ताजा खबर

जागरूक मतदाता हमारे समृद्ध लोकतंत्र की रीढ़; त्रुटिरहित मतदाता सूची हमारे प्रजातंत्र को एक नया आयाम प्रदान करेगाः जिलाधिकारी।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप दिनांक 01.01.2025 की अर्हता तिथि के आधार पर फोटो निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के क्रम में एकीकृत प्रारूप निर्वाचक नामावली का पटना जिले में आज प्रारूप प्रकाशन किया गया। इस अवसर पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभागार में सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के पटना जिला अध्यक्षों/सचिवों/प्रतिनिधियों के साथ बैठक का आयोजन हुआ। इसमें सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ईआरओ) तथा सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (एईआरओ) भी उपस्थित थे। राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी गई। उनसे विस्तार से इस विषय पर चर्चा की गई। साथ ही सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों (ईआरओ) तथा सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों (एईआरओ) को निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण कार्य का द्वितीय चरण भी सफलतापूर्वक सम्पन्न करने का निदेश दिया गया। फोकस्ड एवं टार्गेटेड ढंग से कार्य करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि अर्हता तिथि 01.01.2025 के आधार पर फोटो निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विस्तृत दिशा-निदेश दिया गया है। सभी ईआरओ एवं एईआरओ इसका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करें।

जिलाधिकारी ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में सभी की सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है। सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी त्रुटिरहित मतदाता सूची के निर्माण में सहयोग प्रदान करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दिनांक 28 नवम्बर, 2024 (वृहस्पतिवार) तक दावों और आपत्तियों को दाखिल करने की अवधि है। अर्हता प्राप्त सभी व्यक्ति निर्वाचक सूची में अपना नाम जुड़वाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि जागरूक मतदाता हमारे समृद्ध लोकतंत्र की रीढ़ हैं। त्रुटिरहित मतदाता सूची हमारे प्रजातंत्र को एक नया आयाम देगा। सभी स्टेकहोल्डर्स को इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहना होगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिनांक 01.01.2025 की अर्हता तिथि के आधार पर वार्षिक संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्यक्रम इस प्रकार निर्धारित किया गया है कि निर्वाचक नामावलियाँ प्रत्येक वर्ष की 25 जनवरी को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय मतदाता दिवस से काफी पहले अंतिम रूप से प्रकाशित हो जाए। उन्होंने कहा कि इसका एक उद्देश्य नए निर्वाचकों, विशेषकर युवा मतदाताओं (18-19 वर्ष), के लिए तैयार किए गए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) उन्हें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के दिन औपचारिक रूप से उपलब्ध कराना भी है। अतः सभी ईआरओ एवं एईआरओ समय-सीमा का शत-प्रतिशत अनुपालन करें।

जिलाधिकारी ने कहा कि निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण कार्य का द्वितीय चरण (पुनरीक्षण कार्यकलाप) दिनांक 29 अक्टूबर, 2024 (मंगलवार) से प्रारंभ होकर 06 जनवरी, 2025 (सोमवार) तक चलेगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार समेकित प्रारूप निर्वाचक नामावली का प्रकाशन दिनांक 29 अक्टूबर, 2024 (मंगलवार) को किया गया है। दिनांक 29 अक्टूबर, 2024 (मंगलवार) से 28 नवम्बर, 2024 (वृहस्पतिवार) तक दावों और आपत्तियों को दाखिल करने की अवधि है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार द्वारा दिनांक 02 नवम्बर (शनिवार), 03 नवम्बर (रविवार), 23 नवम्बर (शनिवार) एवं 24 नवम्बर (रविवार) को विशेष अभियान की तारीख निर्धारित किया गया है। दिनांक 24 दिसम्बर, 2024 (मंगलवार) तक दावों एवं आपत्तियों का निपटान किया जाएगा। दिनांक 01 जनवरी, 2025 (बुधवार) तक दुरूस्तता संबंधी मानदंडों की जाँच करना और अंतिम प्रकाशन के लिए आयोग की अनुमति लेना है तथा डाटाबेस का अद्यतनीकरण और अनुपूरकों का मुद्रण किया जाना है। जिलाधिकारी ने कहा कि दिनांक 06 जनवरी, 2025 (सोमवार) को निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन किया जाना है।

