प्रलेक प्रकाशन समूह, मुम्बई, महाराष्ट्र द्वारा जारी, महाराष्ट्र की ’21वीं सदी के 131 श्रेष्ठ व्यंग्यकार’ विषयक मेगा योजना में बिहार के 03 व्यंग्यकार हुए चयनित..

थका नहीं हूँ मैं, मुझमें एक सफ़र अभी बाक़ी है, घायल जो कर दे, ऐसी एक नज़र अभी बाक़ी है।हवाओं के साथ बहना कभी हमें गवारा न हुआ, रुख मोड़े हवाओं का, यह असर अभी बाक़ी है।किस्मत से रही है अपनी बहुत पुरानी अदावत, हमने भी मान लिया, बहुत ज़हर अभी बाक़ी है।मेरी ख़ामोशी को कभी कमजोरी न समझना, दरिया में जो तूफ़ाँ ला दे,वो लहर अभी बाक़ी है।मुझे मालूम है कि मौत हर पल दे रही है दस्तक, या रब ! सब्र रखना, प्यासी उमर अभी बाक़ी है:-डॉ० सजल प्रसाद, समन्वयक मारवाड़ी कॉलेज, किशनगंज
- श्रेष्ठ व्यंग्यकारों में बिहार के तीन शामिल।
- सजल प्रसाद, मेधा झा एवं राजेन्द्र राज का हुआ चयन।
- 21वीं सदी के 131 श्रेष्ठ व्यंग्यकार विषयक मेगा योजना।
- गाँधी जयंती पर दिल्ली में होगा संचयन का लोकार्पण।
लेखक:-
हरीश कुमार सिंह, हरीश नवल, हरिहर झा, हरि जोशी, स्नेहलता पाठक, सौम्या दुआ, सूरत ठाकुर, सुषमा दुबे, सुरेश सेठ, सुरेश कुमार मिश्रा ‘उरतृप्त’, सुरेश कांत, सुनील सक्सेना, सुनील जाधव, सुनीता शानू, सुधीर केवलिया, सुधीर कुमार चौधरी, सुधीर ओखदे, सुधा कुमारी, सुदर्शन वशिष्ठ, सिंघई सुभाष जैन, समीर लाल ‘समीर’, सजल प्रसाद, संजीव निगम, संजय पुरोहित, संजय जोशी ‘सजग’, श्याम सखा श्याम, श्याम प्रीति, शांतिलाल जैन, शशि पुरवार, वेद प्रकाश भारद्वाज, वीरेन्द्र सरल, विवेक रंजन श्रीवास्तव, विनोद साव, विनोद कुमार विक्की, वागीश सारस्वत, लालित्य ललित, ललित शौर्य, लता अग्रवाल, रामविलास जांगिड़, राजेशकुमार, राजेन्द्र सहगल, राजेन्द्र राज, राजीव तनेजा, राजशेखर चौबे, राकेश सोहम्, राकेश अचल, रवि शर्मा ‘मधुप’, रमेश सैनी, रमेश चन्द्र सक्सेना, रमाकांत ताम्रकर, रणविजय राव, मेधा झा, मृदुल कश्यप, मुकेश राठौर, मुकेश नेमा, महेन्द्र कुमार ठाकुर, महेंद्र अग्रवाल, मनोज लिमये, मनमोहन सरल, भरत चंदानी, बुलाकी शर्मा, बी.एल. आच्छा, बलदेव त्रिपाठी, फारूक आफरीदी, फ़कीरचंद शुक्ला, प्रेम विज, प्रमोद ताम्बट, प्रमोद कुमार चमोली, प्रभाशंकर उपाध्याय, प्रभात गोस्वामी, प्रभात कुमार, प्रदीप पंत, प्रदीप उपाध्याय, पूरन सरमा, पिलकेन्द्र अरोरा, पारुल तोमर, परवेश जैन, पंकज सुबीर, पंकज साहा, पंकज प्रसून, नीरज सुधांशु, नीरज दइया, निर्मल गुप्त, धर्मपाल महेंद्र जैन, देवेन्द्र जोशी दीपा गुप्ता, दीपक सरीन, दीपक मंजुल, दीपक गिरकर, दिलीप तेतरवे, दिलीप कुमार, दिनेश चमोला ‘शैलेश’, टीकाराम साहू ‘आजाद’, जवाहर चौधरी, जय प्रकाश पांडेय, चंद्रकांता, गोविंद शर्मा, गोविंद अनुज, गुलबीर सिंह भाटिया, गुरमीत बेदी, गुडविन मसीह, कोमल वाधवानी ‘प्रेरणा’, के.पी.सक्सेना ‘दूसरे’, कुसुम पालीवाल, कुमारी अपर्णा, कल्याण जग्गी, कमलेश भारतीय, कमलेश पाण्डेय, ओम वर्मा, एम.एम. चन्द्रा, उमा बंसल, इंद्रजीत कौशिक, आशीष दशोत्तर, आत्माराम भाटी, अस्मुरारी नंदन मिश्र, अश्विनी कुमार दुबे, अशोक व्यास, अशोक मिश्र, अलका अग्रवाल सिग्तिया, अर्चना चतुर्वेदी, अरुण अर्णव खरे, अरविन्द कुमार खेड़े, अरविंद तिवारी, अनुराग वाजपेयी, अनिला सिंह चाड़क, अनंत श्रीमाली,अजय श्री, अजय जोशी, अजय अनुरागी, अखतर अली, अंशु प्रधान।