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आइटी अधिकारी शमशेर अली पर जानलेवा हमला मामले में अभी तक पुलिस का हाथ खाली….
सारण जिला के गौराओपी क्षेत्र के सलिमापुर में आइटी अधिकारी शमशेर अली पर जानलेवा मामले में पुलिस अभी भी खली हाथ है।जिसमे की मौकेपर अधिकारी के के ड्राइवर के मौत हो गया।इस हमला का खबर पुर प्रदेश में आग की तरह फैल गया एवं मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र के आइजी सुनील कुमार,सारण प्रक्षेत्र के डीआइजी अजीत कुमार एक सारण एसपी अनुसूईया रणसिंह साहू ने जाकर घटना का जाँच किया।इस हमले के बाद घायल अधिकारी को मढौरा पीएचसी में ईलाज के लिए भर्ती कराया गया जिसके बाद तुरन्त पीएचसी सदर अस्पताल एवं सदर अस्पताल पीएमसीएच रेफर कर दिया।वही मृतक ड्राइवर अनिल कुमार सिंह को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।हमले में आइटी अधिकारी ने कोई एफआईआर नही कराया और नही थानाध्यक्ष ही कोई FIR
किए है।सलिमापुर पंचायत के मुखिया अरुण सिंह के शिकायत पर मढौरा थाना काण्ड संख्या 136/17 में एक एफआईआर किया गया है।जिसमे उन्होंने कहा है कि यह हमला मेरे ऊपर किया गया है क्योंकि मेरी पत्नी जिला परिषद अध्यक्ष है एवं उनके गाड़ी में भी लालबत्ती लगा है हमलावरों ने मेरे पत्नी की गाड़ी को समझ कर ही हमला किया है जिसमें एक निर्दोष व्यक्ति मारे गए।उनके शिकायत में पूर्व विजय कुमार सिंह उर्फ मुन्ना ठाकुर,पूर्व मुखिया संजय कुमार सिंह उर्फ टुन्ना ठाकुर, संतोष कुमार सिंह उर्फ लालू ठाकुर, शिवजी ठाकुर,लालमोहन सिंह,जितेंदर कुमार सिंह,चन्दन कुमार ,राजेश कुमार सिंह एवं तीन-चार अज्ञात को आरोपी बनाया गया है।बताते चले कि इस काण्ड के आरोपी गौरा ओपी क्षेत्र के सलिमापुर निवासी के पिताब्रमबाबू सिंह ने सारण डीआइजी, सारण एसपी एवं मढौरा एसडीपीओ को आवेदन देकर कहा है कि मेरा पुत्र 07/04/2017 को ही बरौनी गोन्दिया एक्सप्रेस से रायपुर गया फिर वहॉ से 10/04/2017 को बिलासपुर एनाकुलम सुपरफास्ट से अपने भाई और भाभी के साथ भतीजे का मुण्डन कराने गया है वहाँ जाकर वह 11/04/2017 को तिरुमाला तिरुपतिब देवस्थानम्स होटल ठहरा है।इस सभी यात्रा का टिकट सलग्न किया गया है और वे अपने आवेदन में अरुण सिंह पर चुनाव में वोट नही देने पर फसाने का आरोप लगाया है एवं पुलिस से निक्षपक्ष जांच का आग्रह किया है।वही नेथुआ निवासी पूर्व मुखिया संजय कुमार सिंह उर्फ टुन्ना ठाकुर की पत्नी नीरू देवी ने डीजीपी, आइजी, डीआइजी, एसपी एवं एसडीपीओ सभी को पत्र लिखकर कहा है कि 02/03/2016 को छपरा से लौटते समय नगरा ओपी क्षेत्र के रामचौरा पल के पास मेरे पति के गाड़ी पर हत्या की नियत से आंधाधुंध फायरिंग की गया जिसमे ये बालबाल बचे।इनके बयान पर अरुण सिंह आदि के नाम से खैरा थाना काण्ड संख्या 37/16 में एफआईआर दर्ज किया गया किन्तु कोई करवाई नही होने पर मेरे पति पटना हाइकोर्ट में शिकायत की जसको कोर्ट ने संज्ञान लेकर सारण एसपी को छः माह के अंदर जॉच कर करवाई करने का निर्देश
दिया।तत्कालीन एसपी पंकज कुमार राज ने कोर्ट का के आदेश को नही माना और कोई करवाई नही कि जिसके पति ने 07/03/2016 तत्कालीन एसपी के ऊपर कोर्ट अवमानना वाद दायर किये।जिसके बाद अरुण सिंह अपने को फसते देख बैचैन होकर मेरे परिवार पर झूठा केस किये है कि उन पर जो केस है उसमें सुलह हो जायेगा। अरुण सिंह पर खैरा थाना काण्ड संख्या-37/16 एवं बनियापुर काण्ड संख्या-96/16 फरार चल रहे है तथा उनके ऊपर हत्या, हत्या का साजिश रचने एवं आर्मस एक्ट जैसे कई संगीन मामले दर्ज है और पुलिस करवाई नही कर रही है।घटना के समय वे अपराधियो के साथ पंचायत भवन पर जमा होकर मीट-दारू का पार्टी कर रहे थे। इन्ही अपराधियो के द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया है।इस घटना में जख्मी अधिकारी हमेशा मढौरा आते-जाते है एवं इस काण्ड के सूचक अरुण सिंह के मढौरा घर के सामने डॉ० मंजू सिंह के यहाँ एक नर्स रहती है उसके लड़की से उनका गलत समंध है घटना कारण यह भी हो सकता है।पुलिस मामले में गम्भीरता से जांच करे तो अरुण