टॉपर घोटाला का उजागर होने के बाद जब पुन:30 नवंबर को कार्यपालक सहायक की परीक्षा ली गई।इस परीक्षा में पूर्व के टॉपर रहे तीन परीक्षार्थी इस परीक्षा में असफल हो गए।कार्यपालक सहायक के चयन में अनियमितता उस वक्त सामने आई थी।जब बिहार टॉपर घोटाला का मामला चल रहा था। सात माह पूर्व कार्यपालक सहायक परीक्षा के टॉपर मार्केंडेय कुमार यादव का जब¨स्टग किया गया तो सच सबके सामने आ गया था।टॉपर मार्केंडेय कुमार यादव के टाइ¨पग की स्पीड का मामला अखबार व टीवी चैनलो में खूब छाया रहा।जिसके बाद पुन: कॉपी की जांच कराई गई।इस जांच में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पायी गयी। इसके बावजूद भी जिलाधिकारी के आदेश पर 30 नवम्बर को पुन: टाइ¨पग टेस्ट लिया गया। इस टेस्ट परीक्षा में पूर्व परीक्षा में टॉप 10 स्थान पाने वाले केवल सात परीक्षार्थी ही इस परीक्षा में सफल हो पाए।हालांकि जिला प्रशासन ने अब तक टॉप 10 का लिस्ट जारी नहीं किया है,लेकिन सम्भावित टॉप 10 में एक नंबर पर जय नारायण यादव रह सकते है।जो पिछली परीक्षा परिणाम में छठे स्थान पर थे।
रिपोर्ट:-धर्मेन्द्र सिंह