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किशनगंज : जिले के जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित पुष्पा भट्टाचार्य को सफल इलाज के लिए भेजा गया पटना।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) बच्चों को सुविधाजनक तरीके से समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक नई पहल है। इसी क्रम में जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जन्मजात हृदय रोग से किशनगंज शहरी क्षेत्र के नेपालगढ़ कोलोनी के 42 माह की पुष्पा भट्टाचार्य के सफल इलाज के लिए सदर अस्पताल से इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान पटना के लिए एम्बुलेंस से भेजा गया। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की जिले में हृदय में छेद के साथ जन्में कई बच्चों की मुफ्त सफल सर्जरी हो चुकी है। वही उन्होंने बताया की जिले में आरबीएसके में शामिल मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत जिले में हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का समुचित इलाज हो रहा और पीड़ित बच्चे स्वस्थ्य भी हो रहें हैं, जो आरबीएसके टीम की सकारात्मक पहल का परिणाम है। इसके लिए जिले में पीएचसी से लेकर जिला स्तर के अस्पतालों में तैनात आरबीएसके टीम क्षेत्र भ्रमण कर ऐसे बच्चों को ना सिर्फ चिह्नित कर रहे हैं। बल्कि, उसका निःशुल्क समुचित इलाज भी सुनिश्चित करवा रहे हैं। ताकि पीड़ित बच्चे को सुविधाजनक तरीके से सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ मिल सके और लोगों में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं के प्रति विश्वास बढ़े तथा उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी मिल सके। वहीं, सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी भी दी जा रही और लाभ लेने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। जिससे अधिकाधिक लोग सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का सुविधाजनक तरीके से लाभ ले सकें और अनावश्यक परेशानियाँ से दूर रहें। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बुधवार को सदर अस्पताल परिसर में जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 18 वर्ष तक के बच्चों को किसी प्रकार की गंभीर समस्या होने पर आईजीआईएमएस, एम्स, पीएमसीएच भेजा जाता है। टीम में शामिल एएनएम, बच्चों का वजन, उनकी लंबाई व सिर एवं पैर आदि की माप व नाप तौल आदि करती हैं। फार्मासिस्ट रजिस्टर में स्क्रीनिंग किये गये बच्चों का ब्योरा तैयार करते हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सभी बच्चों को चार मुख्य समस्याओं पर केंद्रित किया जाता है। इनमें डिफेक्ट एट बर्थ, डिफिशिएंसी डिजीज, डेवलपमेंट डीले तथा डिसेबिएलिटी आदि शामिल हैं। इससे जुड़ी सभी तरह की बीमारी या विकलांगता को चिह्नित कर इलाज किया जाता है। आरबीएसके के जिला समन्वयक ब्रहमदेव शर्मा ने बताया, समाज के अंतिम व्यक्ति को भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए हमारी टीम इलाके का भ्रमण कर जरूरतमंदों को चिह्नित कर उन्हें सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करती है। यही नहीं, जरूरतमंदों को सरकारी स्वास्थ्य आने से लेकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने तक हमारी टीम जरूरी सहयोग भी करती है। ताकि लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सेवा का लाभ लेने में किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो और सभी लोगों को सुविधाजनक तरीके से सरकारी स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके। वहीं, उन्होंने बताया, जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में हमारी टीम तैनात है। जिसमें दो चिकित्सक, एक एएनएम और फर्मासिस्ट शामिल हैं। वहीं, उन्होंने कहा, मैं तमाम जिले वासियों से अपील करता हूँ कि जिनका भी बच्चा हृदय रोग से पीड़ित हैं, वह अपने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र आकर हमारी टीम को सूचना दें। उनके बच्चे का पूरी तरह निःशुल्क समुचित इलाज करवाया जाएगा।

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