रोहतास : आखिर चाहते क्या थी पुलिस…

रोहतास जिले के सुरजपुरा प्रखंड का एक गांव जो आजादी के बाद भी महज रोड के लिए 6 माह पहले से हैं वोट बहिष्कार का योजना बनाया था लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से प्रशासन ने इस योजना को सफल नहीं होने दिया आखिर पुलिस के लोग चाहते क्या थे ? क्या वजह थी लोगों से जबरन मतदान कराने की ? कहीं ऐसा तो नहीं है लोकतंत्र का गला आज लोकतंत्र के परहरी ही घोट रहे हैं ?यह बहुत ही शर्मनाक घटना है अगरेर खुर्द गांव की जहां लगभग 2600 वोटर है।ब्राह्मण, वैश्य, और अनुसूचित जनजाति सहित तमाम लोगों ने वोट ना देने की तैयारी की थी और बीते 19 मई को सभी अपने अपने कामों में व्यस्त थे।तभी पुलिस बल के जवानों ने ग्रामीणों के घर में घुसकर जबरन वोट करने के लिए बुथ पर लाना शुरू किया इस पर ग्रामीण उग्र हो गए, और फिर क्या था देखते ही देखते पूरा गांव रण क्षेत्र में तब्दील हो गया।आज अगरेर खुर्द गांव का प्रत्येक घर पुलिस की बर्बरता का पहचान बना है क्या बच्चे क्या बूढ़े सभी के घर में पुलिस वालों ने घुस कर बेरहमी से पिटाई की लगभग गांव के कई 4 चक्का से लेकर दो चक्का वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।अब देखिए होता क्या है गांव के लोगों ने पुलिस के डर से इधर उधर भागते फिर रहे हैं और यह मांग कर रहे हैं की सुरजपुरा थाना प्रभारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सहित गैर जिम्मेवार तमाम पदाधिकारियों का निलंबन हो।अब देखिए क्या सुशासन की दवा करने वाली है सरकार ग्रामीणों के साथ न्याय करती है या भ्रष्ट पदाधिकारियों का साथ देती है।
रिपोर्ट-आगरेर खुर्द से हरी जी पांडे।