केन्द्रीय बजट 2017 रोजगार सृजन तथा कालेधन पर करारा प्रहार करने के साथ ही गरीबों के जीवन में सुधार एवं आधारभूत संरचना के विकास को गति देने वाला है।बजट पूरी तरह गांव,गरीब और किसानों पर केन्द्रित है जिसका बिहार जैसे गरीब और पिछड़े राज्य को सर्वाधिक लाभ मिलेगा।बजट में एक करोड़ लोगों व 50 हजार ग्राम पंचायतों को गरीबी से मुक्त करने,गरीबों के लिए एक करोड़ मकान बनाने,आवास योजना के लिए 29 हजार करोड़,मनरेगा में सर्वाधिक 10 हजार करोड़,प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 20 हजार करोड़ तथा शौचालय निर्माण के लिए 16 हजार करोड़ के प्रावधान के साथ ही 1 मई,2018 तक सभी गांवों का विधुतिकरण होगा।इन सभी योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ आवास, शौचालय,सड़क आदि के क्षेत्र में पिछड़े बिहार को मिलेगा।मुद्रा योजना के अन्तर्गत ऋण के लिए बैंकों को 1 लाख 22 हजार करोड़ की जगह 2 लाख 44 हजार करोड़,10 लाख करोड़ के कृषि ऋण,सभी पैक्सों का कम्प्यूटरीकरण,डेयरी प्रोसेसिंग हेतु 8 हजार करोड़ तथा फसल बीमा के लिए 13240 करोड़ के प्रावधान का सर्वाधिक फायदा बिहार के किसानों को मिलेगा।गुमनाम राजनीतिक नगद चंदे की सीमा 2 हजार रुपये तथा इलेक्ट्रॉल बांड जारी कर राजनीति में कालेधन पर अंकुश की पहल की गई है।3 लाख से ज्यादा की नगद खरीद पर रोक के साथ ही बैंकों से भारी कर्ज लेकर फरार होने वालों की सम्पति जब्त होगी।रेलवे के विकास पर 1 लाख 31 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे तथा एक लाख करोड़ का रेल सुरक्षा कोष का निर्माण किया जायेगा।बजट का सर्वाधिक बेहतर परिणाम बिहार जैसे राज्य को मिलेगा।