पीरपैंती-शिव नारायनपुर रेलखंड पर 1860 में बने ककरघट रेल पुल संख्या 99 को वैज्ञानिकों की टीम ने महज.86 सेकेंड में उड़ा दिया।इसके लिए दो दिनों से तैयारी चल रही थी।सोमवार की रात-भर लगभग 200 किलो बारूद भरने का काम किया गया।पुल को ध्वस्त करने के लिए…मंगलवार को 11:30 बजे पूर्वाह्न में रेलवे ने चार घंटे का मेगा ब्लाक कर दिया और 11:47 बजे पुल को एक सेकेंड से कम समय में चकनाचूर हो गया।ब्लास्ट देखने के लिए क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे।लेकिन रेलवे एवं पीरपैंती प्रशासन ने वैज्ञानिकों की सलाह से लोगों को कम से कम 300 मीटर दूर कर दिया।रेल पुल ध्वस्त करने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी भारत सरकार के सी.एस. आई.आर.सी.आई. एमएफआर धनबाद के राकेश कुमार सिंह,रामा शंकर यादव डॉ.सोम लियॉन,नारायण कुमार भगत एवं नन्द हेम्ब्रम की पांच सदस्यीय टीम पहुंची थी।टीम ने निदेशक डॉ.पीके सिंह एवं हेड डॉ.पीपाल राय के निर्देश पर ड्रिलिंग से लेकर ब्लास्टिंग का कार्य किया गया।टीम राकेश सिंह ने बताया कि आस-पास की सुरक्षा के लिए कंट्रोल ब्लास्ट डिजाइन तैयार किया गया था।इसमें कोई पत्थर या किसी चीज का टुकड़ा आदि नहीं उड़ता है।उन्होंने बताया कि इसकी ड्रिलिंग दो दिन पूर्व शुरू की गई थी।कुल 274 होल में रात-भर बारूद भरा गया।श्री सिंह ने बताया कि पुल पर जहां पत्थर या टुकड़ा उड़ने की संभावना थी वहां अल्यूमिनियम,टीन सीट तथा बालू भरा बोरा सुरक्षा के लिए रखदिया गया था।बताते चलेकि उप मुख्य अभियंता निर्माण जमालपुर जितेन्द्र कुमार,जिला अभियंता निर्माण साहेबगंज विकास कुमार,सहायक अभियंता विजेंद्र सिंह सहित निर्माण कंपनी हरदेव कंस्ट्रक्शन देवघर के अवतार सिंह,मैनेजर शशि कुमार मेहता,प्रमोद जायसवाल,भागीरथ यादव आदि भी उपस्थित थे।पीरपैंती थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार जवानों के साथ मौजूद थे।बहरहाल पुल ब्लास्ट के कुछ ही देर बाद तीन-चार जेसीबी मशीन से मलबों की सफाई करा दी गयी।पीरपैंती के स्टेशन अधीक्षक ए० कुमार ने बताया कि मलबा हटाने के बाद ट्रेनों का परिचालन शुरू करा दिया गया। वहीं अगले दो माह में पुल के समीप नये पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा।निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।