R.T.Iदेशब्रेकिंग न्यूज़राज्य

RTI के तहत नोटबंदी का ब्योरा देने से किया इनकार,क़ानून बनाने वाले ही तोड़ने लगे तो आम आदमी जाएँ तो जाएँ कहा…?

नोटबंदी के बाद जारी की गई मुद्रा की मात्रा अौर अन्य जानकारी देने से सरकार ने इनकार कर दिया। सरकार ने विदेशों में जमा कालेधन समेत अायकर चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को सतत प्रक्रिया बताया है, लेकिन नोटबंदी के फैसले और बैठकों से जुड़ा ब्योरा यह कहते हुए देने से इंकार किया है कि ऐसी सूचना जारी करने का देश के आर्थिक हितों पर बुरा असर पड़ सकता है। सूचना का अधिकार (अारटीअाई) के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय से 8 नवंबर 2016 के नोटबंदी के फैसले के संबंध में देश में अब तक जारी की गई मुद्रा की मात्रा, प्रकार और आरबीआई की नोटिंग समेत कुछ और जानकारियां मांगी गई थीं।प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमअो) ने अपने जवाब में कहा कि आवेदक की ओर से मांगी गई जानकारी का खुलासा होने पर देश के आर्थिक हितों पर हानिकारक प्रभाव पड़

सकता है और उसे ऐसी जानकारी को अारटीअाई अधिनियम 2005 की धारा 8 (1) (अ) के तहत जारी करने से छूट प्राप्त है। अारटीअाई के तहत देश में चल रहे कारोबार में होने वाले वार्षिक लेनदेन और देश की अर्थ व्यवस्था के संचालन में उपयोग में आने वाले रुपये की मात्रा, वैध और अवैध रुपये की मात्रा और इन विषयों पर जांच और सर्वेक्षण रिपोर्ट की जानकारी भी पीएमओ ने देने से इनकार कर दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि यह आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा 2 (एफ) के तहत सूचना की परिभाषा के दायरे में नहीं आता है।इसके अलावा पुराने नोट बदलने और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में उठाये गए कदमों के दौरान बैंकों और डाकघरों से जुड़ी अनियमितताओं की शिकायतों की जानकारी मांगे जाने पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी व्यापक है और ऐसी सूचना जमा करने के लिए कर्मचारियों को अलग से इस काम में लगाना होगा जिससे रूटीन कामकाज प्रभावित होगा। बता दें कि दिल्ली स्थित अारटीअाई कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद ने प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय से 8 नवंबर 2016 के सरकार के नोटबंदी के निर्णय से जुड़ा ब्योरा और विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने के संदर्भ में उठाये गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी थी।

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर-सह-आरटीआई कार्यकर्ता 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button