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किशनगंज : दबंग सरपंच द्वारा हत्या मामले को थाने तक नही पहुँचने दिया जाता, मालिनगांव सरपंच पर लगा गंभीर आरोप।

किशनगंज-ठाकुरगंज/फरीद अहमद, जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत मालिन गांव पंचायत में कथित तौर पर जमीनी विवाद में हुई हत्या के मामले को मालीन गांव पंचायत के सरपंच अशफाक आलम ने पंचायत कर समझौता करा दिया जबकि मृतक बदरा के बेटे अंजार का साफ-साफ कहना है कि उसके पिता की हत्या हुई है इस मामले को भी पंचायत के सरपंच ने रहस्य बना कर रख दिया और घटना की सही जानकारी का पता भी नहीं चलने दिया कि आखिर बदरा की मृत्यु का सही कारण क्या था। आपको मालूम हो कि इससे पूर्व भी सरपंच अशफाक आलम ने एक विवाहिता के जलाकर मारने के मामले में विवाहिता के मायके वालों को थाना में आवेदन देने से रोका था। पूर्व के दिनों में किशनगंज जिला के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत सुखानी थाना क्षेत्र के आमबारी गांव में विवाहिता को जलाकर मारने का मामला प्रकाश में आया है। मृतक के भाई आवेदनकर्ता गुल मोहम्मद पिता स्व० जलाउद्दीन बांसवाड़ी निवासी मालिन गांव पंचायत के पौआखाली थाना क्षेत्र ने अपनी बहन कैयमा उम्र 25 वर्ष को जलाकर मारने के मामले में सुखानी थाना क्षेत्र में आवेदन दर्ज कराया था, जिसमें गुल मोहम्मद ने बुधवार को बताया कि चार वर्ष पूर्व उसकी बहन कैयमा खातून का विवाह नुरसाद आलम पिता बैदुल ग्राम आमबारी सुखानी थाना क्षेत्र में हुआ था। गुल मोहम्मद ने बताया कि जब से उसकी बहन की शादी हुई है तब से दान दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। विवाहिता के परिजनों द्वारा काफी समझाया गया लेकिन ससुराल वाले अत्याचार करते रहे। दिनांक 21.04.2022 को गुल मोहम्मद की बहन कैयमा को रात के तकरीबन 11 बजे किरासन तेल छिड़ककर आग लगा दिया गया, जिसमें कैयमा बुरी तरह से जल गई जिसके बाद विवाहिता के परिजन सुखानी थाने में आवेदन देना चाहते थे लेकिन पंचायत के ग्राम कचहरी सरपंच अशफाक आलम ने आवेदन देने से रोका था। अंत में दिनांक-27.04.2022 के दिन के करीब एक बजे कैयमा की मृत्यु हो गई, जिसके बाद थाने में आवेदन दर्ज कराया गया। आवेदन में कई लोगों को नामजद बनाया गया है जिसमें से गिरफ्तारी भी हुई है। मृतका के भाई ने पंचायत के सरपंच पर गंभीर आरोप लगाया है कि उसे थाना में आवेदन देने से रोका गया था, अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या उक्त मामले में सरपंच ने आखिर विवाहिता के परिजनों को थाने में आवेदन देने से क्यों रोका ? और किस अधिकार के तहत ? उक्त मामले में सरपंच और पांच लोगों को नामजद बनाया गया जिसमें से नुरसाद आलम पिता बैदुल, बैदुल पिता लियाकत, नूरजहां पति बैदुल, सुलेमान, रिहाकु पिता सुलेमान है। जिसमें से रिहाकु पिता सुलेमान और नुरसाद की गिरफ्तारी हो गई और पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। मृतक कैयमा के परिजनों का कहना है कि जब कैयमा बुरी तरह से जल गई थी और उसका इलाज चल रहा था तब पंचायत के सरपंच अशफाक आलम ने थाना में आवेदन देने से परिजनों को रोका था। मृत्यु के पश्चात कैयमा के परिजनों ने थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई। जिनमें से उक्त लिखे नामजदों में से सिर्फ दो लोगों को ही न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। वहीं मृतक कैयमा परिजनों का यह भी कहना है कि आवेदन में नामजद कई आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं जिसकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है और मृतक कैयमा के परिजनों ने पुलिस से जल्द से जल्द नामजद सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। जिससे कि मृतिका को इंसाफ मिल सके।

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