किशनगंज : जरूरतमंदों को ससमय रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को रक्तदान जरूरी: डा० देवेन्द्र
एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं ने किया रक्तदान, 5 यूनिट रक्त हुआ संग्रहित, स्वैच्छिक समूह, सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को रक्तदान के प्रति दिखानी होगी दिलचस्पी, थैलेसीमिया मरीज के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग एवं रक्तदाताओं को कहा धन्यवाद

रक्तदाता इन बातों का रखें ख्याल:
- 18 साल से 65 साल के लोग रक्तदान कर सकते हैं।
- 45 किलोग्राम वजन के लोग 350 मिलीलीटर एवं 55 किलोग्राम से ऊपर वजन के लोग 450 मिलीलीटर खून दान कर सकते हैं।
- 12.50 ग्राम हीमोग्लोबिन या इससे अधिक होने पर ही रक्तदान संभव है।
- एड्स, उच्च रक्तचाप, अत्यधिक मधुमेह एवं थेलेसीमिया जैसे अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं।
- रक्तदाता का वजन 45 किलोग्राम से कम ना हो।
- खून देने से 24 घंटे पहले से ही शराब, धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन ना करें।
किशनगंज, 31 अक्टूबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले के सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में रेडक्रॉस सोसाइटी एवं जिला कांग्रेस कार्यालय के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर संयुक्त रूप से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं के द्वारा रक्तदान किया गया। रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव डा० देवेन्द्र कुमार ने उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिलाधिकारी तुषार सिंगला के दिशा-निर्देश के आलोक में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। जिसमे सर्वप्रथम स्वयं रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव डा० देवेन्द्र कुमार एवं किशनगंज ग्रामीण के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अजय साहा के द्वारा रक्तदान किया गया। रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव डा० देवेन्द्र कुमार ने बताया की स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कांग्रेस कार्यकर्ताओ के द्वारा एक दिवसीय रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। गौरतलब है कि इन दिनों स्वैच्छिक रूप से रक्तदान करने वालों की संख्या में कमी आयी है। इससे ब्लडबैंक में विभिन्न समूहों के रक्त की उपलब्धता भी प्रभावित हुई है। वहीं रक्तदान शिविर का मुख्य उद्देश्य सुरक्षित रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और रक्तदाताओं के सुरक्षित जीवनरक्षक रक्त के दान करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते हुए आभार व्यक्त करना है। वर्ष 2023 के माह जनवरी से अब तक कुल 3747 लोगों ने ब्लड बैंक में रक्तदान किया है।वहीं वर्ष 2023 के जनवरी से मई तक कुल 165 थैलेसीमिया रोगियों को मुफ्त रक्त उपलब्ध करवायी गयी है। पुरुष हर तीन महीने और महिला हर चार महीने के अंतराल पर दोबारा रक्तदान कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि रक्तदान करने से शरीर पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ता है। बल्कि फायदा ही होता है। एक यूनिट रक्तदान में 350 मिलीग्राम रक्त लिया जाता है। रक्तदान के बाद हुई खून की कमी 21 दिनों में पूरी हो जाती है। एक यूनिट खून से एक यूनिट प्लाज्मा, एक यूनिट प्लेटलेट्स, एक यूनिट आरबीसी और एक यूनिट क्रायो मिलता है। इनसे अलग-अलग चार लोगों का जीवन बचाया जा सकता है।18 वर्ष से ऊपर के पुरुष हर तीन महीने और महिला हर चार महीने के अंतराल पर दोबारा रक्तदान कर सकती हैं। रक्तदान के लिए शरीर का न्यूनतम वजन 45 किलो होना चाहिए। रक्तदान पूर्व की जांच से शरीर की स्थिति का पता चलता है। रक्तदान करने से कैंसर का खतरा कम, हार्ट को हेल्दी रखता है, वजन कंट्रोल, रेड सेल्स प्रोडक्शन एवं सेहत अच्छी रहती है। सदर अस्पताल परिसर में संचालित ब्लड बैंक का संचालन आम जिलावासियों के लिये लाभकारी साबित हो रहा है। दुर्घटना के गंभीर मामले, जटिल प्रसव, ऑपरेशन सहित अन्य मामलों में समय पर रक्त उपलब्ध होने से मरीजों की जान बचाना संभव हो सका है। खासकर थैलेसीमिया के मरीज जिनके शरीर में खून नहीं बनते, उनके लिये जिले में ब्लड बैंक की स्थापना एक वरदान साबित हुई है। नोडल पदाधिकारी सह सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा० अनवर आलम ने बताया कि जिले में फिलहाल थैलेसीमिया पीड़ित रोगियों की संख्या 56 है। इसमें कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें महीने में दो से तीन बार ब्लड चढ़ाना होता। इन्ही में से एक है 11 वर्षीय आलिया सदा जो कि किशनगंज प्रखंड के देसिया टोली निवासी है जो पिछले 2 वर्ष से थैलेसीमिया रोग से पीड़ित है। अब उन्हें प्रति एक माह में अपने लिए रक्त की आवश्यकता होती। पिछले सप्ताह भी रक्त चढ़ा है। इसके लिए उन्होंने अस्पताल प्रशासन के साथ रक्तदाताओं का भी धन्यवाद कहा है। वे बताती हैं कि सदर अस्पताल में संचालित ब्लड बैंक मुझ जैसे थैलेसीमिया रोगियों के परिजनों के लिये सुविधाजनक साबित हो रहा है। उन्हें रक्त के लिये कहीं अन्यत्र भटकना नहीं पड़ता। ब्लड बैंक के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर रोगियों को निःशुल्क रक्त उपलब्ध कराया जाता है। मैं सभी रक्तदाताओ को दिल से धन्वायद देती हूँ।