विचार

:-: कुमारी पूजन :-:

पटना डेस्क:-सनातन संस्कृति के बारे में यह दुष्प्रचारित किया गया कि इसमें मासिक धर्म के बारे में बात करना अपराध या टेबू हैं जबकि सनातन संस्कृति में जब किसी बालिका का मासिक धर्म शुरू होता था, तो उसके परिवार में अपने सामर्थ्यानुसार 1 से 5 दिन की पूजा हवन की जाती थी, जिसे कुमारी पूजन कहते थे, जो आज भी भारत के कुछ क्षेत्रों में और वृहत रूप से कामख्या देवी मंदिर असम में आयोजित होती हैं। लुप्त हो चुकी कुमारी पूजन की इस व्यवस्था को पुनर्जीवित करने का प्रयास करें, जिससे कि सनातन के बारे में, मिथ्या सूचनाएं हैं, उससे आमजन अवगत हो सके। पूजा हवन, सार्वजनिक कार्यक्रम होता हैं, मतलब मासिक धर्म के समय ऐसा कार्यक्रम करवाना, यह प्रमाणित करता हैं कि बालिका के मासिकधर्म के बारे में घर परिवार ही क्या, पूरे समाज व गांव को जानकारी होती थी अर्थात सनातन समाज में, खुलापन था, वो भी सभ्य तरीके के साथ । विजय सत्य की ही होगी।

 

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