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हाथ की नसें काट रेता गला बुआ की शादी रोकने के लिए किडनैप होने की चर्चा….
बिहार के मधुबनी जिले में इनदिनों नैंसी मर्डर केस की चर्चा है।बताया जा रहा है कि नैंसी की बुआ की शादी होने वाली थी लेकिन कोई ऐसा है जो नहीं चाहता था कि ये शादी हो। इसके लिए उसने 12 साल की नैंसी को स्कूल से आते वक्त किडनैप कर लिया और फिर निर्मम तरीके से उसकी हत्या कर लाश को फेंक दिया।महादेवगढ़ गांव की नैंसी झा का झुलसा हुआ शरीर नदी में इसी महीने 27 मई को मिला था।बताया जा रहा है कि जिन दो लड़कों ने नैंसी को मारा, उनको अरेस्ट किया गया है।आरोपी नहीं चाहते थे कि नैंसी की बुआ की शादी हो।इसलिए शादी के ठीक एक दिन पहले,जब नैंसी महंदी की रस्म के लिए स्कूल से घर लौट रही थी तब दो लड़के बाइक पर आए और उसे उठा ले गए।बता दें कि 25 मई को नैंसी को किडनैप किया गया था।नैंसी के पिता के मुताबिक, उन्होंने FIR दर्ज करवाई थी लेकिन पुलिस ने तत्काल कोई एक्शन नहीं लिया।नैंसी के दादा सत्येंद्र झा के मुताबिक, नैंसी उनसे हमेशा कहती थी कि वो डीएम बनेगी।उन्होंने आरोप लगाया कि उनके


पड़ोसी पवन कुमार झा और उसके साथी लल्लू झा ने ये सब किया है।उन्होंने बताया कि 6 साल पहले उनके फैमिली की एक लड़की के साथ पवन ने छेड़खानी की थी जिसके बाद उसकी पिटाई हुई थी।इसी का बदला लेने के लिए आरोपियों ने ऐसा किया।मधुबनी के एसपी दीपक बर्नवाल के मुताबिक, मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।उनके मुताबिक, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में


गला दबाकर हत्या की बात सामने आई है।मामले की जांच चल रही है।इस मामले में SIT का गठन भी हुआ है।बतादें कि नैंसी के पिता रवीन्द्र नारायण झा एक प्राइवेट स्कूल के संचालक हैं जबकि उसकी मां सरकारी स्कूल में टीचर है।मधुबनी से बड़ी खबर आ रही है।चर्चित नैंसी हत्याकांड के गुनाहगारों को पुलिस ने आखिरकार दबोच लिया है।मासूम नैंसी का हत्यारा कोई और नहीं बल्कि उसके खुद के चाचा ही निकले।जानकारी के मुताबिक पुलिस हिरासत में रखे गए नैंसी के चाचा राघवेंद्र और पंकज ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है।एसपी दीपक वर्णवाल ने बताया कि सख्ती से हुई पूछताछ के बाद नैंसी के दोनों चाचा ने नैंसी की हत्या के पीछे के सारे राज उगल दिए।दोनों ने बताया कि नैंसी के बुआ का किसी के साथ प्रेम संबंध था।जिसकी जानकारी नैंसी को भी हो गई थी।इधर, नैंसी के बुआ का रिश्ता कहीं और तय कर दिया गया था।जिसके बाद नैंसी के चाचा को लगा कि कहीं नैंसी यह बात कहीं और न बोल दे।इसी डर की वजह से नैंसी का उनलोगों ने 25 मई को अपहरण कर लिया था।जबकि नैंसी के बुआ की शादी 26 मई को होनी थी।नैंसी कहीं राज न उगल दे इस डर से दोनों चाचा ने मिलकर नैंसी की बेरहमी से गला दबा हत्याकर दी वहीं अगले दिन अपनी बहन की शादी भी संपन्न कराई।शादी के एक दिन बाद यानी 27 मई को दरिंदा चाचा ने अपनी भतीजी नैंसी का शव बाहर फेंक दिया।बता दें कि काफी चर्चा में आये नैंसी झा हत्याकांड की मिस्ट्री सुलझाने के लिए एक SIT का गठन किया गया था।SIT की टीम ने 5 जून को नैंसी के चाचा राघवेंद्र और पंकज को शक के बिनाह पर हिरासत में लिया था।पुलिस ने बताया कि राघवेंद्र और पंकज के फ़ोन का रिकॉर्ड खंगालने पर दोनों पर शक बढ़ता गया।दोनों से अलग-अलग पूछताछ के बाद दोनों के बयानों में काफी अंतर पाया गया।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर