आम जनता की सुरक्षा में समर्पित रहने वाली पुलिस का क्रूर चेहरा सामने आया है। कुर्साकाटा थानों के चिकनी फकीरना गांव में वारंटी को खोजने गई पुलिस ने शनिवार की आधी रात एक गर्भवती महिला के पेट पर राइफल के कुंदे से प्रहार कर कोख में पल रहे नवजात की जीवन लीला समाप्त कर दी। घायल महिला को नाजुक हालत में इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज लाया गया,जहां उसने एक बच्चे को जन्म तो दिया लेकिन वह दुनिया देखने के लिए जिंदा नहीं रह पाया।महिला की हालत नाजुक बनी हुई है।वहीं,कुर्साकाटा के एसएचओ का कहना है कि पुलिस वारंटी को पकड़ने जरूर गई थी,लेकिन मारपीट का आरोप निराधार है।घटना के संबंध में बताया जाता है कि कुर्साकांटा पुलिस न्यायालय से निर्गत वारंट के आलोक में चिकनी गांव के फकीरना टोला वार्ड संख्या 13 में ब्रह्मदेव मंडल व उसके भाई मनोज मंडल को गिरफ्तार करने गई थी।जहां महिला द्वारा दरवाजा खोलने में थोड़ा सा विलंब होने पर यह अमानवीय घटना सामने आई।अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही धनेश्वरी देवी पति ब्रह्मदेव मंडल ने बताया कि शनिवार की रात लगभग साढ़े बारह बजे पुलिस उसके आवास पर पहुंची एवं दरवाजा खोलने को कहा।दरवाजा खोलने में कुछ देरी हुई तो पुलिस कर्मी ने बंदूक के कुंदे से उसके पेट पर मारा एवं लात-मुक्के से उसकी पिटाई करने लगे।इस पिटाई से उसे रक्तस्नाव होने लगा।पेट में असहनीय पीड़ा हुई।उसे गंभीर हालत में अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज में भर्ती कराया गया। महिला ने बताया कि पुलिस वाले आठ से दस की संख्या में थे, जिसमे थानाध्यक्ष एवं अन्य पुलिस अधिकारी भी शामिल थे।वहीं,घटना की सूचना मिलते ही फारबिसगंज थाना से अवर निरीक्षक घनश्याम सिंह ने अस्पताल पहुंचकर धनेश्वरी का फर्द बयान दर्ज किया।मामले में कुर्साकांटा थानाध्यक्ष विकास कुमार आजाद का कहना है कि महिला की पिटाई की बात गलत है।पुलिस दो वारंटी को गिरफ्तार करने गई थी।पुलिस को देख कर महिला काफी डर गई थी। संभवत: उसके भयभीत हो जाने के कारण ऐसा हुआ होगा।दोनों गिरफ्तार वारंटियों को जेल भेज दिया गया है।वही पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरिका, का कहना है की मामले की जांच शुरू कर दी गई है।जो भी पुलिस अधिकारी दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट:-धर्मेन्द्र सिंह