव मथार गांव का मुखिया रह चुका है। मौजूदा समय में वह सरपंच है,उसी ने दियारा इलाके में फसल कटाई को लेकर वर्चस्व बनाने के लिए अपराधियों का बुलाया।वह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाला था।एसपी ने दावा किया कि पुलिस के इस एक्शन से दियारा इलाकों में अपराध में कमी आएगी।साथ हथियार तस्करी में कमी आने की उम्मीद है।