अपराधताजा खबरप्रमुख खबरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्य

पूर्णियाॅ : वाधमारा का संत मैरी क्रिश्चन स्कुल, नानी के अंतिम इच्छा के अनुरूप अंतिम दर्शन हेतू मांगे अवकाश पर अवकाश न देने का सुनाया तुगलकी फरमान…

पूर्णिया: मानवीय संवेदना को शर्मसार करता पूर्णियाॅ वाधमारा का संत मैरी क्रिश्चन स्कुल जिसने नानी के निधन के बाद अविभावको द्वारा नानी के अंतिम इच्छा के अनुरूप अंतिम दर्शन हेतू मांगे अवकाश पर अवकाश न देने का सुनाया तुगलकी फरमान।दया और ममता का प्रतीक संत मैरी के नाम पर चल रहे इस विधालय के प्रवंधन एवं प्राचार्य का आचरण नाम के ठीक विपरित असंवेदनशील, अव्यवहारिक, घृणित, एवं मानवीय संवेदना को शर्मसार करने वाला है।बनमनखी से जुड़ी अनुमण्डल न्यायालय मे अधिवक्ता के रूप मे कार्यरत पूर्णिमा कुमारी पति अनिल शर्मा रेलवे सेवा मे कार्यरत के दो छोटे बच्चे यथा मून कुमारी, कक्षा-5 एवं प्रियांक कुमार कक्षा-4 उक्त विधालय मे छात्रावास मे रहकर अध्यनरत है।जिनकी अपनी नानी के निधन के पश्चात अवकाश मांगे जाने पर अवकाश देने से इन्कार किया जाना इनकी घृणित एवं ओछी मानसिकता को जगजाहिर करता है।लाख गिरगिराने के बाद भी इनका पत्थर दिल न पसीजना स्कुल से निकाल देने की धमकी दिया जाना इनके चरित्र को उजागर करता है।आखिरकार इन क्षेत्रो मे चल रहे ऐसे क्रिश्चिन बिधालयो मे किस प्रकार की शिक्षा दी जा रही है जहाॅ अपनो के मरने पर उन्हे अंतिम दर्शन से भी बंचित किया जा रहा है।भारतीय संस्कृति एवं परम्पराओ से हमे दुर कर पाश्चात्य संस्कृति अपनाने का कही हम पर अप्रत्यक्ष दवाब बनाने का कही कुत्सित प्रयास तो नही हो रहा। यह सर्वविदित है कि आज भी कई ऐसे क्रिश्चिन विधालयो मे भाई बहन का पवित्र पर्व रक्षा बंधन एवं विधा की अराध्य देवी माॅ सरस्वती पुजा पर रोक लगाई गई है।हमे ऐसे विधालयो से सचेत रहने की आवश्कता है।शिक्षा अर्जित कराने की प्रतिस्पर्धा मे कही हम अपने बच्चो से दुर न हो जाय।पीडित परिवार द्वारा मुझे धटना की जानकारी प्राप्त होते ही मेरे द्वारा इसकी जानकारी जिले के संबधित आलाधिकारीयो को दी गई।प्रमण्डल आयुक्त कार्यालय के पदाधिकारीयो एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी ने तत्क्षण मामले की गंभीरता को देखते हुऐ संवधित विधालय के प्रधान को चेतावनी के साथ बच्चो को अवकाश देने का निर्देश दिया है।उनके इस सहयोग हेतू पीड़ित परिवार एव हम सभी बनमनखी वासी उनके ॠणी है एवं आभार वयक्त करते है जिन्होने इस दुख की घडी मे बच्चो को नानी के अंतिम दर्शन का मौका देकर भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता को अक्षुण्ण रखने मे अपनी महती भुमिका निभाई।

रिपोर्ट-धर्मेंद्र सिंह

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button