खाकी, खादी और अपराध का एक घिनौना उदाहरण है विकास दुबे एनकाउंटर

अगर उसको भागना होता तो अपने आप को उज्जैन मे जाकर सरेंडर नही करता तकलीफ इस बात की है उसमे बहुत सारे पुलिस और उत्तर प्रदेश के नेता को यूपी पुलिस ने बचा लिया…?
पटना/रणजीत कुमार सिन्हा, मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को यूपी STF औऱ उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले किया।भारी पुलिस बल के साथ सड़क मार्ग से विकास को कानपुर लेकर आ रही है पुलिस अब ये बात अलग है कि सुबह खबर मिली कि कल महाकाल मंदिर में आत्म समर्पण करने वाला, आज पुलिस से बचकर भागने का मूड बना लिया, इत्तेफ़ाक़ से मूड बनते ही वो गाड़ी पलट गई जिसमें विकास दूबे बैठा था, गाड़ी पलटते ही उसने भागने की कोशिश की, भागने की कोशिश करते ही इत्तेफ़ाक़ से STF ने एंकाउंटर कर दिया या कुछ और ? Up पुलिस को फिल्मी अवार्ड मिलना चाहिए।झूठ की सारी सीमाएं तोड़ चुकी है।भला एक खाली हाथ आदमी 50 लोगो से मुठभेड़ करने लगता है।कुख्यात अपराधी विकास दुबे को जब मध्य प्रदेश पुलिस जब पकड़ने गई तो पुलिसकर्मियों के हाथों में बंदूकें नहीं थीं ? टारगेट ऐसा था कि पुलिस ने उसकी पैंट पकड़ कर ही उसे गिरफ्तार कर लिया ! जो अपराधी अपनी जान बचाने के लिए सरेंडर किया हो और चीख चीख कर लोगों को बता रहा हो की मैं ही विकास दुबे हुँ कानपुर वाला…पुलिस वालों नें हमें पकड़ लिया है।वो पुलिस की गिरफ्त से क्यों भागेगा ये जानते हुए की उसकी एक छोटी सी गलती में उसका मारा जाना तय है।ये यूपी पुलिस की कामयाबी नहीं है…नाकामी है कि अपने मारे गए साथियों को क़ानूनी तरीक़े से न्याय नहीं दिलवा सकी।गैंगेस्टर विकास दुबे का गिरफ्तारी/सरेंडर के बाद भारी पुलिस सुरक्षा में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा जाना सफेदपोशो को बचाने की सोची समझी साजिश है।अब सत्ताधारी दल के तमाम नेताओं की जान बच गयी है।सारे सबूत समाप्त हो गये हैं।चुनकर आए सांसदों में से 233 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।विकास दुबे मारा गया अब उसको बचाने वाला सफेद लोग बच जायेगा।न्यायालय की भूमिका समाप्त कर देनी चाहिए अब देश मे क्योंकि की सरेंडर करने के बाद भी एनकाउंटर…अगर देश मे न्यायपालिका है तो उसे एनकाउन्टर पर संज्ञान ले के कार्यवाही करनी चाहिए।वरना लोगों का भरोसा न्यायपालिका से उठ जाएगा।विकास दुबे मारा गया इसका मुझे कोई अफसोस नहीं है।वो एक अपराधी था तो उसको मरना ही था। लेकिन विकास दुबे मारा गया और बहुत से सवाल अपने पीछे छोड़ गया जिनका उत्तर अब कोई नहीं दे पायेगा।अगर उसको भागना होता तो अपने आप को उज्जैन मे जाकर सरेंडर नही करता तकलीफ इस बात की है उसमे बहुत सारे पुलिस और उत्तरप्रदेश के नेता को यूपी पुलिस ने बचा लिया…? पुलिस के इस कृत्य पर खुश ना हो इस खेल में शामिल पुलिस पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए क्योंकि पुलिस के इस कृत्य के साथ खड़े होने का मतलब है कल हमारी आपकी बारी तय है।