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 जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के निदेश पर आज फ्लाईंग स्क्वायड्स द्वारा विभिन्न कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया। जाँच में 04 अधिकारी एवं 60 कर्मी अनुपस्थित पाए गए। जिलाधिकारी द्वारा सभी अनुपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों का आज का वेतन अगले आदेश तक अवरूद्ध करते हुए सभी से स्पष्टीकरण किया गया है।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद / जिला-स्तर पर गठित धावा दल द्वारा आज जिला शिक्षा कार्यालय की जाँच की गई। इस दल में अपर जिला दंडाधिकारी (आपूर्ति), स्थापना उप समाहर्ता तथा जिला कल्याण पदाधिकारी शामिल थे। धावा दल द्वारा पूर्वाह्न 10ः20 बजे जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना, शिक्षा) के कार्यालय की जाँच की गई। इसके बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा), जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एमडीएम) तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) के कार्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में कुल 03 अधिकारी तथा 46 कर्मी अनुपस्थित पाए गए। जिला शिक्षा पदाधिकारी निरीक्षण के दौरान उपस्थित नहीं थे। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) भी अनुपस्थित पाए गए। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) कार्यालय में उपस्थित थे। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) निरीक्षण के क्रम में कार्यालय में उपस्थित हुए। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एमडीएम) भी अनुपस्थित थीं। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) कार्यालय में उपस्थिति पंजी एवं आकस्मिक अवकाश पंजी संधारित नहीं थी। बायोमेट्रिक उपस्थिति का आंकड़ा तथा कर्मियों का ब्योरा भी धावा दल को उपलब्ध नहीं कराया गया।

प्रखंड विकास पदाधिकारी, मोकामा के नेतृत्व में त्रि-सदस्यीय दल द्वारा आज रेफरल हॉस्पिटल, मोकामा का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दरम्यान प्रभारी एमओआईसी एवं 12 कर्मी अनुपस्थित पाए गए। प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, दुल्हिनबाजार द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, दुल्हिनबाजार का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में 02 कर्मी अनुपस्थित पाए गए।

जिलाधिकारी ने कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी अनुपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों का आज का वेतन अगले आदेश तक अवरूद्ध करते हुए उन सभी से स्पष्टीकरण किया गया है।

विदित हो कि डीएम डॉ. सिंह के निदेश पर जिला-स्तरीय, अनुमंडल-स्तरीय एवं प्रखंड-स्तरीय धावा दलों द्वारा विभिन्न कार्योलयों का नियमित तौर पर औचक निरीक्षण किया जा रहा है। जिला-स्तरीय धावा दल में तीन सदस्य नामित हैंः- अपर जिला दंडाधिकारी (आपूर्ति), स्थापना उप समाहर्ता तथा जिला कल्याण पदाधिकारी। प्रति अनुमंडल तीन धावा दलों का गठन किया गया है। इस प्रकार 18 अनुमंडल-स्तरीय धावा दल सक्रिय है। 23 प्रखंड-स्तरीय धावा दलों का गठन किया गया है। प्रत्येक प्रखंड-स्तरीय दल में तीन पदाधिकारी तैनात किए गए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इन धावा दलों द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रखंड-सह-अंचल कार्यालयों, आईसीडीएस कार्यालयों, स्वास्थ्य केन्द्रों, अस्पतालों, लोक सेवा केन्द्रों, निबंधन कार्यालयों सहित सभी कार्यालयों एवं शाखाओं का औचक जाँच किया जा रहा है।

ज़िलाधिकारी ने सभी नियंत्री अधिकारियों को अपने कार्यालयों में कर्मियों एवं पदाधिकारियों का बायोमेट्रिक एटेंडेंस प्रणाली से उपस्थिति दर्ज कराना सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। अन्यथा सख़्त कार्रवाई की जाएगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रायः ऐसी शिकायतें प्राप्त होती रहती है कि अनुमंडल, प्रखंड, अंचल कार्यालयों तथा अनुमंडलीय अस्पतालों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थापित पदाधिकारी, चिकित्सक एवं कर्मचारीगण समय पर कार्यालय/अस्पताल में उपस्थित नहीं रहते हैं। इससे न केवल कार्यालय की कार्य-संस्कृति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है बल्कि आम लोगों को भी काफी असुविधा होती है। उन्होंने कहा कि आधिकारिक कर्तव्यों पर पदाधिकारियों एवं कर्मियों की समय से उपस्थिति अच्छी कार्य-संस्कृति की पहली आवश्यकता है। समय पर कार्यालय नहीं आना सरकारी सेवक के लिए निर्धारित आचरण के विरूद्ध कृत्य है। सभी कार्यालय प्रधानों को सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है कि उनके क्षेत्राधीन पदाधिकारी एवं कर्मी कार्यालय में निर्धारित समय पर उपस्थित रहें।

जिलाधिकारी ने कहा कि क्षेत्रीय कार्यालयों एवं अस्पतालों के जाँच के लिए पदाधिकारियों को प्राधिकृत किया गया है जो समय-समय पर यहाँ औचक निरीक्षण करेंगे तथा बायोमेट्रिक सहित उपस्थिति की जाँच करेंगे। जाँच के उपरांत निरीक्षी पदाधिकारियों द्वारा उसी दिन अपने मंतव्य के साथ प्रतिवेदन समर्पित किया जाएगा। अनुपस्थित पदाधिकारियों, चिकित्सकों एवं कर्मियों के विरूद्ध विधि-सम्मत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बिहार राज्य का पहला रिश्तेदारी दत्तक ग्रहण आदेश जारी किया। इसके साथ ही जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना अंतर्गत संचालित अरुणोदय, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, पटना में रहने वाले तीन बच्चों का सफल दत्तकग्रहण आदेश जारी किया गया है।जिलाधिकारी, पटना द्वारा मिशन वात्सल्य योजना के तहत स्पॉन्सरशिप योजना में 22 नए लाभार्थियों को स्वीकृति प्रदान की गई है। जिला प्रशासन और जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना (DCPU) के समर्पित प्रयासों के परिणामस्वरूप, अब तक 191 बच्चों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को रु० 4000/- मासिक 3 वर्ष अथवा 18 वर्ष आयु, जो पहले पूर्ण हो, तक प्रदान की जाएगी।

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