पीडि़त महिला से बोलें, साहस रखिए, बनिएं दुर्गा, हम दिलाएंगें दोषियों को सजा:-जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खां

- पीडि़त महिला खुदकुशी की सोच रहीं थीं,दोषियों को सजा मिलने के बाद कहीं कानून से बड़ा कोई नहीं आईजी ने दिलाया न्याय।
लापरवाही के आरोप में पुरे थाने के पुलिसकर्मियों को आईजी एनएच खां ने एक साथ किया था निलंबित, पीडि़त महिला को दिया पुरी सुरक्षा।
गिरफ्तारी से लेकर चार्जशीट करने तक आईजी ने किया तीन बार केस की समीक्षा, स्पीडी ट्रायल में भेजा केस, कराया डे-टू-डे ट्रायल।
पटना स्वतंत्रता दिवस-2018 के महज चार दिन बाद बीते 20 अगस्त को भोजपुर (बिहार) जिले के बिहिया में एक महिला को निर्वस्त्र, बाजार में घूमाने की घटना नें पुरे समाज को शर्मसार कर रख दिया था की क्या पुरूष जाति में कोई भी मर्द नहीं, या महिलाओं की समाज में कोई इज्जत नहीं हैं।पीडि़त महिला, इस कदर सदमे में थीं कब वह सचेत हो और खुदकुशी कर अपनी जीवन की इह-लीला समाप्त कर लें।पुरे पुरूष जाति को पीडि़त महिला दुश्मन मान बैठी थीं, किसी की ओर देखना तो दूर बातें सुन, कुछ बोलती तक नहीं थीं।अस्पताल में इलाजरत पीडि़त महिला को देखने पटना के जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खां पहुंचे तो तत्कालीन एसपी अवकाश कुमार सहित कई पुलिस अधिकारियों, पदाधिकारियों ने कहां की पीडि़त महिला कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।इस पर आईजी ने कहां चलिए, देखते हैं।आईजी नैय्यर हसनैन खां, पीडि़त महिला से बोलें, साहस रखिए, बनिएं दुर्गा, हम दिलाएंगें दोषियों को सजा।इसपर भी पीडि़त महिला कुछ नहीं बोली तो दो मिनट बाद आईजी ने कहां, बहन जी, विश्वास कीजिए, पुलिस आपके साथ है, हम आपके साथ है, चाहे कोई भी हो दोषियों को बक्सा नहीं जाएगा।हम दोषियों को गिरफ्तार करा जल्द सजा दिलाएंगे। पीडि़त महिला, डांसर थीं, जीवन में शायद ही किसी ने बहन जी कहां हो।आईजी द्वारा, बहन जी का सम्बोधन सुन, सदमे से होशो-हवास खो चुकी पीडि़त महिला में मानो जान आ गयी, आईजी की ओर चेहरा की, आंखों की आंसू सो सुख चुकी थीं उसमें आंसुओं की धार चलने लगीं।बेड पर लेटे ही लेटे हाथ जोड़कर कहीं की बड़े लोग है साहेब, न्याय तो चाहती हूं लेकिन जिंदा रहूंगी तब तो। यह पुलिस जिसके आंखों के सामने सब कुछ हुआ। आईजी नैय्यर हसनैन खां ने कहां की ऊपर वाले और कानून से बड़ा कोई नहीं होता।आप सुरक्षित रहेंगी, दोषियों को जल्द सजा भी मिलेगा, बस साहस रखिए।जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खां ने लापरवाही के आरोप में कार्रवाई करते हुये, पीडि़त महिला के सामने ही बिहिया थाने के सभी पुलिस पदाधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों को एक साथ निलंबित कर दिया।तत्कालीन एसपी अवकाश कुमार के नेतृत्व में एसआईटी गठित किया और निर्देश दिया की आरोपी, दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो सबको गिरफ्तार कर जेल में डालो।वहीं पीडि़त महिला के सुरक्षा में हथियारबंद पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया और स्पष्ट कहं दिया की केस का फैसला आने तक यह महिला पूर्ण रूप से सुरक्षित रहनी चाहिए।आईजी एनएच खां गिरफ्तारी से लेकर चार्जशीट दाखिल करने तक तीन बार केस की स्वयं समीक्षा किये, घटना स्थल से लेकर दो बार भोजपुर गये।आईजी के आत्मविश्वास और सक्रियता की ही देन है की महज 82 दिनों के अंदर, भोजपुर, व्यवहार न्यायालय के एडीजे-1 कोर्ट ने डे-टू-डे ट्रायल चलाकर घटना में शामिल 20 लोगों को सजा सुनाया।दोषियों को सजा यह पीडि़त महिला की ही जीत नहीं बल्कि पुरे पुरूष जाति की जीत हैं, बिहार पुलिस की जीत है, कानून की जीत हैं।सजा आने के बाद पीडि़त महिला कहती हैं कि आईजी साहेब का ही देन है की मैनें, दोषियों के खिलाफ बेखौफ होकर कोर्ट में गवाही दिया और दोषियों को सजा मिला।आगे कहती हैं की समाज में निर्वस्त्र करनेवाले पुरूष है तो इसी समाज में महिला की सुरक्षा और सम्मान देने वाले पुलिस अधिकारी, भगवान रूपी इंसान आईजी नैय्यर हसनैन खां और पूर्व के एसपी अवकाश कुमार है।