ओडिशा में तूफान के चलते 35 लाख घर अंधेरे में डूबे 1 लाख 56 हजार खंभे और कई ट्रांसमिशन टावर उखड़े…

नई दिल्ली हाल ही में ओडिशा में आए फैनी तूफान को 1999 के बाद से सबसे ताकतवर तूफान करार दिया जा रहा है।हालांकि, मौसम विभाग द्वारा सटीक चेतावनी और सरकार के प्रयासों की वजह से जानमाल का नुकसान काफी कम हुआ था।तूफान ओडिशा के तट से 3 मई को टकराया था।रिपोर्ट्स के मुताबिक, तूफान के टकराने के बाद पुरी, भुवनेश्वर, कटक और खुर्दा में कई इमारतों को नुकसान पहुंचा और बिजली सप्लाई बाधित हुई।करीब 35 लाख लोगों को तूफान के गुजर जाने के बाद भी अंधेरे में रहना पड़ा।अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ओडिशा में तूफान के पहले और बाद में बिजली के हालात की फोटो जारी की है।नासा ने दो दिन की फोटो जारी की हैं।30 अप्रैल की (तूफान टकराने के पहले) फोटो में ओडिशा के ज्यादातर इलाकों में बिजली दिख रही है।जबकि 5 मई (तूफान टकराने के दो दिन बाद) की फोटो में कई इलाकों में बिजली नहीं है।तूफान के चलते कई ट्रांसमिशन टॉवर्स और 1 लाख 56 हजार खंभे उखड़ गए।
20 साल पहले यानी 1999 में इसी तरह का सुपर साइक्लोन ओडिशा से टकराया था।तब करीब 10 हजार लोग इस आपदा का शिकार बने थे।इस बार क्षति इसलिए कम हुई, क्योंकि राज्य और केंद्र सरकार को काफी पहले तूफान की जानकारी मिल चुकी थी।किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी युद्धस्तर पर की गई थी। इस बार 12 लाख लोगों को बचाया गया।26 लाख लोगों को मैसेज कर तमाम जानकारियां दी गईं।इसके अलावा 43 हजार कर्मचारियों और वॉलंटियर्स को हालात से निपटने के लिए तैनात किया गया था।सरकार और मौसम विभाग ने अच्छा काम किया: यूएन
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के डिजास्टर रिस्क रिडक्शन विभाग ने कहा-सरकार की जीरो कैजुअलटी पॉलिसी और मौसम विभाग के वॉर्निंग सिस्टम से मिली सटीक चेतावनियों के चलते नुकसान को काफी कम कर दिया गया।जान-माल के नुकसान के लिहाज से देखा जाए तो उन लोगों ने अच्छा काम किया।सटीक चेतावनियों के चलते वक्त रहते 10 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया।300 हाईपावर बोट हर पल तैनात रहीं।
रिपोर्ट-दिल्ली संवाददाता