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किशनगंज : जिले में आरोग्य दिवस के उपलक्ष्य में टेलीमेडिसीन के जरिए वीडियो कॉल से मरीजों का हो रहा है इलाज।

वीएचएसएनडी के दौरान ई-टेलीमेडिसिन का भी लाभ उठा रहे हैं ग्रामीण, सरकारी सुविधाओं व सेवाओं पर भरोसा करें लोग।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले के सभी प्रखंडों में आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुधवार को ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) सत्र का आयोजन हुआ। इस दौरान गर्भवती व धात्री महिलाओं, किशोरियों एवं बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण सुविधाओं के साथ परामर्श भी दिया गया। वीएचएसएनडी सत्र में गर्भवती एवं बच्चों का टीकाकरण किया गया। साथ ही, गर्भवती की हीमोग्लोबिन जांच, बीपी जांच, वजन आदि की जांच की गयी साथ ही आयरन व कैल्शियम की गोली का वितरण किया गया। सत्र में मौजूद गर्भवती, धात्री, किशोरी एवं बच्चों की माताओं को उम्र के अनुसार पोषक तत्वों की आवश्यकता, आहार को सन्तुलित बनाने, उपलब्ध खाद्य सामग्री को मात्रा के हिसाब से सेवन करने, सही तरीके से स्तनपान, स्वस्थ पोषण व्यवहार, गांव-घर में उपलब्ध संसाधनों में से पौष्टिक आहार कैसे तैयार करने, पोषण वाटिका का महत्व इत्यादि के संबंध में विस्तार से बताया गया। इसके अलावा लाभार्थियों को खाने, खाने की मात्रा बढ़ाने, खाने में हरी पत्तेदार सब्जी, चना, गुड़, दाल, दूध, मोटे अनाज, मौसमी फल तथा आयरन व कैल्शियम की गोली कब और कैसे खायें के बारे में परामर्श दिया गया। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया, वीएचएसएनडी सत्र के दौरान अब ग्रामीणों को ई-टेलीमेडिसिन की सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है। जिसका लाभ गर्भवती महिलाओं के साथ साथ धात्री महिलाएं और किशोरियां भी उठा रही हैं। खासकर गर्मी के मौसम में सुदूर ग्रामीण इलाकों की लाभार्थियों के लिए ई-टेलीमेडिसिन काफी सुविधाजनक साबित हो रहा है। सुदूरवर्ती गांव के लोगों को इस सेवा से काफी लाभ मिलने लगा है। सदर प्रखंड समेत जिले में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां से स्वास्थ्य केंद्रों की दूरी ज्यादा होने के साथ ही हर समय चिकित्सीय सलाह लेना मुश्किल लगता था। लेकिन अब तो घर बैठे फोन करके भी सलाह या दवा मिलनी शुरू हो चुकी है। ऐसे में टेलीमेडिसीन यहां के लोगों के लिए वास्तव में संजीवनी साबित हो रही है। लाभार्थी महिलाओं को अब चिकित्सीय परामर्श के लिए पीएचसी या सदर अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। अब वो ई-टेलीमेडिसिन के मध्यम से ऑनलाइन चिकित्सकों को अपनी बीमारी और परेशानियों से अवगत कराकर उचित परामर्श और इलाज ले रही हैं। जिले में 11 हब और 230 स्पोक्स बनाये गए हैं। जिसमें मरीजों को वीडियो कॉल के माध्यम से चिकित्सकीय पराशर्म दी जा रही हैं। इसके साथ हीं ऑनलाइन प्रिस्क्रिप्शन भी लिखा जा रहा है। ज़िले में लगभग 200 के करीब मरीजों को सेवा का लाभ दिया गया है। वर्तमान हालातों को देखते हुए लोगों को अपने नजदीकी टेलीमेडिसिन स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज करानें में सुविधा हो रही है। इससे अनावश्यक ख़र्च नहीं होती व समय की भी बचत होती है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया, की आरोग्य दिवस के दिन गर्ववती माता की प्रसव पूर्व जांच की भी सुविधा मिलती है गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व जांच की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार बार एएनसी जांच करानी चाहिए। इससे प्रसव के पूर्व या प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। वहीं, कई मामलों में मातृ मृत्यु की संभावनाओं को भी खत्म किया जा सकता है। उन्होंने बताया, गर्भावस्था और प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताएं मातृ मृत्यु के लिए अधिक जिम्मेदार होती हैं। जिले के ‘सरकारी अस्पतालों में पूर्व की अपेक्षा स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा चुका है। अब प्रखंड स्तर पर भी प्रसव संबंधी सारी सेवाओं और सुविधाओं को बहाल किया जा चुका है। लेकिन, इसके अलावा लोगों को भी जागरूक होना होगा। प्रसव अपने आप में एक जटिल प्रक्रिया है। लेकिन, समय पर प्रसव होने से जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित रहते हैं। प्रसव की सटीक जानकारी के लिए गर्भवती महिलाएं नियमित एएनसी जांच कराएं। साथ ही, प्रसव पीड़ा शुरू होने की स्थिति में गर्भवतियों को चिकित्सक के पास ले जाया जा सके। ताकि, उनके प्रसव के पूर्व और उसके दौरान जटिलताओं को दूर किया जा सके।

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