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, प्रलेक प्रकाशन समूह, मुम्बई, महाराष्ट्र की ’21वीं सदी के 131 श्रेष्ठ व्यंग्यकार’ विषयक मेगा योजना में बिहार के तीन व्यंग्यकार चयनित हुए हैं।इनके नाम हैं-सजल प्रसाद, मेधा झा और राजेंद्र राज।131 श्रेष्ठ व्यंग्यकारों में देश के अलावा विदेशों के हिंदी व्यंग्यकार भी शामिल हैं।प्रलेक प्रकाशन समूह के निदेशक जितेंद्र पात्रो ने रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि इसी जुलाई, 2020 में पहले उत्कृष्ट व्यंग्य-रचनाओं के आधार पर 101 व्यंग्यकारों के चयन की योजना बनाई गई थी, लेकिन देश और विदेश के सक्रिय और श्रेष्ठ व्यंग्यकारों ने अपनी रचनाधर्मिता का परिचय देते हुए जो उत्साह दिखाया उससे अब यह योजना 101 से 131 की हो चुकी है।महज एक महीने के अंतराल में लगभग देश और दुनिया से 200 व्यंग्यकारों की रचनाओं का मिलना, उन्हें पढ़ना, उन्हें साहित्य के प्रयोजन पर कसना-यह किसी रोमांचक कार्य से कम नहीं रहा।प्रथमतः प्राप्त 175 रचनाओं में से 101 छाँटना आसान काम नहीं था, क्योंकि सभी रचनाएँ अपनी-अपनी शक्ति से श्रेष्ठ थीं।फिर बाद में 25 रचनाएं और मिल गईं।इसलिए देश के व्यंग्यकारों के अतिउत्साह को देखते हुए इस योजना में अब 131 व्यंग्यकारों की रचनाओं को शामिल किया गया है, ताकि संचयन अधिकाधिक प्रतिनिधित्व का बन सके।जितेंद्र पात्रो ने यह भी बताया कि शेष व्यंग्यकारों की रचनाओं को प्रकाशन के अनुकूल नहीं पाया गया।लेकिन, वाकई में चयन किसी युद्ध से कम नहीं रहा।इस योजना को साकार रूप देने में सर्वाधिक सक्रिय व चर्चित व्यंग्यकार डॉ. लालित्य ललित व वरिष्ठ व्यंग्यकार व व्यंग्य-समालोचक डॉ. राजेश कुमार ने दिन-रात एक करके भारतीय पाठकों व अंतरराष्ट्रीय पाठक जगत के लिए उम्दा, बेहतरीन, व सार्थक व्यंग्य संचयन प्रस्तुत किया है।इस बेहतरीन योजना को अमली जामा पहनाने का दृढ़ संकल्प करने वाले श्री पात्रो ने बताया कि इस मेगा प्रोजेक्ट में देश के साथ विदेशों के भी व्यंग्यकारों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा व न्यूजीलैंड के व्यंग्यकार भी शामिल है।भारत के प्रदेशों के चयनित व्यंग्यकारों का लेखा-जोखा बताते हुए श्री जितेंद्र पात्रो ने बताया कि इस संचयन में मध्य प्रदेश से 36, उत्तर प्रदेश से 22, राजस्थान से 16, राजधानी दिल्ली से 12, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से 10-10, उत्तराखंड से 4, हिमाचल प्रदेश और बिहार से 3-3, पंजाब और झारखंड से 2-2 तथा पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, चंडीगढ़, जम्मू, तमिलनाडु और तेलंगाना से 1-1 व्यंग्यकार सम्मिलित किए गए हैं।इसके साथ ही कनाडा से 3 तथा ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड से 1-1 व्यंग्यकारों को संचयन में स्थान मिला है।संचयन की गुणवत्ता और सार्थकता को रेखांकित करते हुए श्री पात्रो ने बताया कि ऐतिहासिक महत्व का यह संचयन आगामी 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के दिन राजधानी दिल्ली में लोकार्पित किया जाएगा।