डीएम डॉ. सिंह ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को आयोग के निदेशों के अनुसार सभी कार्रवाई समय-सीमा में पूरा करने का निदेश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी समन्वय स्थापित करने का निदेश दिया है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण कार्य के प्रथम चरण में पुनरीक्षण- पूर्व कार्यकलाप आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार किया गया है। प्रथम चरण (पुनरीक्षण-पूर्व कार्यकलाप) दिनांक 20 अगस्त, 2024 (मंगलवार) से प्रारंभ हुआ था जो 18 अक्टूबर, 2024 (शुक्रवार) तक चला। जिलाधिकारी ने कहा कि अच्छी गुणवत्तावाली निर्वाचक नामावलियाँ प्राप्त करने के उद्देश्य से पुनरीक्षण-पूर्व कार्यकलापों को भी भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पुनरीक्षण कार्य के बराबर महत्व दिया जाता है। सभी ईआरओ एवं एईआरओ द्वारा पूरी तन्मयता से इसे किया गया है। इसके तहत बीएलओ के माध्यम से घर-घर जाकर सत्यापन करना, मतदान केन्द्रों का युक्तिकरण/पुनर्व्यवस्था करना, निर्वाचक नामावली/एपिक में विसंगतियों को दूर करना, नामावली में धुंधली, खराब गुणवत्ता वाली, विनिर्देश के अनुरूप न होने वाली तथा गैर-मानवीय छवियों को जहाँ भी आवश्यक हो, प्रतिस्थापित करके अच्छी गुणवत्ता वाले छायाचित्र सुनिश्चित करके छवि की गुणवत्ता में सुधार करना, खंड/भागों को नया रूप देना और मतदान केन्द्रों के खंड/भाग की चारदीवारी के प्रस्तावित पुनर्निर्माण को अंतिम रूप देना और मतदान केन्द्रों की सूची का अनुमोदन प्राप्त करना, अंतरालों (गैप्स) की पहचान करना तथा ऐसे अंतरालों को पाटने के लिए कार्यनीति और समयसीमा को अंतिम रूप देना और कंट्रोल टेबल का अद्यतनीकरण शामिल है। 19 अक्टूबर (शनिवार) से 28 अक्टूबर (सोमवार) तक प्रारूप 1 से 8 तक तैयार कर एवं अर्हता तिथि 01 जनवरी, 2025 के संदर्भ में समेकित प्रारूप नामावली तैयार किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी ईआरओ एवं एईआरओ द्वारा समय-सीमा का अनुपालन करते हुए गुणवत्ता सुनिश्चित कर त्रुटिहीन ढंग से पुनरीक्षण-पूर्व कार्य सम्पन्न किया गया है।

जिलाधिकारी डॉ. सिंह ने कहा कि निर्वाचक नामावली के प्रारूप प्रकाशन के साथ ही नामावली पुनरीक्षण का कार्य प्रारंभ होता है। विभिन्न पुनरीक्षण-पूर्व गतिविधियों को निर्वाचक नामावली के प्रारूप प्रकाशन के पहले पूर्ण किया गया है। सभी ईआरओ एवं एईआरओ द्वारा इस क्रम में निम्नलिखित निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया गया हैः

1. परिवार के सदस्यों का नाम एक ही प्रभाग में दर्ज किया जाना।

2. ईआरओ नेट के माध्यम से प्रभागों का समुचित रूप से गठन, गृह संख्या दर्ज करना एवं गृह संख्या का जीआईएस के माध्यम से चिन्हीकरण।

3. मतदान केन्द्र के निम्न तल पर अवस्थित होना सुनिश्चित किया जाना।

4. मतदाताओं की मतदान केन्द्र से दूरी 2 किलोमीटर से अधिक न होने एवं कोई प्राकृतिक बाधाओं को पार न किए जाने की पुष्टि किया जाना।

5. चिन्हित दोहरी/एकाधिक/डेमोग्राफिक समान/मृत निर्वाचकों की प्रविष्टियों को फार्म 7 के माध्यम से नोटिस देने के पश्चात नियमानुसार विलोपित करने की कार्रवाई करना।

6. शत-प्रतिशत मतदान केन्द्रों का सत्यापन

7. छूटे हुए एवं भावी मतदाताओं की प्रविष्टि डाटाबेस में सुनिश्चित करना।

8. भारत निर्वाचन आयोग के मानकों के अनुसार अच्छी गुणवत्ता वाले छायाचित्रों का प्रतिस्थापन।

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रारूप प्रकाशन से पूर्व सभी लॉजिकल एरर, डीएसई, पते को सही करना तथा धुंधले एवं खराब फोटोग्राफ को प्रतिस्थापित करने की कार्रवाई पूर्ण किया गया है। पुनरीक्षण-पूर्व गतिविधियों के अंतर्गत बीएलओ के माध्यम से (बीएलओ ऐप) गृह सत्यापन का कार्य शुद्धतापूर्वक किया गया है। गृह सत्यापन के क्रम में बीएलओ द्वारा निर्वाचक सूची के प्रविष्टियों की जाँच कर इसकी शुद्धता सुनिश्चित की गई है। साथ ही निम्नलिखित सूचनाएँ उनके द्वारा प्राप्त करने की कार्रवाई की गई हैः

(क) अपंजीकृत अर्हता प्राप्त नागरिकों के संबंध में (अर्हक तिथि 01.10.2024 तक)

(ख) भावी निर्वाचक (अर्हक तिथि 01.01.2025 को पात्र)

(ग) भावी निर्वाचक (आगामी अर्हक तिथि 01 अप्रैल, 01 जुलाई एवं 01 अक्टूबर को पात्र)

(घ) दोहरी प्रविष्टि/मृत निर्वाचक/स्थायी रूप से स्थानांतरित निर्वाचकों के संबंध में

(ड़) निर्वाचक सूची की प्रविष्टियों में सुधार

जिलाधिकारी ने कहा कि गृह सत्यापन संबंधी कार्य पूर्ण होने के पश्चात सभी मतदान केन्द्र स्तरीय पदाधिकारी/निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी द्वारा इस आशय का प्रमाण-पत्र समर्पित किया गया है कि उपर्युक्त बिन्दुओं (क) से (घ) तक का शत-प्रतिशत सत्यापन कर लिया गया है एवं कोई भी विवरण छूटा नहीं है।

जिलाधिकारी ने कहा कि मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण के पूर्व मतदान केन्द्र स्थलों का शत-प्रतिशत सत्यापन किया गया है। मतदान केन्द्रों के भौतिक सत्यापन के क्रम में यह सुनिश्चित किया गया है कि मतदान केन्द्र आयोग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुकूल है तथा निर्बाध मतदान संचालन में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी। आयोग के निदेशानुसार युक्तिकरण के क्रम में 1500 के मानक के आधार पर नए मतदान केन्द्रों का सृजन मैनुअल ऑन पोलिंग स्टेशन, 2020 में निहित निदेश के आलोक में किया जाता है। जिलाधिकारी ने कहा कि मतदान केन्द्र के युक्तिकरण का यह भी उद्देश्य है कि परिवार के सभी सदस्यों तथा नजदीक में रहने वाले पड़ोसी मतदाताओं के नाम उस मतदान केन्द्र के एक ही प्रभाग में होना सुनिश्चित किया जाए ताकि उनके पता में समरूपतता रहे एवं यह समान रूप से निर्वाचक सूची एवं फोटो पहचान पत्र में प्रदर्शित हो।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि योग्य मतदाताओं की सहायता के लिए सम्पूर्ण निर्वाचन तंत्र तत्पर है।युवाओं का मतदाता बनना अब बहुत आसान हो गया है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता के पंजीकरण हेतु 04 (चार) अर्हता तिथियाँ निर्धारित की गई हैः प्रत्येक वर्ष 01 जनवरी, 01 अप्रैल, 01 जुलाई एवं 01 अक्टूबर। नये प्रावधानों के अनुसार अब मतदाताओं को साल में चार बार मतदाता सूची में नाम शामिल करने का मौका मिल रहा है। जिस तिमाही में उनकी आयु 18 वर्ष पूरी हो जाएगी, उनका नाम मतदाता सूची में शामिल हो जाएगा। 17+ वर्ष के युवाओं के लिए अग्रिम आवेदन की सुविधा प्राप्त है। सिर्फ 01 जनवरी की अर्हता तिथि की प्रतीक्षा करने की जरूरत नहीं रह गई है।निर्वाचक नामावली प्रत्येक तिमाही में अद्यतन की जाएगी और पात्र युवाओं को उस वर्ष की अगली तिमाही में पंजीकृत किया जा सकता है, जिसमें उन्होंने 18 वर्ष की पात्रता आयु पूरी कर ली हो। पंजीकरण करवाने के बाद उन्हें निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) डाक से भेजा जाएगा। डीएम डॉ. सिंह ने आह्वान करते हुए कहा कि साल में 01 जनवरी, 01 अप्रैल, 01 जुलाई एवं 01 अक्टूबर की तारीखों को जो भी नागरिक 18 वर्ष की आयु पूर्ण करेंगे वो अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराएँ। उन्होंने कहा कि इसके लिए ऑनलाईन एवं ऑफलाईन दोनों माध्यमों से फार्म भरा जा सकता है। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा फार्म भरने की प्रक्रिया को भी काफी सरल कर दी गयी है। अधिक-से-अधिक वयस्क नागरिकों को मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाना चाहिए।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि संविधान द्वारा प्रदत्त सार्वभौम वयस्क मताधिकार हम सभी के लिए बहुमूल्य है। त्रुटिरहित मतदाता सूची पूरी निर्वाचन प्रक्रिया का आधार है। चुनावों में उच्च मतदान प्रतिशत इसे एक नया ऊँचाई देगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button