किशनगंज : टीबी उन्मूलन अभियान में टीबी चैंपियंस की भूमिका अहम
वर्ष 2023 जनवरी सेजून तक 807 मरीज़ों की हुई पहचान, 2022 के माह जनवरी से जून तक 406 टीबी को मात देकर मरीज हुए ठीक, यक्ष्मा पदाधिकारी डा. एनामुल हक़ ने जिला स्थित कार्यालय में टीबी कार्यक्रम की समीक्षा की

किशनगंज, 24 जुलाई (के.स.)। धर्मेंद्र सिंह, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2025 तक जिले से टीबी का पूरी तरह से उन्मूलन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके लिए सरकार और विभाग अपने स्तर से पूरी तरह से प्रयासरत है। लेकिन, अब जरूरत है लोगों के जागरूक होने की। ताकि, टीबी के खिलाफ लड़ाई जीती जा सके। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में इसके इलाज से लेकर जांच तक की मुफ्त व्यवस्था है। साथ ही, दवाओं के साथ टीबी के मरीज को पौष्टिक भोजन के लिए पांच सौ रुपये प्रतिमाह सहायता राशि भी दी जाती है। इसके बावजूद देखा जा रहा है कि कुछ लोग इलाज कराने के लिए बड़े निजी अस्पताल या फिर बड़े शहर की ओर जाते हैं। फिर वहां से निराश होकर जिले के सरकारी अस्पतालों का चक्कर काटना पड़ता है। ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है। जैसे ही टीबी के बारे में पता चले तो पहले नजदीकी सरकारी अस्पताल ही जाएं। जिले में अब टीबी के इलाज के साथ मुकम्मल निगरानी और अनुश्रवण की व्यवस्था की जाती है। इसी क्रम में सोमवार को जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा. एनामुल हक़ ने जिला स्थित कार्यालय में कार्यक्रम की समीक्षा की जिसमे में मुख्य रूप से गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. उर्मिला कुमारी एवं कर्मी उपस्थित हुए। समीक्षा के क्रम में उन्होंने स्थानीय प्रखंड अंतर्गत जितने भी टीबी मरीजों की पहचान की जाती है, उन सभी को नियमित रूप से दवा का सेवन के साथ ही पौष्टिक आहार खाने के लिए जागरूक किया जाता है। इस वर्ष जनवरी से लेकर जून तक 807 मरीजों को नियमित रूप से दवा का सेवन कराया जा रहा है। वर्ष 2022 के माह जनवरी से जून तक 406 मरीज नियमित तौर पर दवा एवं पौष्टिक आहार का सेवन करने के बाद अब पूरी तरह से टीबी को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में आ रही समस्याओं को जमीनी स्तर पर अध्ययन कर उसे विभाग के समक्ष प्रस्तुत करना भी टीबी मुक्त अभियान का ही हिस्सा है। स्वास्थ्य विभाग एवं सहयोगी संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षित टीबी चैंपियंस टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज़ों को भी जागरूक करने में जुटे हुए हैं। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने बताया कि स्थानीय स्तर के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी एवं सदस्यों द्वारा सामुदायिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर टीबी संक्रमण को फैलने से रोकने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मरीजों को ससमय दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने में भी अहम योगदान दे रहे हैं। कार्यकुशलता एवं दक्षता में इजाफा करने के लिए नियमित रूप से प्रखंड स्तर पर समीक्षा बैठक एवं उन्मुखीकरण से संबंधित कार्यक्रमों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। मासिक समीक्षा बैठक के दौरान उपस्थित टीबी मरीज़ों के साथ विस्तार पूर्वक समस्या एवं सुरक्षित रहने के चर्चा की गई। ताकि किसी भी मरीज को कोई परेशानी नहीं हो। संचारी रोग पदाधिकारी डा. एनामुल हक़ ने बताया कि समाज का प्रत्येक सक्षम व्यक्ति टीबी रोगियों की सहायता के लिये नि-क्षय मित्र बनने का संकल्प लें और इस राष्ट्रीय अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सच्ची मित्रता निभायें। इस अभियान में सभी सरकारी विभागों, निर्वाचित प्रतिनिधियों गैर सरकारी संगठनों और कॉपोर्रेट्स संस्थानों का सहयोग अपेक्षित है। डीपीसी अविनाश कुमार ने बताया कि निक्षय मित्र बनने के लिए अपने जिला यक्ष्मा केंद से संपर्क किया जा सकता है। निक्षय मित्र बनने के लिए communitysupport.nikshay.in पर लॉगिन कर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान पर क्लिक कर निक्षय मित्र रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर क्लिक कर कर अपनी पूरी जानकारी देकर इस अभियान से जुड़ा जा सकता है। इसके अलावा इस निक्षय हेल्प लाइन नंबर 1800116666 पर कॉल कर के विस्तृत जानकारी ली जा सकती है। वहीं निक्षय मित्र बनने के लिए टीबी से ग्रसित मरीजों की सहमति लेकर पोषण के लिए उन्हें सहायता उपलब्ध करानी होगी।