ताजा खबर

‘मत्स्यपालन के क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग एवं प्रत्यक्षण‘‘विषय पर, पटना में कार्यक्रम का हुआ सफल आयोजन।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने कार्यक्रम में की शिरकत ; कहा मत्स्य पालन क्षेत्र में निर्यात दोगुना करने पर काम कर रही है सरकार

मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के मत्स्यपालन विभाग, राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड, हैदराबाद एवं पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आज ज्ञान भवन, पटना, बिहार में ‘‘मत्स्यपालन के क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग एवं प्रत्यक्षण‘‘ विषय पर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री, बिहार श्री नितीश कुमार द्वारा किया गया I कार्यक्रम में श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, केन्द्रीय मंत्री, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार, ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

 

 

केन्द्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने मत्स्यपालन एवं मात्स्यिकी के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक तथा विभाग द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों के संबंध में जानकारी दी I उन्होंने कहा कि “ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के Vision और Initiatives से Fisheries sector में व्यापक बदलाव आया है I भारत आज विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है और ग्लोबल फिश प्रोडक्शन में भारत का योगदान 8 प्रतिशत है”। उन्होंने कहा कि जल कृषि उत्पादन में भी भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है । यह शीर्ष झींगा उत्पादक और निर्यातक देशों में से एक है और तीसरा सबसे बड़ा कैप्चर फिशरीज उत्पादक है। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र में निर्यात दोगुना करने पर सरकार काम कर रही है I

 

 

श्री राजीव रंजन ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में, भारत सरकार ने नीली क्रांति (ब्लू रेवोल्यूशन), एफआईएफडी और पीएमएमएसवाई जैसी योजनाओं के माध्यम से मात्स्यिकी और जल कृषि क्षेत्र में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इस दौरान कुल 38,572 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है I बिहार में मत्स्य उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 2014-15 में 4.79 लाख टन के मुकाबले 2022-23 में उत्पादन बढ़कर 8.73 लाख टन हो गया है, जो कि 82% की वृद्धि है।उन्होंने कहा कि बिहार राज्य अब मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बन चुका है और राज्य को अन्य राज्यों से मछली मंगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है I

साथ ही, श्री राजीव रंजन सिंह द्वारा गंगा नदी के दीघा घाट, पटना में केन्द्र प्रायोजित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत कुल 1.50 लाख मत्स्य अंगुलिकाओं का पुर्नस्थापन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य के बहते नदियों में मूल प्रजाति के मेजर कार्प मछलियों को पुर्नस्थापित किया जाना है, जिससे कार्प मछलियों की नदियों में घटती आबादी का पुर्नस्थापन एवं नदियों के किनारे बसे हुए मछुआरों को आजीविका का साधन प्राप्त हो सकेगा।

कार्यक्रम के दौरान श्री नितीश कुमार एवं श्री राजीव रंजन सिंह ने केन्द्र प्रायोजित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत लाभुकों को अनुदान राशि का चेक, मत्स्य पालकों को कुल 0.50 लाख मत्स्य बीज एवं 7 टन मत्स्य आहार का वितरण भी किया गया । मुख्यमंत्री बिहार , श्री नितिश कुमार ने बिहार राज्य में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के विकास के लिए मत्स्य पालन विभाग , भारत सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की सरहना की I उन्होंने कहा कि बिहार के कृषि रोडमैप में मत्स्य पालन और जलीय कृषि भी शामिल है I

कार्यक्रम में श्री विजय कुमार सिन्हा, उप मुख्यमंत्री, बिहार, श्रीमती रेणु देवी, मंत्री, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार एवं अन्य गणमान्य पदाधिकारियों के साथ साथ विभिन्न जिलों से १००० से अधिक मत्स्यपालक किसान एवं मछुआ सहयोग समिति के सदस्यों ने भाग लिया।

मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार, की संयुक्त सचिव (समुद्री मत्स्य पालन) श्रीमती नीतू कुमारी प्रसाद ने अपने संबोधन में नवीनतम प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करके मत्स्य संसाधनों की पूरी क्षमता का उपयोग करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

 

मछली पालन क्षेत्र में ड्रोन प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग

कार्यक्रम में ड्रोन प्रदर्शनी के साथ साथ ड्रोन Live Demonstration किया गया जिसका उद्देश्य मत्स्यपालन में ड्रोन के उपयोग के बारे में जानकारी देना है। ड्रोन समय और श्रम की लागत को कम करने में मदद करते हैं, जैसे मछली के बीज छोड़ना, आहार वितरित करना, और आपातकाल में जीवन रक्षक सामग्रियाँ पहुँचाना। इसके अलावा, ड्रोन का उपयोग मछली का परिवहन, जलक्षेत्रों का सर्वेक्षण, और डेटा एकत्र करने में भी किया जा सकता है। विभिन्न क्षेत्रों में अपने व्यापक अनुप्रयोगों के लिए पहचानी जाने वाली ड्रोन तकनीक को अब मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र में खोजा जा रहा है। ​​निगरानी, ​​फार्म प्रबंधन और बीमारी का पता लगाने जैसे कार्यों को बढ़ाने की क्षमता के साथ, ड्रोन उद्योग में क्रांति लाने के लिए तैयार हैं। कार्यशाला में विशेष रूप से स्टॉक मूल्यांकन, पर्यावरण निगरानी, ​​सटीक मछली पकड़ने और मछली परिवहन में ड्रोन के अभिनव अनुप्रयोगों का प्रदर्शन किया गया। कार्यशाला में तकनीकी सत्रों में ICAR- CIFRI के निदेशक , NFDB के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एवं Startups ने प्रस्तुतियों के साथ मत्स्य पालन में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला I

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button